यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 28 मई 2021

ठाकुर जी से जो भी संबंध जोड़ता है। ठाकुर जी उसे जरूर निभाते हैं

ठाकुर जी से जो भी संबंध जोड़ता है। ठाकुर जी उसे जरूर निभाते हैं जैसा की कथा में ठाकुर जी ने देवर का संबंध निभाया है


बांके बिहारी जी के चमत्कार(banke bihari temple miracles) की सच्ची घटना। एक लड़की थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त थी बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी। भक्ति करती थी भक्ति करते-करते बड़ी हो गई भगवान की कृपा से उसका विवाह श्री धाम वृंदावन में किसी अच्छे घर में हो गया विवाह हो कर पहली बार वृंदावन(vrindavan) आयी  पर नई दुल्हन होने की वजह से वह कहीं जा न सकी और मायके चली गई और वह दिन भी आया जब उसका पति उसे लेने उसके मायके आया अपने पति के साथ फिर वृंदावन पहुंच गई।

पहुंचते-पहुंचते उसे शाम हो गई पति वृंदावन में यमुना किनारे रुक कर कहने लगा देखो शाम का समय है मैं यमुना जी में स्नान करके अभी आता हूं तुम इस पेड़ के नीचे बैठ जाओ और सामान की देखरेख करना मैं थोड़े ही समय में आ जाऊंगा। यहीं सामने ही हूं कुछ लगे तो मुझे आवाज दे देना इतना कहकर पति गया और वह लड़की बैठ गई।

अब एक हाथ लंबा घूंघट निकाल रखा है क्योंकि गांव है ससुराल है और वहीं बैठ कर मन ही मन विचार करने लगी कि देखो बांके बिहारी जी की कितनी कृपा है। उन्हें मैंने बचपन से भजा और उनकी कृपा से मेरा विवाह भी श्रीधाम  वृंदावन में हो गया। मैं इतने वर्षों से ठाकुर जी को मानती हूं परंतु अब तक उनसे कोई रिश्ता नहीं जोड़ा फिर सोचती है ठाकुर जी की उम्र क्या होगी ? लगभग 16 वर्ष के होंगे मेरे पति 20 वर्ष के हैं उनसे थोड़े से छोटे हैं इसलिए मेरे पति के छोटे भाई की तरह हो और मेरे देवर की तरह तो आज से ठाकुर जी मेरे देवर हो हुए। अब तो ठाकुर जी से नया संबंध जोड़कर प्रसन्न हुई और मन ही मन ठाकुर जी से कहने लगी देखो ठाकुर जी आज से मैं तुम्हारी भाभी और तुम मेरे देवर हो गए। अब वह समय कब आएगा जब तुम मुझे भाभी भाभी कह कर पुकारोगे।

इतना सोच रही थी तभी एक 10 से 15 वर्ष का बालक आया और उस लड़की से बोला भाभी-भाभी लड़की अचानक अपने भाव से बाहर आई और सोचने लगी कि वृंदावन में मैं तो नयी आयी हूं यह भाभी कह कर कौन बुला रहा है। नयी थी इसलिए घुंघट उठाकर नहीं देखा कि गांव के किसी बड़े बूढ़े ने देख लिया तो बड़ी बदनामी होगी।

अब  बालक बार-बार कहता पर वो उत्तर नहीं देती। बालक पास आया और बोला ” नेक अपना चेहरा तो दिखाये दे ” ये सुन कर वो और  कसकर घूंघट पकड़ कर बैठ गयी। फिर उस बालक ने जबरदस्ती घूंघट उठा कर देख लिया। थोड़ी देर में उसका पति आ गया उसने सारी बात अपने पति से कहीं पति ने कहा तुमने मुझे आवाज क्यों नहीं वो बोली वह तो इतने में भाग ही गया था बस मैंने उसका चेहरा देखा।

पति बोला चिंता मत कर वृंदावन बहुत बड़ा थोड़े ही है कभी किसी गली में लड़का मिल गया तो हड्डी पसली एक कर दूंगा। फिर  कभी ऐसा नहीं कर सकेगा तुम्हें कहीं दिखे तो मुझे जरूर बताना।  फिर कुछ दिन बाद उसकी सांस ने अपने बेटे से कहा बेटा देख तेरा विवाह हो गया है बहु मायके से भी आ गई है तुम दोनों बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए अभी तक नहीं गए हो। कल जाकर बहू को दर्शन करा कर ले आना।

अगले दिन दोनों पति पत्नी ठाकुर जी के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं मंदिर में बहुत भीड़ थी। लड़का कहने लगा तुम स्त्रियों के साथ आगे जाकर दर्शन करो मैं अभी आता हूं अब वह आगे गई पर घुंघट नहीं उठाती उसे डर लगता कोई बड़ा बूढ़ा देखेगा तो कहेगा नई बहू घूंघट के बिना घूम रही है

बहुत देर हो गई पीछे से पति ने आकर कहा:-” अरे बावली बिहारी जी सामने है घूंघट काहे ना खोलें घूंघट नहीं खोलेगी तो दर्शन कैसे करेगी” अब उसने अपना घूंघट उठाया और जो बांके बिहारी जी को देखा तो बांके बिहारी जी की जगह वही बालक मुस्कुराता हुआ दिखा तो एकदम से चिल्लाने लगी। जल्दी आओ जल्दी आओ पति पीछे से भागा भागा आया क्या हुआ? उस दिन जो मुझे भाभी-भाभी कह कर भागा था वह मिल गया कहां कहां है अभी उसे देखता हूं ठाकुर जी को इशारा करके बोली यह रहा आपके सामने ही तो है उसके पति ने जो देखा वह अवाक रह गया और वहीं मंदिर में अपनी पत्नी के चरणों गिर गया और बोला तुम धन्य हो वास्तव में तुम्हारे ह्रदय में सच्चा(true) ठाकुर जी के प्रति प्रेम है मैं इतने वर्षों से वृंदावन में हूं मुझे आज तक उनके दर्शन नहीं हुए और तेरा भाव इतना है कि बिहारी जी ने तुझे दर्शन दे दिया।
 boliye Banke Bihari Lal ki Jay Radhe Radhe likhiye Shahar Kahiye aapke sath bhi Banke Bihari Sada Sath Rahenge
Radha Radha 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya