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शनिवार, 26 जनवरी 2013

थर्मोकोल की प्लेटों का प्रयोग बन्द कर के


भारत में बहुत सारे लँगर लगते हैं। आजकल देखा गया है कि अधिकतर लंगरों में भी थर्मोकोल की प्लेटें आदि प्रयोग होती हैं।
मेरी प्रार्थना है कि थर्मोकोल की प्लेटों का प्रयोग बन्द कर के पत्तों की बनी पत्तलों का प्रयोग करने के लिए हर व्यक्ति अपने स्तर पर एक जन जागृति करें। इससे एक तरफ तो हम अपने इर्द गिर्द प्रदूषण को कम करेंगे और दूसरा पत्तलें शत प्रतिशत स्वदेशी हैं। इससे हमारे भारतवासियों को ही काम मिलेगा। जबकि थर्मोकोल (ये चीनी उत्पाद है) का प्रयोग करके हम अपने आपको और देश को ही लुटवाएँगे।


साथ ही पत्तल में खाने से खाने का स्वाद बढ़ जाता है .... और थर्माकोल जब पर्यावरण के लिए हानिकारक है वो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी कितना हानिकारक हो सकता है ये भी तो सोचे !!

स्वदेशी अपनाओ भारत को विदेशी लूट से बचाओ, अपना स्वाभिमान जगाओ स्वदेशी से स्वावलम्बी भारत बनाओ...

वन्देमातरम, जय स्वदेशी ,जय हो !!

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