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रविवार, 30 अप्रैल 2023

कुछ ही वर्षो में ब्राह्मण का दर्शन दुर्लभ हो जायेगा ऐसा बहुत जल्द होने वाला है

 
पंडित जी- इसकी पत्रिका मे सी ए बनने के योग हैं इसे सी ए बनाए।

 यजमान-  पंडितजी, बेटे ने 10 पास कर ली हैं बताए कौन सा क्षेत्र इसके लिए अच्छा रहेगा।

पंडित जी की दक्षिणा 200/ परंतु दक्षिणा केवल 51/रु दी गयी।

सन् 2010 –
यजमान - पंडित जी , आपकी कृपा से बेटा सी ए बन गया हैं आपने बताया भी था। अब ज़रा नौकरी के विषय मे भी बता देते।

पंडितजी – इसे आगामी माह मे नौकरी मिल जानी चाहिए बस ये एक छोटा सा उपाय करवा दीजिएगा।

पंडितजी की दक्षिणा -500/परंतु दक्षिणा 101 रु दी गयी ???
अगले माह 30,000 रु प्रति माह की नौकरी भी प्राप्त हो गयी।

सन् 2013 –
यजमान- पंडितजी बेटा विवाह नहीं कर रहा हैं ?

पंडितजी - इसकी पत्रिका मे प्रेमविवाह की संभावना हैं संभवत: इसी कारण विवाह करने मे आना कानी कर रहा हो , प्यार से बैठा कर पूछिये कोई लड़की पसंद होगी जिस कारण ऐसा हो रहा हैं |

यजमान- पंडित जी लड़की पसंद बताता तो हैं क्या करे??
पंडित जी- उसी कन्या से उसका विवाह कर दीजिये सही रहेगा,हो सके तो उस कन्या की पत्रिका दिखा दीजिएगा
पंडितजी की दक्षिणा 1001/ परंतु दक्षिणा 200 रु दी गयी |

सन् 2015 –
यजमान-  पंडितजी आपकी दया से बेटा 70,000 रु प्रति माह कमा रहा हैं , शादी भी हो गयी हैं।
एक बेटी भी हैं, बेटा कब होगा यह बताए ???

पंडितजी- इसकी पत्रिका मे गुरु ग्रह का श्राप हैं जिस कारण बेटे का होना मुश्किल जान पड़ता हैं।
यजमान- हैं ऐसा कैसे पंडितजी हमने या हमारे किसी भी बुजुर्ग ने कभी भी किसी ब्राह्मण,विद्वान तथा गुरु का अपमान नहीं किया हैं गुरु ग्रह का श्राप कैसे लग सकता हैं “

पंडितजी – इसके पूर्वजो ने अपने पंडित को कभी भी पंडित के कार्य का दक्षिणा नहीं दिया जिस कारण ऐसा हैं।


नही - नहीं पंडितजी,,  आपसे देखने मे ग़लती हो रही हैं।

पंडितजी –सही कह रहे हैं आप....

*हमसे देखने मे ही ग़लती हो रही होगी यह बेटा जब 10वी मे था और अब 70,000 रुपये प्रति माह कमा रहा हैं। शादी, बच्चा भी हो गया परंतु पंडित जी को अब तक आपने 352 रुपये ही दिये हैं शायद आपके पिता ने भी आपके लिए ऐसा ही किया होगा जिस कारण ऐसा हो रहा हैं।

ये कटु सत्य है पिछले 20 साल में महंगाई कहाँ से कहाँ पहुँच गयी लेकिन नही बढ़ा तो पण्डित की दक्षिणा ........?




लोग आज भी बड़े बड़े पूजा अनुष्ठान के संकल्प और आरती में चढ़ाने के लिये एक रूपये का सिक्का ही ढूंढ कर लाते है।

नोट-  कुछ दिन ऐसा दिन आने वाला है की ब्राह्मण इस पूजा पाठ के कार्य को छोड़ देगा लोग की ऐसी मानसिकता रही तो कुछ दिन में कोई ब्राह्मण दान भी नही लेगा, और  ये मानसिकता समाज  छोड़ दे की ब्राह्नण कभी गरीब था भागवतपुराण  में साफ लिखा है की पृथ्वी का एक मात्र देवता ब्राह्मण है ,

 आज लोग इसलिये इतना कष्ट भोग रहे है की लोग ब्राह्मण को घटिया से घटिया सामग्री , अनुपयोगी वस्त्र दान और उचित दक्षिणा नहीं दे रहे है, कुछ ही वर्षो में ब्राह्मण का दर्शन दुर्लभ हो जायेगा ऐसा बहुत जल्द होने वाला है और जो पूजा करवाऐंगे वो किसी भी तरह के लोग होंगे होंगे।


शादी में लोग  10-12 लाख रुपये सिर्फ शानौशौकत के लिए उड़ा देंगे। ढोली बैंडबाजे वाले को छः महिने पहले  बुक करके 21-31000 हजार रुपए एक डेढ घंटे के लिये दे देंगे । डीजे व शराब में बर्बाद करके अपनी ही बहन बेटियों को नचायेंगे और ये सारा मांगलिक मुहूर्त कार्यक्रम तय करने वाले ब्राह्मण पंडित को जो इसका रचनाकार और धूरी है उस विप्र श्रेष्ठ को 1100 रुपए में ही निपटाने का भरसक प्रयास करेंगे।  तब कौन ब्राह्मण का पुत्र यह संस्कार अपनायेगा ???
मेरी बातों का गलत मतलब न समझें। ब्राह्मण  को तन मन धन से सम्मान दें।

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