हमारा विपक्ष भी एकदम दिशा हीन है... कुढ़ा हुआ है...नकारात्मक हो चुका है....इसलिए उन्हें समझ नहीं आता कि किस बात का विरोध करना है, किसका समर्थन करना है... किस मुद्दे को उठाना है, और कहाँ चुप रहना है.
अब चंद्रयान-3 को ही लीजिये.
यह किसी पार्टी या किसी ख़ास धर्म की उपलब्धि नहीं थी... पूरे देश या पूरे विश्व की उपलब्धि है.. जिसका साझेदार हर भारतीय तो है ही....साथ ने हर मानव इससे कहीं ना कहीं प्रेरणा ले सकता है.
चंद्रयान-3 के land होते ही दुनियाभर में ख़ुशी मनाई गई....सभी Space Agencies ने बधाई दी... कई देशों के राष्ट्रध्यक्षो ने हमारे देश और प्रधानमंत्री को शुभकामनायें दी.
वहीं हमारा विपक्ष इस पूरे मामले में जलता कुढ़ता ही दिखा.... विपक्ष से मेरा आशय है कांग्रेस, मीडिया का एक ख़ास वर्ग, और कुछ कथित Famous Personalities....जिनकी जीवन यापन गाली खा कर ही होता है.
इनकी बातें भी सुनिए.
1. मोदी को landing के समय ISRO के office में नहीं होना चाहिए.
2. अच्छा है मोदी G-20 के लिए South Africa में हैं... इनकी वजह से चंद्रयान-2 crash हुआ था.
जैसे ही चंद्रयान-3 land हुआ.... उसके बाद इनकी बाते बदल गई... अब ये कहने लगे
1. अरे ये तो Animation दिखा दिया... फर्जी landing है जी
2. अरे मोदी ने आधी screen घेर ली
3. अरे मोदी ने तो वैज्ञानिकों को बोलने ही नहीं दिया
4. मोदी को चंद्रयान-4 का क्रेडिट नहीं मिलना चाहिए.
5. क्रेडिट तो नेहरू को जाना चाहिए... वो ना होते तो भारतीयों को सांस लेने के लिए हवा भी नहीं मिलती (ऐसा सच में कहा गया है)
आज प्रधानमंत्री वापस आ गए, और सीधा बंगलौर गए ISRO के office.. वैज्ञानिकों से मिले, उन्हें सम्बोधित किया.. कुछ घोषणायें की
यहाँ भी विपक्ष वालों को दर्द उभर गया... अब यह कह रहे हैं.
1. मोदी को कोई हक़ नहीं है, Chandrayan-3 के लैंडिंग Point का नाम 'शिव शक्ति' और चंद्रयान-2 के crash point का नाम 'तिरंगा' रखने का. जबकि इन्ही लोगों ने चंद्रयान-1 के crash point का नाम जवाहर point रखा था... तब किससे पूछा था भाई?
2. यह लोग इसमें भी secularism ले आये... कि secular देश है... नाम भी secular होना चाहिए था.. शिव शक्ति और तिरंगा तो हिन्दू शब्द हैं जी.
इसी बीच मुजफ्फरनगर में एक घटना घट गई.. एक मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने की.... और अब सारा मुद्दा ही हिन्दू मुस्लिम कर दिया इन्होंने..... पिछले 12 घंटो से इनके लिए चंद्रयान गायब हो गया है.. और अब बस मुज़फ्फरनगर ही limelight में रह गया है...
यहाँ तक कि राहुल गाँधी की लद्दाख यात्रा की coverage भी कम कर दी है... वो बेचारा वहाँ बीहड़ में धूल फांक रहा है.. कम से कम उसे ही cover कर लो 😀🤣
इन्हे लगता है कि ऐसी नकारात्मक बातें करके यह लोगों को सरकार के खिलाफ भड़का देंगे... लेकिन ऐसा होता नहीं है... नकारात्मकता से सिर्फ नकारात्मक परिणाम ही आते हैं... और वह चुनाव में दिख भी जाएंगे.
सोचिये देश में कितना सकारात्मक माहौल होता.. अगर विपक्ष भी इस महान घटना पर सकारात्मक रहता... देश वासियो के साथ खुशियां मनाता..... ऐसा करते तो लोगों के मन में भी विपक्ष के प्रति दृष्टिकोण बदलता...... लेकिन इन्हे कौन समझाये... जब अपने पैर को ही कुल्हाड़ी पर मारने का मन बना लिया इन्होने.. तो भला कौन रोक पायेगा इन्हे.
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