#Corona संकट प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए बहुत बड़ा सबक लेकर आया है :-
यह मानकर चलिए कि नौकरी 50 की उम्र तक ही रहेगी ज्यादा से ज्यादा 55 मान लो अगर उसके बाद भी जॉब रहे तो ये आपकी खुशकिस्मती है लेकिन वर्तमान का खर्च और भविष्य की प्लानिंग 50 साल की उम्र के हिसाब से ही करें | मतलब अगर आप 25 साल की उम्र से कमाना शुरू करते हैं और 55 की उम्र तक आपके पास 30 वर्ष कमाई करने के रहेंगे मतलब आप की बचत करने के लिए आपके पास 30 वर्षों का समय है इन 30 वर्ष के बाद रिटायरमेंट के समय आपको जितने रुपए की आवश्यकता पड़ेगी उसका इंतजाम इन्हीं 30 वर्षों में करना है इसके लिए प्रतिवर्ष एक अनुशासित बचत प्लान में आने वाले वर्षों में गारंटीड मैच्योरिटी अथवा पेंशन प्लान में निवेश करना जरूरी होता है आपकी आज की उम्र के हिसाब से आप पता कर सकते हैं कि 55 की उम्र से पहले आपके पास कितने वर्ष बचे हैं इतने वर्षों में आपको आपकी रिटायरमेंट अथवा पेंशन प्लान का प्रबंध आवश्यक रूप से करना चाहिए नौकरी के साथ आवश्यक बचत अनिवार्य है
2- इस गलतफहमी में मत रहिए कि मुझे काम आता है इसलिए मैं कंपनी के लिए Indispensable हूं क्योंकि आप कंपनी के लिए उतने ही ज़रूरी हैं जितना 'OKay' शब्द में 'AY' जरूरी है, किसी कर्मचारी के जाने से कंपनी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता, कंपनी के लिए आप कितने उपयोगी हैं यह बहुत हद तक आपके बॉस के नज़रिए पर ही निर्भर करता है |
3- (इसकी पालना करनी ज़रा मुश्किल है, पर बात है पते की) बॉस को गाली देने से कभी कोई फायदा नहीं होता, यकीन मानिए बॉस होना आसान नहीं होता क्योंकि दबाव बहुत ज़्यादा होता है, बॉस को भी 24 घंटे कंपनी के बारे में ही सोचना होता है और उसकी भी व्यक्तिगत ज़िन्दगी उतने ही दबाव में होती है जितनी की उसके मातहतों और सहयोगियों की |
4- बचत ज़रूर करिए; नौकरी शुरू होने के साथ ही बचत और निवेश करना भी शुरू करें, याद रखें कि निवेश सिर्फ शेयर मार्केट में नहीं होता बल्कि सेफ ऑप्शन जैसे aditya birla ka Guaranteed maturity plan, pension plan, child vision star plan, whole life income plan, भी चुन सकते हैं, बैंक में FD से लेकर कमर्शियल एरिया में छोटी सी दुकान खरीदने तक, यह सब आगे जाकर फ़ायदा देंगे। यदि आपकी सैलरी ज्यादा है तो इसका ये मतलब नहीं है कि ख़र्च भी अनाप-शनाप किया जाए, सैलरी ज्यादा का मतलब बचत और निवेश ज्यादा भी हो सकता है | इसके अलावा हॉस्पिटल से संबंधित खर्चो से बचने के लिए नौकरी के साथ हेल्थ इंश्योरेंस अवश्य लेना चाहिए ताकि समय आने पर मेडिकल और हॉस्पिटल के समस्त खर्चे हेल्थ इंश्योरेंस के द्वारा बिना टेंशन के भुगतान किया जा सके
5- घर और गाड़ी अब विलासिता नहीं ज़रूरत हैं इसलिए इन्हें खरीदें ज़रूर लेकिन कोशिश की जाए कि ज़िन्दगी EMI के दुष्चक्र में ना फंस जाए ! EMI-किश्तें आदि जितनी जल्द से जल्द निपट जाएँ उतना अच्छा ! Liability जितनी ज़्यादा होंगी नौकरी की टेंशन उतनी ही ज़्यादा होगी कुछ ऊंच-नीच (नौकरी जाना) हो गया तो उस सूरत में यह liabilities अपने मूल आकार से 10 गुना ज्यादा बड़ी लगती हैं |
6- अगर मुमकिन हो तो आय का दूसरा स्रोत या प्लान-B हमेशा तैयार रखें, नौकरी में रहने के दौरान आपको लग सकता है कि अमुक कंपनी में मेरे पहचान का बंदा है और कुछ इमरजेंसी हो गई तो मदद कर देगा लेकिन यकीन मानिए अगर सड़क पर आ गए तो कोई मदद नहीं करेगा, यह भी ज़रूरी नहीं कि आपकी पहचान का बंदा मदद नहीं करना चाहता यह भी हो सकता है उसकी genuine problem हो और फिलहाल उसके हाथ में कुछ ना हो |
7- ऑफिस में डांट सभी खाते हैं, थोड़ा अपसेट होना स्वभाविक है कोशिश करें कि ऑफिस का तनाव घर ना ले जाएं |
8- मुमकिन हो तो साल में एकाध बार घूमने ज़रूर जाएं.. De Stress और Refresh होने में बहुत मदद मिलती है |
9- साल में एक बार घर (गांव) हर हाल में जाएं, गांव से सम्पर्क कभी ना तोड़ें ! इस बात के लिए मानसिक रूप से अवश्य तैयार रहें की कभी भी झोला-झिमटा समेट कर गांव जाना पड़ सकता है |
10- अगर नौकरी चली जाए तो इस ठसक में मत रहिए कि मैं पुरानी कंपनी में बड़ा काम करता था इसलिए नई जगह भी मुझे वैसा ही काम मिले, जितने नखरे करेंगे उतना ज्यादा टाइम बीतता जाएगा और नई नौकरी मिलने के चांस उतने ही कम होते जाएंगे। खाली दिमाग शैतान का घर वाली कहावत सौ फीसदी सही है खाली वक्त काटने को दौड़ता है।
11. आजकल क्रेडिट कार्ड का जमाना है बैंक वाले किसी को भी क्रेडिट कार्ड थमा देते हैं और ईएमआई के लिए प्रेरित करते हैं यह एक जाल है इस प्रकार के झांसे में ना फंसे क्रेडिट कार्ड का प्रयोग केवल अपने अकाउंट में जमा रकम के हिसाब से ही करें क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर करें दिखावे के लिए अनावश्यक खर्च क्रेडिट कार्ड द्वारा ना करें आप अपने क्रेडिट कार्ड का प्रयोग वार्षिक पॉलिसी प्रीमियम भरने अथवा मंथली फिक्स्ड बिल भरने में कर सकते हैं एवं उसका भुगतान नियत तिथि पर ऑटो डेबिट मोड में होना चाहिए ताकि किसी प्रकार के चार्जेस ना लगे इसके अलावा अनावश्यक खर्चों में क्रेडिट कार्ड का प्रयोग नहीं करना चाहिए
12. बहुत ज्यादा गोलियों के सेवन या एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से बचना चाहिए जहां तक हो सके आयुर्वेदिक दिनचर्या का पालन करें सप्ताह में अलग-अलग प्रकार के रेस जैसे नींबू पानी आंवले का रस नीम का रस ज्वारे का रस एलोवेरा का रस हल्दी का पानी जीरे का पानी छाछ इत्यादि का सेवन अपनी नियमित दिनचर्या में आवश्यक रूप से सम्मिलित करें इसी प्रकार जंक फूड डिब्बाबंद चीजों से दूरी बनाएं
#नोट - सबसे ज़रूरी सेहत का ख्याल रखें, याद रखिए जब तक आप हैं तभी तक आपके लिए ये दुनिया है और स्वस्थ रहेंगे तो कुछ करने का विकल्प हमेशा मौजूद रहेगा | जागरूक रहें, सजग रहें और बहुत ज़्यादा भरोसे किसी के भी ना रहें ||
सादर/साभार
Kailash chandra ladha
9352174466
जय हिन्द | वन्दे मातरम् 🇮🇳
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