यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 7 जून 2025

कचरे से कंचन की ओर" – एक जनआंदोलन की शुरुआत 🌿 लेखक: केवलचंद जैन, जोधपुर

"कचरे से कंचन की ओर" – एक जनआंदोलन की शुरुआत

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों, और न्यायालयों में करोड़ों रुपए की मशीनें, व्हीलचेयर, एम्बुलेंस और अन्य संसाधन सिर्फ इसलिए बेकार पड़े हैं क्योंकि उन्हें ठीक करने वाला कोई नहीं? क्या आपने महसूस किया है कि लाखों-करोड़ों खर्च करने के बाद भी आम जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं?

अब समय आ गया है समाधान का हिस्सा बनने का, न कि सिर्फ समस्या देखने का। हम एक ऐसा मॉडल लेकर आए हैं, जो यदि जोधपुर या देश के केवल 10% भामाशाहों तक भी पहुंच जाए, तो सरकारी परिसरों में सुविधाओं की क्रांति आ सकती है।


🔧 क्या है यह योजना?

इस पहल के अंतर्गत, हम सरकारी संस्थानों में वर्षों से खराब पड़ी मशीनों, उपकरणों और संसाधनों को न्यूनतम लागत में उपयोगी बनाकर फिर से चालू कर सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर:

₹6,000 की व्हीलचेयर को ₹600 में ठीक किया जा सकता है।

₹1 लाख का ICU मेडिकल बैड मात्र ₹10,000 में फिर से उपयोग में लाया जा सकता है।

₹40,000 की ऑटोमैटिक ट्रॉली केवल ₹4,000 में तैयार की जा सकती है।

यहां तक कि ₹1 करोड़ की गाड़ी भी ₹10 लाख से कम लागत में फिर से सड़कों पर दौड़ सकती है।