रामायण में हनुमान जी के एक पुत्र मकरध्वज की कथा का वर्णन है.
मकरध्वज का जन्म राहु काल में हुआ था। मकरध्वज एक मछली के गर्भ से पैदा हुआ था जो न केवल एक मछली थी बल्कि वह एक मां भी थी। इस मछली ने अपने बेटे मकरध्वज की राहु से रक्षा के लिए अपने सिर से मच्छ मणि पत्थर निकाल कर अपने पुत्र को सौंप दिया था।
मच्छ मणि कोई साधारण रत्न नहीं है बल्कि यह बहुत ही दुर्लभ मणि है. इसे पहनने वाले व्यक्ति को जीवन के हर प्रकार के तनाव से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन खुशहाल बनता है. यह राहु बाधा निवारण के लिए अचूक उपाय है. मछलियों के अंदर कई रंग के पत्थर बनते हैं जो बेशुमार धन और देवताओं का आशीर्वाद देते हैं.मच्छ मणि मछली की आंख की तरह होती है. इस मणि के प्रभाव से काला जादू बेअसर होता है धन एवं स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
मच्छ मणि को धारण करने से आपके जीवन में प्यार और सम्मान आएगा. मच्छ मणि एक आंतरिक प्रकाश, आध्यात्मिक प्रभाव और स्मरण शक्ति के साथ आपके जीवन को प्रकाशमान करता है.
जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी मच्छ मणि रक्षा करती है. व्यापार में घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको नुकसान से बचा सकती है. वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं. किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें. सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है.
भगवान विष्णु ने भी मत्स्य यानि मछली का अवतार लिया था और इस कारण से भी मछली से संबंधित वस्तुओं को बहुत शुभ माना गया है. यह मच्छ मणि सौभाग्य, व्यापार में वृद्धि, सामाजिक प्रतिष्ठा, व्यक्तित्व में सुधार, आकर्षण, अंतर्ज्ञान, यौन शक्ति में वृद्धि और ईर्ष्या को दूर करने में भी लाभदायक पायी गयी है.
जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा से भी मच्छ मणि रक्षा करती है.
यदि आपके व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है तो मच्छ मणि आपको लाखों के नुकसान से बचा सकती है.
घर या ऑफिस में वास्तु दोष के निवारण के लिए मच्छ मणि पहन सकते हैं.
हमेशा बीमार रहते हैं या आपको किडनी या पेट से संबंधित कोई रोग है तो मच्छ मणि जरूर पहनें.
कुंडली में कालसर्प दोष, केमद्रुम दोष, ग्रहण दोष, गुरु चांडाल दोष की वजह से व्यक्ति को अपने जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है। यह मच्छ मणि आपके कष्टों को दूर कर सकती है.
मच्छ मणि को पहनने से शत्रु से रक्षा होती है और दिमाग तेज होता है धन से जुड़ी हुई समस्या भी जल्द ही खतम हो जाती है मच्छ मणि को पहनने राहु की अंतरदशा और महादशा में राहत मिलती है मच्छ मणि को राहु का प्रिय रत्न भी माना जाता है इस तरह से मच्छ मणि को पहनने के बहुत से फायदे है.
मच्छ मणि एक राहु का रत्न है जिसे धारण करने से राहु से जुड़ी हुई सभी समस्या में राहत मिलती है तो मच्छ मणि को कैसे धारण करना चाहिए?
सर्वप्रथम एक कटोरी ले और फिर उसमे गंगाजल डाले अब आपको उस कटोरी में राहु के रत्न मच्छ मणि को रखे अब आपको राहु के इस मंत्र का 1100 बार जाप करना है मंत्र इस प्रकार से है “ॐ रां राहवे नम:”
इस मंत्र का जाप करने के बाद आपकों मच्छ मणि में फूक मारनी है इससे यह और अधिक प्रभावशाली हो जाती है अब यह पूरी तरह से सिद्ध है अब आप इसे धारण कर सकते हैं.
रही बात इसके मिलने की तो आजकल सब कुछ अमेजन पर आनलाइन मिल जाता है आप वंहा से इसे ले सकते हैं.
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