जब बैंकों में अवकाश होता है तो आम जनता गालियां निकालने लगती है जबकी बैंकिंग के और भी साधन हैं। लेकिन हर साल 31 तारीख को बैंक रात 8 बजे तक खुले रहते हैं ग्राहक की सुविधा के लिए इसकी तारीफ कोई नहीं करता। ये यह चीज़ साबित करता है कि आज भी इंसान में सिर्फ बुराई देखने की क्षमता है।
अखबारों में ये बड़े बड़े शब्दों में छपता है कि फलाना बैंक के फलां शाखा में फ्रॉड हुआ लेकिन कोई भी अखबार ये कभी नहीं दिखता की किसी केशियर को 1 लाख की पेमेंट करनी थी उसने गलती से 2000 के नोट की गड्डी ग्राहक को दे दी और ग्राहक ने लौटाना मुनासिब नहीं समझा, अंततः केशियर को अपनी जेब से एक लाख की रकम भरनी पड़ी।
अखबार और बिकी मीडिया ये तो बढ़ चढ़ के दिखाती है कि बैंक 4 दिन लगातार बन्द रहेंगे लेकिन यही मीडिया ये नहीं बताती कि आप बैंकिंग इंटरनेट, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, bhim, इत्यादि चीजों से कर सकते हो। ये मीडिया ये भी नहीं दिखाती कि बाकी सरकारी विभाग भी बंद रहेंगे, अगर वहां काम करना है तो जल्दी करा लो।
लोगों को रेलवे विभाग से कोई आपत्ति नहीं, की रेलगाड़ी २४-२४ घंटे देरी से क्यों आ रही है। आम जनता को इससे भी कोई आपत्ति नहीं, की शिक्षा का स्तर नीचे और फीस ऊपर जा रही है। लोगों को इससे भी कोई आपत्ति नहीं, कि जो पत्र उनके पास २ दिन पहले आ जाना चाहिए था वो indian post में अवकाश की वजह से २ दिन देरी से आया। आम जनता को इससे भी कोई आपत्ति नहीं, कि जब वो 10 का सिक्का दुकानदार को देता है और दुकानदार नहीं लेता। दुकानदार 10 का सिक्का ना ले तो ठीक है, बैंक वाले ना लें तो लिखित में मांगते हैं। भाई इतना ही है तो उस दुकान वाले से भी मांगो लिखित में। लेकिन लोगों को इस बात से आपत्ति है कि बैंक वाले दोपहर में भोजन क्यों करते हैं। लोगों को इस बात से आपत्ति है कि बैंक वाले शाम कैश बन्द होने के बाद भी कैश क्यों नहीं देते। लोगों को इस बात से आपत्ति है कि चेक पे अमाउंट में 7000 और शब्दों में सत्तर हजार लिखा है तो पेमेंट क्यों नहीं हो रही।
अगर आप लोगों को इतनी ही आपत्ति है तो बैंक में खाता खुलवा के मोबाइल बैंकिंग, atm, इंटरनेट बैंकिंग ले लीजिए। पैसे निकालने हैं तो ATM जाइये, NEFT/RTGS करनी है तो इंटरनेट बैंकिंग करिए, बैलेंस चेक करना है तो मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग करिए। पासबुक की जगह इंटरनेट बैंकिंग से स्टेटमेंट निकालिये। और अगर आप ये दलील देते हैं कि हर बंदा ये सब नहीं कर सकता तो मैं आपको बता दूं, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग फेसबुक चलाने से भी आसान है।
जहां समस्या है वहां समाधान भी है।
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