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शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

संस्कृत भाषा से ही विश्व की सभी भाषाओं का उद्गम हुआ है

*🚩आज विश्व की सबसे पवित्र, दिव्य, वैज्ञानिक, रहस्यमय, गौरवशाली भाषा संस्कृत के, आज के आधुनिक परिपेक्ष्य में उपयोगिता को समझेंगे।

*🚩 देववाणी संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है, संस्कृत भाषा से ही विश्व की सभी भाषाओं का उद्गम हुआ है, लेकिन भारतवासी भूल गए क्योंकि ये सब इतिहास में पढ़ाया नहीं जाता है।*

*🚩 भारतीय हिंदू देवी-देवताओं की आराधना करके और संस्कृत भाषा का प्रयोग करके जापान संसार में तकनीक के मामले में नंबर 1 पर है, लेकिन भारत में ऐसी विडंबना है कि भारतवासी पाश्चात्य संस्कृति से आकर्षित होकर हिंदू देवी-देवताओं और अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं।*
*🚩 सृष्टि के अस्तित्व से ही संस्कृत भाषा बोली जाती थी। ईसा से 500 वर्ष पूर्व पाणिणी ने संसार का पहला व्याकरण ग्रंथ लिखा था, जो संस्कृत में था। इसका नाम ‘अष्टाध्यायी’ है।*

*🚩 संस्कृत, विश्व की सबसे प्राचीनतम ग्रंथ (ऋग्वेद) की भाषा है। इसलिये इसे विश्व की प्रथम भाषा मानने में कहीं किसी संशय की संभावना नहीं है।*

*🚩 संस्कृत की सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी स्वयं सिद्ध है।*

*🚩 संस्कृत ही एक मात्र साधन है जो क्रमशः अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं।*

*🚩 संस्कृत अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित, विज्ञान एवं अन्य भाषाएँ ग्रहण करने में सहायता मिलती है।*

*🚩 संस्कृत केवल एक मात्र भाषा नहीं है अपितु संस्कृत एक विचार है। संस्कृत एक संस्कृति है और एक संस्कार है। संस्कृत में विश्व का कल्याण है, शांति है, सहयोग है और वसुधैव कुटुम्बकम की सर्वोच्च भावना है।*

*🚩 अब तो नासा ने भी माना कि संस्कृत भाषा वैज्ञानिक भाषा है। इसका प्रयोग करके कंप्यूटर पर काम करना अत्यंत सरल है। नासा का कहना है कि 6th और 7th generation super computers संस्कृत भाषा पर आधारित होंगे।*

*🚩 संस्कृत विद्वानों के अनुसार सौर परिवार के प्रमुख सूर्य के एक ओर से 9 रश्मियाँ (Beams of light) निकलती हैं और ये चारों ओर से अलग-अलग निकलती हैं। इस तरह कुल 36 रश्मियाँ हो गईं। इन 36 रश्मियों के ध्वनियों पर संस्कृत के 36 स्वर बने।*

*🚩 कहा जाता है कि अरबी भाषा को कंठ से और अंग्रेजी को केवल होंठों से ही बोला जाता है किंतु संस्कृत में वर्णमाला को स्वरों की आवाज के आधार पर क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, प वर्ग, अंतःस्थ और ऊष्म वर्गों में बांटा गया है।*

*🚩 संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक राज्य (official state language) भाषा है।*

*🚩 अरब आक्रमण से पहले संस्कृत भारत की राष्ट्रभाषा थी।*

*🚩 कर्नाटक के मट्टुर (Mattur) ग्राम में आज भी लोग संस्कृत में ही बोलते हैं।*

*🚩 जर्मनी के 14 विश्वविद्यालय लोगों की भारी माँग पर संस्कृत (Sanskrit) की शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं लेकिन आपूर्ति से ज्यादा माँग होने के कारण वहाँ की सरकार संस्कृत (Sanskrit) सीखने वालों को उचित शिक्षण व्यवस्था नहीं दे पा रही है।*
*🚩 हिन्दू विश्वविद्यालय के अनुसार संस्कृत में बात करने वाला मनुष्य उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल आदि रोग से मुक्त हो जाता है।*

*🚩 संस्कृत में बात करने से मानव शरीर का तंत्रिका तंत्र सक्रिय रहता है। जिससे कि व्यक्ति का शरीर सकारात्मक आवेश के साथ सक्रिय हो जाता है।*

*🚩 यूनेस्को (UNESCO) ने भी मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की अपनी सूची में संस्कृत वैदिक जाप को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। यूनेस्को (UNESCO) ने माना है कि संस्कृत भाषा में वैदिक जप मानव मन, शरीर और आत्मा पर गहरा प्रभाव पड़ता है।*

*🚩 शोध से पाया गया है कि संस्कृत (Sanskrit) पढ़ने से स्मरणशक्ति (याददाश्त) बढ़ती है। एक अमेरिकी शोध में सिद्ध हुआ है कि वैदिक मंत्रों को याद करने से दिमाग के उस हिस्से में बढोतरी होती है जिसका काम संज्ञान लेना है, यानी कि चीजों को याद करना है ।*

*-डॉ. जेम्स हार्टजेल, न्यूरो साइंटिस्ट*

*🚩 संस्कृत वाक्यों में शब्दों को किसी भी क्रम में रखा जा सकता है। इससे अर्थ का अनर्थ होने की बहुत कम या कोई भी सम्भावना नहीं होती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी शब्द विभक्ति और वचन के अनुसार होते हैं। जैसे- अहं गृहं गच्छामि >या गच्छामि गृहं अहं दोनों ही ठीक हैं।*

*🚩 नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो अंतरिक्ष ट्रैवलर्स को मैसेज भेजते थे तो उनके वाक्य उलट हो जाते थे। इस वजह से मैसेज का अर्थ ही बदल जाता था। उन्होंने कई भाषाओं का प्रयोग किया लेकिन हर बार यही समस्या आई। आखिर में उन्होंने संस्कृत में मैसेज भेजा क्योंकि संस्कृत के वाक्य उलटे हो जाने पर भी अपना अर्थ नहीं बदलते हैं। जैसा के ऊपर बताया गया है।*

*🚩 संस्कृत भाषा में किसी भी शब्द के समानार्थी शब्दों की संख्या सर्वाधिक है। जैसे हाथी शब्द के लिए संस्कृत में १०० से अधिक समानार्थी शब्द हैं।*

*🚩 संसार का सबसे सम्पन्न और प्रचुरतम साहित्य संस्कृत भाषा ने ही प्रदान किया है।*

*🚩 आप सभी संस्कृत भाषा को अपने दैनिक दिनचर्या का अनिवार्य भाग बनायें। बच्चों को भी संस्कृत भाषा में देवताओं की पौराणिक स्तुति, गीता पाठ व उपनिष्दों की नीतियाँ कंठस्थ करायें। उन्हें निरन्तर प्रोत्साहन दें। देवभाषा का उपहास करने वाले अज्ञानियों, नकारात्मक पूर्वाग्रह से ग्रस्त, नास्तिक, मूर्खों को भी शिक्षित करने का प्रयास करें।* 

*🚩 संस्कृत सम्भाषण के कुछ शब्द आप आज से ही अपने नित्यचर्या में लागू करें।*
*Welcome नहीं "स्वागतम्" कहें।*
*Sorry नहीं "क्षम्यताम्" कहें।*
*Sir नहीं "श्रीमान्" कहें।*
*Good night नहीं "शुभरात्रि" कहें।*
*See you नहीं "पुनः मिलामः" कहें।*
*My name is नहीं "मम् नाम" कहें।*
*All is well नहीं "सर्वं कुशलम्" कहें।*
*At what time नहीं "कस्मिन् समये" कहें।*
*Please sit down नहीं "उपविशन्तु" कहें।*
*I am a teacher (fem) नहीं "अहम् एक अध्यापिका अस्मि" कहें।*

*🚩 संस्कृत कोई प्राक्षेपास्त्र विज्ञान (rocket science) नहीं है और न ही History channel के परगृही (aliens) की भाषा है। यह मिथ्या तर्क देकर अंग्रेजों ने भारतीयों को संस्कृत भाषा के उपयोग से होनेवाले लाभों से वंचित कर दिया है। उनकी कूटनीति की चालों और मैकाले के दासत्व बनाने वाले मायाजाल का भेदन कीजिए।*

*🚩 अंग्रेजी को बोलने की अपेक्षा संस्कृत बोलने में वास्तविक स्वाभिमान को स्वीकार कीजिए। स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था जिस दिन भारत के काश्मीर (प्राचीन कश्मीर का पौराणिक नाम) से लेकर कन्याकुमारी के सागर तट तक निवास करने वाली आर्य जाति संस्कृत में सम्भाषण करेगी तो उसके उच्चारण से ही वह दिव्य ऊर्जा से सम्पन्न हो जायेगी। संसार में फिर उसे कोई परास्त नहीं कर सकेगा।*

*🚩 हमारी केन्द्र सरकार से यह सविनय प्रार्थना है कि सभी विद्यालयों में संस्कृत का अध्ययन अनिवार्य किया जाए।*


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