अजीनोमोटो: यह धीमा जहर है।
सफेद
रंग का चमकीला सा दिखने वाला मोनोसोडि़यम ग्लूटामेट यानी अजीनोमोटो, एक
सोडियम साल्ट है। अगर आप चाइनीज़ डिश के दीवाने हैं तो यह आपको उसमें जरूर
मिल जाएगा क्योंकि यह एक मसाले
के रूप में उनमें इस्तमाल किया जाता है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में जहर यह धीमा खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है।
के रूप में उनमें इस्तमाल किया जाता है। शायद ही आपको पता हो कि यह खाने का स्वाद बढ़ाने वाला मसाला वास्तव में जहर यह धीमा खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि हमारी स्वाद ग्रन्थियों के कार्य को दबा देता है जिससे हमें खाने के बुरे स्वाद का पता नहीं लगता। मूलतः इस का प्रयोग खाद्य की घटिया गुणवत्ता को छिपाने के लिए किया जाता है। यह सेहत के लिए भी बहुत खतरनाक होता है।
अजीनोमोटो को हम इसके व्यापारिक नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से
भी जानते है. इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भी जानते है. अजीनोमोटो
की कंपनी का मुख्य कार्यालय चोओ, टोक्यो में स्थित है. यह 26 देशों में
काम करता है. 2013 के वित्तीय वर्ष में इसका वार्षिक राजस्व करीब 12 अरब
अमेरिकी डॉलर है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन की खाद्य पदार्थो में खाने के
स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. पहले हम अधिकांशतः घर पर बने खाने को
खाते थे, लेकिन अब लोग चिप्स, पिज्ज़ा और मैगी जैसे खाने को ज्यादा पसंद
करने लगे है जिनमे अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है. इसका इस्तेमाल कई
डिब्बाबंद फ़ास्ट फ़ूड सोया सॉस, टोमेटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी
संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है.
अजीनोमोटो और उसके लाभ एवं नुकसान
अजीनोमोटो का इतिहास (What is Ajinomoto history)
अजीनोमोटो को पहली बार 1909 में जापानी जैव रसायनज्ञ किकुनाए
इकेडा के द्वारा खोजा गया था. उन्होने इसके स्वाद को मामी के रूप में
पहचाना जिसका अर्थ होता है सुखद स्वाद. कई जापानी सूप में इसका इस्तेमाल
होता है. इसका स्वाद थोडा नमक के जैसा होता है. देखने में यह चमकीले छोटे
क्रिस्टल के जैसा होता है. इसमें प्राकृतिक रूप से एमिनो एसिड पाया जाता
है.
अजीनोमोटो का उपयोग (Ajinomoto uses)
- अजीनोमोटो 1908 में एक ब्रांड के रूप में व्यावसायिक तौर पर आया, किन्तु आज दुनिया के हर कुक खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते है.
- एमएसजी का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है, लेकिन इसको लेकर कुछ ग़लतफ़हमी भी है जो कि वैज्ञानिक रूप से अभी प्रमाणित नहीं हुई है इसका इस्तेमाल सब्जियों के मसाले में किया जाता है.
- इसका उपयोग विशेष रूप से चायनीज़ खाने में किया जाता है. यदि किसी सामान्य या चायनीज़ खाने को स्वादिष्ट बनाना है तो लोग इसका इस्तेमाल करते है.
- चायनीज़ खाने जैसे नूडल्स, सूप आदि कई प्रकार के खाने के व्यंजन में इसका इस्तेमाल किया जाता है
अजीनोमोटो के लाभ (Ajinomoto benefit)
कुछ खाद्य पदार्थो में प्राकृतिक रूप से ग्लूटामेट पाया जाता है
जैसे टमाटर, समुद्री मछलियों, पनीर और मशरूम में ये प्रचुर मात्रा में पाए
जाते है, जिससे इसमें अलग से इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता और यह हानिकारक
भी नहीं होता है. इसलिए अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ है और उसको इसे खाने से कोई
समस्या नहीं है तो उसे इसका सेवन करने में कोई परेशानी नहीं होगी. यू. एस.
फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एमएसजी के सेवन को सामान्य रूप से
सुरक्षित माना है.
अजीनोमोटो के नुकसान (Ajinomoto side effects)
एमएसजी का इस्तेमाल पहले चीन की रसोई में होता था, लेकिन अब ये
धीरे धीरे हमारे भी घरों की रसोई में अपना पैठ बना चूका है. अपने समय को
बचाने के लिए जो हम 2 मिनट में नुडल्स को तैयार कर ग्रहण करते है इस तरह के
अधिकांशतः खाद्य पदार्थो में यह पाया जाता है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को
नुकसान पहुंचाते है.
- यह एक प्रकार से नशे की लत जैसा होता है अगर आप एक बार अजीनोमोटो युक्त भोजन को ग्रहण कर लेते है, तो आप उस भोजन को नियमित खाने की इच्छा रखने लगेंगे.
- इसके सेवन से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. जब आप एमएसजी मिले पदार्थो का सेवन करते है, तो रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है. जिस वजह से इसका शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.
- एमएसजी को एक धीमा हत्यारा भी कहा जा सकता है. यह आँखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह थायराईड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है.
अजीनोमोटो का इस्तेमाल हानिकारक है (Ajinomoto harmful effects)
हो जाते है आदी
इसके सेवन से हम सोडियम ग्लूटामेट के आदी हो जाते हैं, हम कुछ भी खा लें
लेकिन हमारी भूख शांत नहीं हेाती हैं जब तक की शरीर को एक बार फिर सोडियम
ग्लूटामेट नहीं मिल जाएं। इसका मस्तिष्क में बिल्कुल वैसा ही प्रभाव
पड़ता है जैसे ड्रग्स के बाद मस्तिष्क आदी हो जाता हैं।
मूत्र संबंधी समस्या
सोडियम ग्लूटामेट के सेवन से हमारे शरीर में मूत्र संबंधी परेशानियों का
भी निर्माण होने लगता है, जिसके कारण मूत्राशय में बार बार दर्द होने लगता
है।
बीपी में जहर के समान
जिन लोगों को ब्लडप्रेशर की शिकायत हे, उनके लिए सोडियम ग्लूटामेट किसी
जहर से कम नहीं हैं, इसके सेवन से बीपी हाई या लो हो सकती है। इसके अलावा
इससे दिल की संबंधी बीमारियां होने का भी खतरा रहता है।
प्रेगनेंसी में भूलकर भी न करें सेवन
गर्भवती महिलाओं को सोडियम ग्लूटामेट से दूर रहना चाहिए क्योंकि इसके
सेवन से होने वाले बच्चें पर मानसिक और शारीरिक विकास पर काफी असर पड़
सकता है।
आंखों पर भी असर
सोडियम ग्लूटामेट, आंखों पर भी असर डालता है। इसके ज्यादा सेवन से कहीं न
कहीं आंखों की रोशनी क्षीण होने लगती हैं।
अन्य नुकसान
सोडियम ग्लूटामेट के सेवन से चेहरे पर भी इसका असर नजर आने लगता हैं। इसके
सेवन से चेहरे पर सूजन आने लगती है और शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या
होने लगती है। कभी भी मुंह सूखने लगता हैं।
*
सिर दर्द, पसीना आना और चक्कर आने जैसी खतरनाक बीमारी आपको अजीनोमोटो से
हो सकती है। अगर आप इसके आदि हो चुके हैं और खाने में इसको बहुत प्रयोग
करते हैं तो यह आपके दिमाग को भी नुकसान कर सकता है।
* इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्वचा में खिंचावमहसूस होना इसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
* इसका ज्यादा प्रयोग से धीरे धीरे सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और आलस भी पैदा कर सकता है और ह्रदय की मांसपेशियों में खिचाव होने लगता है. । इससे सर्दी-जुखाम और थकान भी महसूस होती है। इसमें पाये जाने वाले एसिड सामग्रियों की वजह से यह पेट और गले में जलन भी पैदा कर सकता है।
* इसको खाने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। चेहरे की सूजन और त्वचा में खिंचावमहसूस होना इसके कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
* इसका ज्यादा प्रयोग से धीरे धीरे सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत और आलस भी पैदा कर सकता है और ह्रदय की मांसपेशियों में खिचाव होने लगता है. । इससे सर्दी-जुखाम और थकान भी महसूस होती है। इसमें पाये जाने वाले एसिड सामग्रियों की वजह से यह पेट और गले में जलन भी पैदा कर सकता है।
* पेट के निचले भाग में दर्द, उल्टी आना और डायरिया इसके आम दुष्प्रभावों में से एक हैं।
* अजीनोमोटो आपके पैरों की मासपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्शिम लिया गया हो, उसे कम कर देता है।
* उच्च रक्तचाप की समस्या से घिरे लोगों को यह बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ और घट जाता है।
* व्यक्तियों को इससे माइग्रेन होने की समस्या भी हो सकती है। आपके सिर में दर्द पैदा हो रहा है तो उसे तुरंत ही खाना बंद कर दें।
* अजीनोमोटो की उत्पादन प्रक्रिया भी विवादास्पद है : कहा जाता है कि इसका उत्पादन जानवरों के शरीर से प्राप्त सामग्री से भी किया जा सकता है।
*अजीनोमोटो बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। इसके कारण स्कूल जाने वाले ज्यादातर बच्चे सिरदर्द के शिकार हो रहे हैं। भोजन में एमएसजी का इस्तेमाल या प्रतिदिन एमएसजी युक्त जंकफूड और प्रोसेस्ड फूड का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एमएसजी युक्त डाइट बच्चों में मोटापे की समस्या का एक कारण है। इसके अलावा यह बच्चों को भोजन के प्रति अंतिसंवेदनशील बना सकता है। मसलन, एमएसजी युक्त भोजन अधिक खाने के बाद हो सकता है कि बच्चे को किसी दूसरी डाइट से एलर्जी हो जाए। इसके अलावा, यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित समस्याओं का भी एक कारण है। छिपा हो सकता है अजीनोमोटो अब पूरी दुनिया में मैगी नूडल बच्चे बड़े सभी चाव से खाते हैं, इस मैगी में जो राज की बात है वो है Hydrolyzed groundnut protein और स्वाद वर्धक 635 Disodium ribonucleotides यह कम्पनी यह दावा करती है कि इसमें अजीनोमोटो यानि MSG नहीं डाला गया है। जबकि Hydrolyzed groundnut protein पकने के बाद अजीनोमोटो यानि MSG में बदल जाता है और Disodium ribonucleotides इसमें मदद करता है।
* अजीनोमोटो आपके पैरों की मासपेशियों और घुटनों में दर्द पैदा कर सकता है। यह हड्डियों को कमज़ोर और शरीर द्वारा जितना भी कैल्शिम लिया गया हो, उसे कम कर देता है।
* उच्च रक्तचाप की समस्या से घिरे लोगों को यह बिल्कुल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ और घट जाता है।
* व्यक्तियों को इससे माइग्रेन होने की समस्या भी हो सकती है। आपके सिर में दर्द पैदा हो रहा है तो उसे तुरंत ही खाना बंद कर दें।
* अजीनोमोटो की उत्पादन प्रक्रिया भी विवादास्पद है : कहा जाता है कि इसका उत्पादन जानवरों के शरीर से प्राप्त सामग्री से भी किया जा सकता है।
*अजीनोमोटो बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। इसके कारण स्कूल जाने वाले ज्यादातर बच्चे सिरदर्द के शिकार हो रहे हैं। भोजन में एमएसजी का इस्तेमाल या प्रतिदिन एमएसजी युक्त जंकफूड और प्रोसेस्ड फूड का असर बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एमएसजी युक्त डाइट बच्चों में मोटापे की समस्या का एक कारण है। इसके अलावा यह बच्चों को भोजन के प्रति अंतिसंवेदनशील बना सकता है। मसलन, एमएसजी युक्त भोजन अधिक खाने के बाद हो सकता है कि बच्चे को किसी दूसरी डाइट से एलर्जी हो जाए। इसके अलावा, यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित समस्याओं का भी एक कारण है। छिपा हो सकता है अजीनोमोटो अब पूरी दुनिया में मैगी नूडल बच्चे बड़े सभी चाव से खाते हैं, इस मैगी में जो राज की बात है वो है Hydrolyzed groundnut protein और स्वाद वर्धक 635 Disodium ribonucleotides यह कम्पनी यह दावा करती है कि इसमें अजीनोमोटो यानि MSG नहीं डाला गया है। जबकि Hydrolyzed groundnut protein पकने के बाद अजीनोमोटो यानि MSG में बदल जाता है और Disodium ribonucleotides इसमें मदद करता है।
तंत्रिका पर प्रभाव – एमएसजी तंत्रिका को
प्रेरित कर उसमे असंतुलन पैदा कर सकती है इस वजह से गर्दन में अकडन या
खिचाव के साथ शरीर में झुनझुनी पैदा होने लगती है. इसके सेवन से अल्झाइमर,
हन्तिन्ग्तिओन और पार्किन्सन, मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जैसी लक्षण पैदा होने
लगते है. अजीनोमोटो एक नयूरोत्रन्स्मित्टर है जो अनिंद्रा जैसे विकारों के
भी लक्षण पैदा कर सकते है.
बाँझपन – गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं
करना चाहिए, क्योकि ये महिला और बच्चे के बीच भोजन आपूर्ति में बाधक बन
सकता है. साथ ही यह मस्तिष्क के नयूरोंस पर भी बुरा प्रभाव डालता है यह
शरीर में सोडियम की मात्रा को बढ़ा देता है जिस वजह से रक्तचाप बढ़ने का खतरा
बढ़ जाता है. साथ ही पैरों में सूजन की भी समस्या होने लगती है.
अजीनोमोटो के लिए निष्कर्ष (Ajinomoto conclusion)
किसी भी चीज का अधिक सेवन हमे लाभ पहुंचाने के बदले नुकसान ही
पहुंचाते है. अजीनोमोटो का भी जरुरत से ज्यादा या लगातार इस्तेमाल किसी अति
संवेदनशील व्यक्ति को नुकसान पंहुचा सकता है. इसलिए जब भी आप इसका सेवन
करे ऊपर वर्णित लक्षण दिखने पर इसका सेवन बंद कर दे और डॉ. से परामर्श ले.
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Jai shree krishna
Thanks,
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कैलाश चन्द्र लढा(भीलवाड़ा)www.sanwariya.org
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