अस्वीकरण :—
चूँकि मैं नीदरलैंड्स में रहता हूँ, अतः भारतीय शहद का उपभोग एक विलासिता ही है। अतः यह आलेख भारतीय बाजार में उपलब्ध किसी एक विशेष शहद की गुणवत्ता के बारे में न होकर शहद की गुणवत्ता के बारे में है। अतः यह किसी भी छाप-विशेष के समर्थन अथवा विरोध में नहीं है।
मधुमक्खियों के छत्ते में उत्तम प्रकार का मधु बन सके इसके लिए मधुमक्खियाँ छत्ते का तापमान लगभग ३५° सेंटीग्रेड के निकट बना कर रखती हैं। इस तापमान से शहद में उपस्थित नमी की मात्रा तो कम होती ही है, साथ ही शहद का रासायनिक स्वरूप भी चिरकाल तक स्थाई रहता है। शहद मुख्यतः शर्कराओं का अतिसंतृप्त विलयन है। शहद में लगभग १७% पानी ३१% ग्लूकोज (२५-४०% तक), ३८% फ्रुक्टोज (३०-४५% तक), ७% माल्टोज, १.५% शर्करा (सूक्रोज), ४% उच्चतर शर्कराएँ (लम्बी शृंखला वाले कार्बोहाइड्रेट), तथा ०.५% एंजाइम, खनिज, विटामिन होते हैं। शहद में शर्कराओं तथा पानी का अनुपात सामान्य रूप से पानी में इन शर्कराओं के घुल सकने की क्षमता से कहीं अधिक होता है। इस प्रकार के किसी भी संतृप्त विलयन में केलासीकरण सामान्य है।
Hide commentsतापमान कम होने पर शहद में उपस्थित शर्करा केलासित होने लगती हैं। शहद का केलासीकरण होने से इसकी श्यानता बढ जाती है।
इसके तीन कारण हैं :—
शहद का तापमान कम होने पर शर्कराएँ केलासित लगती हैं, लगभग १०° सेंटीग्रेड अथवा कम का तापमान इस प्रक्रिया को बढावा देता है।
परागकणों की उपस्थिति से केलासीकरण की प्रक्रिया के आरम्भ होने के लिए ठोस केन्द्र मिलने से केलासीकरण सरलता से होता है। वास्तव में शहद में परागकणों की उपस्थिति मधु के प्राकृतिक होने का द्योतक है। यदि शहद में शक्कर का घोल मिलाया गया हो तो परागकणों की सान्द्रता कम हो जाएगी, इससे केलासीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
शहद में उपस्थित ग्लुकोज तथा फ्रुक्टोज का अनुपात भी शहद के केलासीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित करता है, अधिक ग्लूकोज का अर्थ अधिक सरलता से केलासीकरण। ध्यान रहे कि हम ग्लूकोज को सरलता से पचा सकते हैं, किन्तु फ्रुक्टोज को पचा पाने के उपयुक्त एंजाइम हमारे पाचनतन्त्र में उपस्थित नहीं।
शहद के केलासीकरण से इसमें खनिज, एंजाइम तथा विटामिन की सान्द्रता बढती है। यदि शहद में ग्लूकोज की मात्रा अधिक है तो शहद का केलासीकरण अधिक सरलता से होता है। इस प्रकार के शहद में छोटे, मक्खन के जैसे चिकने शर्करा के कण बनते हैं। कुछ स्थानों पर इस प्रकार का श्वेत, गाढ़ा, क्रीम के जैसा शहद मिलता है, जिसे उत्तम गुणवत्ता वाला माना जाता है। यदि शहद का केलासीकरण धीमी गति से होता है तो बडे और पारभासक केलास भी बन सकते हैं।
यदि शहद जम जाए तो इसे काँच के बर्तन में रखकर उस बर्तन को मन्द आँच पर उबलते पानी में कुछ देर रखें, शहद को हलके-हलके चम्मच से हिलाते रहें, यह पुनः द्रवित हो जाएगा।
शहद को सामान्य से कुछ ठंडे तापमान (२०-२५° सेंटीग्रेड) तथा कम नमी वाले स्थान पर संग्रहित करें।
वैसे जमा हुआ शहद खाने योग्य भी है, और कम नमी वाला होने से पौष्टिकता से भरपूर भी। जमा हुआ दानेदार शहद और दानेदार घी शुद्धता का संकेत देते हैं।
शहद की शुद्धता जाँचने के लिए कुछ घरेलू उपाय :—
१. शुद्ध शहद ठंडे पानी में अपेक्षाकृत कठिनाई से घुलता है। एक बूँद शहद पानी में टपकाने कर देखें कि इसमें कितना समय लगता है।
२. शहद में बत्ती डुबो कर दिया जलाइए, शुद्ध शहद में बत्ती सरलता से जलेगी, किन्तु यदि इसमें शक्कर का घोल है तो तड़कने की आवाज आएगी।
३. चखकर देखें।
४. ब्रांड वाले शहद में उसके घटकों की सूची पढें, शुद्ध शहद में मात्र एक घटक शहद ही होगा।
५. शुद्ध शहद की सामान्य रूप से उपभोग की कोई अन्तिम तिथि नहीं होती है।
इनमें कोई एक उपाय प्रामाणिक रूप से शुद्धता नहीं बता सकता है, अतः एक से अधिक प्रकार से जाँच करें। तथा, संतुष्टि के लिए स्वयं मिलावट कर उपरोक्त परीक्षण करें।
युरोपीय संघ में शहद की गुणवत्ता के लिए उच्च प्रतिमान बनाए गए हैं। यूरोपीय संघ में शहद के रूप में बेचा जाने वाला कोई भी उत्पाद कानून द्वारा मिलावट से मुक्त होना चाहिए, जिसमें मधुमक्खियों को निरोग रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक्स भी शामिल हैं।
अब थोड़ा शहद की गुणवत्ता के बारे में उसकी कीमत से भी अनुमान कर सकते हैं।
फूलों का शहद (जो जम कर क्रीम बन गया है) €१५.९६ प्रति किलोग्राम (लगभग ₹१३५०)।
सामान्य फूलों का शहद € ४.३८ प्रति किलोग्राम (लगभग ₹ ३७५)।
https://www.powerblanket.com/blog/why-does-honey-crystallize/
How to Prevent Raw Honey from Crystallizing | Asheville Bee Charmer
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