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शनिवार, 7 सितंबर 2013

एक सरकारी मुलाजिम ऐसा भी!

एक सरकारी मुलाजिम ऐसा भी!

रुपये का मूल्य गिरता जा रहा है. डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छु रहे हैं. ऐसे में कुछ लोग सरकार और नियति को कोसने के वजाय समाज के लिए उदाहरण बनकर सामने आते हैं. ऐसा ही कुछ किया है बिहार के एक जिलाधिकारी ने, जिन्होंने पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने के लिए अनोखा तरीका तलाशा है.

एक ओर जहां केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री एम़ वीरप्पा मोइली पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने के उपाय तलाश रहे हैं, वहीं बिहार के कैमूर जिले के जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने न केवल अगले एक सप्ताह तक सभी अधिकारियों से सरकारी वाहन का इस्तेमाल न करने की अपील की है, बल्कि खुद भी पिछले सोमवार से दो किलोमीटर पैदल चलकर अपने कार्यालय पहुंच रहे हैं।

कुमार ने एक मुहीम छेड़ी है की घर से ऑफिस के रास्ते में वे आम लोगों को भी कम से कम वाहन का प्रयोग करने के लिए जागरूक करेंगे। उन्होंने अपने साथ चलने वाले वाहनों के काफिलों पर भी रोक लगा दी है। जिलाधिकारी ने बिजली नहीं रहने पर अपने आवास और कार्यालय में दिन के एक बजे से लेकर तीन बजे तक जेनरेटर सेट को भी बंद रखने का आदेश दिया है।

उन्होंने एक सप्ताह तक अधिकारियों से मुख्यालय के बाहर होने वाली बैठकों में भाग लेने के लिए यात्री बस और रेलगाड़ी में सफर करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि सरकारी वाहनों का प्रयोग सिर्फ विधि-व्यवस्था के कार्य में ही होगा।

कुमार आम लोगों से भी सड़क जाम न करने और अनावश्यक विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न करने की अपील की है। इनका मानना है कि केवल मुश्किल समय में वाहनों का उपयोग किए जाने से पेट्रोल और डीजल की खपत को कम किया जा सकता है और देश को आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिल सकती है।

ऐसे हौसले और संकल्प को सलाम!!

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