बहुत शर्मनाक स्थिति !!
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे विश्व के सम्मुख देश की जो छवि अन्नदाता किसान बने गुंडो ने जिन्होंने पुलिस पर तलवारें उठायी, पत्थर फेंके, ट्रेक्टर तक चढ़ाने का प्रयास किया, तय रूट्स को तोड़कर उपद्रव फैलाया यह भारतीय इतिहास का काला पन्ना है। क्या सरकार इतनी कमजोर होती है, क्या पुलिस इतनी कमजोर होती है ?
नहीं, यह सब इसलिए जो रहा है कि सरकार चाहती है कि कुछ देशभक्त लोग जो इसे किसान आंदोलन समझ रहे है उन्हें इनकी हकीकत नजर आए, उनकी भी आंखे खुल जाए। इतनी लाठियां, इतने पत्थर, तलवारें अचानक तो नही आ गयी। सब कुछ पहले से तय था। सरकार पर दबाव बनाने के लिए जानबूझ कर इसे इवेंट के रूप में अंजाम दिया गया। यदि किसानों को वास्तव में सरकार पर दबाव बनाना ही था तो अधिक बेहतर होता कि शांतिपूर्ण तरीके से कानून के दायरे में रहकर अभूतपूर्व रैली सम्पन्न होती। लेकिन इस कांड का अंदेशा तो उसी दिन से हो गया था जब पूरा विपक्ष इन आंदोलनकारियों के साथ खड़ा नजर आया था। यह तो होना ही था।
लेकिन, अब एक बात और बात देना चाहूंगा, अब तक तो सरकार किसानों से बात करने का, समाधान देने का हर प्रयास कर रही थी, कोर्ट ने कानूनों पर रोक भी लगा दी थी, लेकिन यह भी देशभक्तो की सरकार है। जो सरकार चीन या पाकिस्तान के सामने कभी नही झुकी, आज किसानों के बीच छुपे गुंडो के सामने तो कतई नही झुकेगी, अब तक मोदीजी ने योगीजी का स्वरूप नही दिखाया, लेकिन अब जरूर देखने को मिलेगा। इतने बड़े लोकतंत्र को चंद गुंडो के सामने गिरवी नही रखा जा सकता।
जिस देश की इतनी लंबी सरहद पर विगत 6 वर्षों में दुश्मन को 1 इंच अंदर नही घुसने दिया गया है उसी देश की उस प्राचीर पर जहाँ तिरंगा फहराया जाता है उस पर आज उपद्रवियों ने दूसरा झंडा फहरा दिया । देश के लिए इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है । आज देश झुक गया है और सिर्फ इसलिए कि इन सबके पीछे अन्नदाता का नाम जुड़ा हुवा है। कसम से, यदि इस आंदोलन में वास्तविक किसान जो नहीं जुड़ा होता तो मोदीजी अब तक निपटा भी देते। खैर, मोदीजी छोड़ने वाले भी नही है। बस एक काम अच्छा हो गया कि आज उन लोगों की भी आंखे खुल गयी होगी जो अब तक इसे किसान आंदोलन मान रहे थे।
प्रभु सबको सद्बुद्धि दे। 🙏🙏
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
यह ब्लॉग खोजें
गुरुवार, 28 जनवरी 2021
इसलिए कि इन सबके पीछे अन्नदाता का नाम जुड़ा हुवा है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
function disabled
Old Post from Sanwariya
- ► 2024 (345)
- ► 2023 (420)
- ► 2022 (477)
-
▼
2021
(536)
-
▼
जनवरी
(17)
-
▼
जन॰ 28
(10)
- आप समझते हो कि आपने मोदी को एक्सपोज़ कर दिया तो यह ...
- तिल का तेल ... पृथ्वी का अमृत
- करे सदुपयोग जमीन का जो हो खाली य़ा बेकार शुरू करे म...
- इसलिए कि इन सबके पीछे अन्नदाता का नाम जुड़ा हुवा है।
- अभी कई दुष्टों का पर्दा उठना बाकी है |
- चिदानन्दमय देह तुम्हारी । विगत विकार जान अधिकारी
- कालनेमि की रोचक कथा
- श्री कृष्ण के बारे में रोचक जानकारीया
- बिचौलियों को मिलने वाली मोटी मलाई बंद हो जाएगी।
- मुगलों का रक्तरंजित हवसभरा इतिहास-
-
▼
जन॰ 28
(10)
-
▼
जनवरी
(17)
- ► 2020 (341)
- ► 2019 (179)
- ► 2018 (220)
- ► 2012 (671)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.