ये सब बॉलीवुड फिल्म से आया विचार है कुछेक साल पहले जब मैं लिब्रांडू हुआ करता तो ATM से निकले नोटों में देखता था कही मिल जाए 786 ,जब मिलता था तो खुश होता था । सेकुलर था
सिनेमा ने कैसे हमे ब्रेनवाश किया
ये अमिताभ बच्चन अपनी फिल्मों में मंदिर तो नही जाता लेकिन 786 का बिल्ला रखता है ।
ये अमिताभ बच्चन सूर्यवंशी में 786 की गाडी से घूमता
ये क्या असली सूरवंशी फिल्म में तो ऐसा नही था ।
ये फिल्म बुलंदी इसमें भी चुपके से 786
फिल्म कोई भी हो फ्रेम में चुपके से 786 फिट कर दिया जाता था और आहिस्ता आहिस्ता आप का अवचेतन मन प्रभावित हो चुका होता है ।
और आप भी 786 के नोट , नंबर प्लेट लेने लगते हो ।
अब लोगो की अक्ल खुल रही है तब समझ आ रहा है कैसे कैसे खेल खेले गए हमारे साथ ।
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