आज लिखे बगैर रहा भी नहीं जा रहा,
और लिखा भी नहीं जा रहा। क्या क्या लिखूं, कितना लिखूं !!
आज जीवन के क्षणभंगुर होने का, क्षणिक होने का प्रायोगिक अनुभव हो रहा है।
वाकई प्रकृति बहुत निष्ठुर है।
ऐसा लग रहा है कि ईश्वर वाकई राजसमंद से रूठ गया है।
आप राजसमंद के इतिहास और वर्तमान का एक पृष्ठ नहीं, पूरी किताब थी।
राजसमंद के हर क्षेत्र में, हर कोने में आप रची बसी है।
कोरोना की भयावहता आज सचमुच डरा रही है।
korona के कारण आज राजसमंद ही नहीं अपितु मेवाड़ की सबसे बड़ी क्षति हुई है।
देश की संसद में उदयपुर का प्रतिनिधित्व करने वाली राजस्थान की पूर्व कैबिनेट मंत्री वर्तमान मैं राजसमंद विधायक, भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर और वरिष्ठ नेत्री, मेवाड़ धरा की लाडली परम सम्मानीय श्रीमती किरण माहेश्वरी जी का अनायास हम सब को छोड़कर चले जाना वास्तव में हृदय विदारक पल है निसहाय, गरीब, दलित, शोषित, मजदूर और पिछड़े वर्गों की सेवा सुश्रुषा को अपना अहोभाग्य मानने वाली परम शख्सियत को ईश्वर अपने श्री चरणों वास दें और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।
ॐ शांति ॐ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.