इस तस्वीर को देखने और चिंतन करने के बाद आपको गांधियों से नफरत हो जाएगी... और हां ये तस्वीर तब की है जब नेहरू का कपड़ा और जूता विशेष विमान से आता था...
यह एक तस्वीर है 1948 के ओलंपिक की जो लंदन में हुआ था।
हमारी फुटबॉल टीम ने फ्रांस के साथ मैच 1-1 से बराबर किया था।
हमारे खिलाड़ी इसलिए जीत न सके क्योंकि उनके पास जूते ही नहीं थे ।
और वह नंगे पैर पूरा मैच खेले थे।
जिसके कारण बहुत ही खिलाडियों को दूसरी टीम के खिलाडियों के जूतों से चोट भी लगी थी।
फिर भी मुकाबला बराबरी का रहा।
इस टीम के कप्तान थे शैलेन्द्र नाथ मन्ना। वो विश्व के बेहतरीन खिलाडियों मैं से एक थे।
सरकार ने जूते क्यों नहीं दिए क्योंकि सरकार के पास इतने पैसे भी नही थे।
यह वो वक्त था जब नेहरू के कपड़े पेरिस से ड्राइक्लीन हो कर आते थे।और साहब अपने कुत्ते के साथ प्राइवेट जेट मैं घूमते थे।
नतीजा यह हुआ के फीफा ने 1950 वर्ल्डकप मैं इंडिया को बैन कर दिया क्योंकि बिना जूते के कोई भी टीम मैच नही खेल सकती थी।
फिर कभी भारतीय टीम फीफा वर्ल्ड कप मैं नही गई।
परंतु आज देश मैं कई स्टेडियम नेहरू गांधी परिवार के नाम पर 😏
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