तीनों सेना प्रमुखों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इसका एलान किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दिशा में आज सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज हम 'अग्निपथ' नामक एक अभूतपूर्व बदलाव की योजना ला रहे हैं, जो हमारी आर्म्ड फोर्सेज में ट्रांसफॉर्मेटिव चेंज लाकर उन्हें पूरी तरह आधुनिक और और हथियारों से सुसज्जित बनाएगी. देश के युवाओं के लिए चार साल की भर्ती की योजना है. इन युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा.
युवाओं को अग्निवीर से सेवा का मौका
उन्होंने कहा कि अग्निपथ' योजना में भारतीय युवाओं को बतौर 'अग्निवीर' आर्म्ड फोर्सेज में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने एवं हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए लाई गई है. रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सब इस बात से जरूर सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, खास तौर पर हमारे युवा, आर्म्ड फोर्सेज को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है. चार साल की सेवा के दौरान अच्छा वेतन और सुविधाएं दी जाएंगी. तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के बारे में जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा कि काम उम्र से यह फायदा भी होगा कि उन्हें नई-नई टेक्नोलोजी के लिए आसानी से प्रशिक्षित किया जा सकेगा और उनकी हेल्थ और फिटनेस का लेवल भी बेहतर होगा. अग्निपथ योजना के अंतर्गत यह प्रयास किया जा रहा है कि इंडियन आर्म्ड फोर्सेज का प्रोफाइल उतना ही जवान हो, जितना कि देश में जवान लोगों का प्रोफाइल है.
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ' योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. अग्निवीर सेवा के दौरान अर्जित स्किल्स और अनुभवों से उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलेंगे इससे इकॉनोमी को भी हायर स्किल्ड वर्कफोर्स की उपलब्धता होगी जो उत्पादकता और जीडीपी के बढ़ने में सहायक होगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि अग्निवीरों के लिए एक अच्छी पे पैकेज, 4 साल की सेवा के बाद exit पर सेवा निधि पैकेज और एक liberal 'Death and disability package' की भी व्यवस्था की गई है.
अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना की खास बातें-
1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी.
2. चार साल वाले सैनिकों को अग्निवीर नाम दिया जाएगा.
3. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं. बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा.
4. चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.
5. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी.
6. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजीमेंट्स में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इंफेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राईफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं. आजादी के मात्र एक ऐसी, द गार्ड्स रेजीमेंट ऐसी है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफोर्म माना जा रहा है.
7. योजना को हरी झंडी मिलने के बाद साल अगस्त के महीने से रिक्रूटमेंट रैलिया शुरु हो जाएंगी और सेना (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरु हो जाएंगी.
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