जन्माष्टमी और उपाय (जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.....)
जन्माष्टमी और उपाय (जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.....)
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी मे वृषभ राशि,
रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण अवतार क्यों लिया,
धर्म ग्रंथों के अनुसार इसका कारण इस प्रकार है-
द्वापर युग में
जह पृथ्वी पर मानव रूपी राक्षसों के अत्याचार बढऩे लगे। तब पृथ्वी दु:खी
होकर भगवान विष्णु के पास गईं। तब भगवान विष्णु ने कहा मैं शीघ्र ही पृथ्वी
पर जन्म लेकर दुष्टों का सर्वनाश करूंगा। द्वापर युग के अन्त में मथुरा
में उग्रसेन राजा राज्य करते थे। उग्रसेन के पुत्र का नाम कंस था। कंस ने
उग्रसेन को बलपूर्वक कारागार में डाल स्वयं राजा बन गया थी।
कंस
की बहन देवकी का विवाह यादव कुल में वासुदेव के साथ तय हुआ। जब कंस देवकी
को विदा करने के लिए जा रहा था तो आकाशवाणी हुई कि- देवकी का आठवां पुत्र
कंस का वध करेगा । यह सुनकर कंस डर गया और उसने देवकी और वासुदेव को
कारागार में डाल दिया। और एक-एक कर देवकी की होने वाली संतानों का वध करने
लगा।
आठवें गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ लेकिन माया के प्रभाव
से किसी को इस बात का पता नहीं चला कि देवकी की आठवी संतान गोकुल में
नंदबाबा के यहां पल रही है। यहां भी श्रीकृष्ण ने अपनी लीला से कई राक्षसों
का वध किया और अंत में कंस का वध कर राजा उग्रसेन को सिंहासन पर बैठाया।
श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में पाण्डवों का साथ दिया और अधर्म का नाश
कर धर्म रूपी युधिष्ठिर को सिंहासन पर बैठाया।
इस बार ये त्योहार
10 अगस्त, शुक्रवार को है। अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के
लिए विशेष उपाय किए जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
उपाय
1- धनवान :- भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें।
2- मालामाल होना :- इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें।
3- सुख - शांति :- श्रीकृष्ण मंदिर में जाकर तुलसी की माला से नीचे लिखे
मंत्र की 11 माला जप करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीला वस्त्र व
तुलसी के पत्ते अर्पित करें. मंत्र - {"क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि:
परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:"}
4- मां लक्ष्मी
की कृपा :- श्रीकृष्ण को पीतांबरधारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग
के कपड़े पहनने वाला। इस दिन पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज दान
करने से प्राप्त होती है।
5- तिजोरी में पैसा :- जन्माष्टमी की
करीब 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें तो जीवन
में कभी धन की कमी नहीं आती।
6- जेब खाली नहीं होगी :- इस दिन
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय कुछ रुपए इनके पास रख दें। पूजन के बाद
ये रूपए अपने पर्स में रख लें।
7- घर के वातावरण के लिए :-
जन्माष्टमी को शाम के समय तुलसी को गाय के घी का दीपक लगाएं और "ऊँ
वासुदेवाय नम:" मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें।
8- आमदनी या नौकरी :- सात कन्याओं को खीर या सफेद मीठी वस्तु खिलानी चाहिए। फिर पांच शुक्रवार सात कन्याओं को खीर बांटें।
9- कार्य बनाने के लिए :- जन्माष्टमी से शुरू कर, सत्ताइस दिन नारियल, बादाम लगातार मंदिर में चढ़ाये।
10- कर्ज :- श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर अर्पित करे। यह
उपाय जन्माष्टमी से शुरू करे, फिर नियमित रूप से छह शनिवार यह उपाय करे।
11- अचानक धन लाभ :- शाम के समय पीपल के पास तेल का पंचमुखी दीपक जलाना चाहिए।
12- शत्रु :- शाम को पीपल के पत्ते पर अनार की कलम से गोरोचन द्वारा शत्रु
का नाम लिखकर जमीन में दबा दें। शत्रु शांत होंगे, मित्रवत व्यवहार करेंगे
व कभी भी हानि नहीं पहुंचाएंगे।
13- धन की कमी के लिए :-
जन्माष्टमी की रात 12 बजे बाद यह प्रयोग करें। एकांत स्थान पर लाल वस्त्र
पहन कर बैठें। सामने दस लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखकर एक बड़ा तेल का दीपक जला
लें और प्रत्येक कौड़ी को सिंदूर से रंग लें तथा हकीक की माला से इस मंत्र
की पांच माला जप करें। इन कौडिय़ों पर धन स्थान अर्थात जहां आप पैसे रखते
हों वहां रखें।
मंत्र :- {"ऊँ ह्रीं श्रीं श्रियै फट्"}
14-
सुंदर संतान :- जन्माष्टमी के दिन सुबह या शाम के समय कुश के आसन पर बैठकर
इस मंत्र का जप करें। सामने बालगोपाल की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें और मन
में बालगोपाल का स्मरण करें। कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। मंत्र -
{"देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं
शरणंगता।।"}
जन्माष्टमी के अवसर पर ईश्वर की कृपा आप पर होगी.. आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी….. जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.....
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