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शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

बस_नाम_का_रह_गया_महान_मेरा_हिन्दुस्तान

#बस_नाम_का_रह_गया_महान_मेरा_हिन्दुस्तान 🙃
यहां ये हो क्या रहा है और ये करना क्या चाह रहे हैं ?
धारा 377 हटाना क्या कम था जो अब धारा 497 भी 😶 ।
मतलब अब शादी शुदा मर्द और औरत भी गैर मर्द या औरत से संबंध बना सकते हैं , उस पर अब कोई कानूनी केस नहीं बनेगा ।
SC ये सब किसकी सहमति लेके कर रहा है , या कुछ लिब्रांडू ही पुरी देश की जनता के विचारों और सोच का नेतृत्व कर रहे हैं ।
ऐसी चीजों को साथ देनें वाले और फैसले देनें वाले वो लोग हैं जिनके घर में ऐसा होता होगा । उनकी मां पड़ोस के अंकल से सैट है , तो वहीं उनके बाप की भी कहीं पड़ोस में आंटी से सैटिंग है । ऐसे लोग ही अपनें मां - बाप , भाई - बहन के रिश्ते बचाने के लिए ऐसे चीजों के समर्थन में हैं ।
ये हमारी नस्लों को किस दिशा में ले जाना चाह रहे हैं आजादी आजादी के नाम पर , दिन रात कहीं भी नशे करो ये है आजादी , दिन में 10 अलग अलग लड़के - लड़कियों के साथ सम्बंध बनाओ ये है आजादी , सड़क पर अपने नंगे शरीर की नुमाईश करो ये है आजादी ।
सारे कानून तुम्हारे हक में हैं सब कुछ सुविधा हैं तो तुम उसका गलत फायदा ऊठाओ ये है आजादी । कोई तुम्हें सही राह दिखाऐ तो उसे एकदम छोटी सोच वाला बता देते हो ।
अरे शर्म करलो शर्म समाज और कौम के बारे में तो सोचना छोड़ ही चुके हो तुम पर कम से कम अपनें मां बाप की तो सोचो उनकी इज्जत की तो  सोचो , या मां बाप भी तुम्हारे लिए बस चूतिया ही हैं और कुछ नहीं ।
अपनें आप को जो कहते हैं ना कि मैं 18 साल को हो गया अपनी मर्जी का मालिक जो चाहूं वो करूंगा , तो याद रखना 18 साल तक आये किसकी वजहा से ।
मां - बाप आजादी इसलिए देते हैं कि हमारे बच्चे पढ़ लिख कर इज्जत की जिन्दगी जिऐ और हमारी भी इज्जत बढाऐ समाज में । पर नहीं यहां तो उल्टा ही चलन है , नौकरी लगनें के बाद तो बच्चे खुद को तुर्रम खान समझनें लगते हैं , और मां बाप कि सोच को छोटी सोच कहकर उन्हें चुप कर देते हैं ।
#दिल_में_तो_बहुत_कुछ_है_पर_कहां_तक_लिखूं 😐

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