आखिर ऐसा क्या हुआ, जो देवों के देव महादेव को अपनी तलवार चंद्रहास रावण को देनी पड़ी।
रावण महाकाल की तालाश करते करते कैलाश जा पहुंचा। और अपने वाहुवल से कैलाश को उठाने लगा । तब महादेव ने अपने पैर के अंगूठे से उसे दबाया जिससे पहाड़ नीचे गिर गया। रावण समझ गया महादेव रूष्ट है । लंकेश ने महादेव को मनाने के लिए अपने 10 सिरों में से 1,1 करके हवन में प्रज्वलित करने शुरू कर दिये। जैसे ही वह 10 वां सिर काटने वाला था । तभी महादेव प्रकट हो गये । तब रावण महादेव से उनकी तलवार चंद्रहास मांग लेता है । जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश को छोड़कर सव का बंध कर सकती है । जिसमे इंद्र के वज्र के समान शाक्ति है । माता सीता के हरण के समय जटायु के पंख इसी चंद्रहास तलवार से काटे थे ।
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