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सोमवार, 2 जून 2025

घर बनाने में क्या इस्तेमाल किया जाये कि घर की लागत कम हो सके?

 

"सुनिए साहब, घर बनाना है तो पैसा सोच-समझकर लगाइए!"

देखिए, मैं ठेकेदारी करता हूँ, लेकिन ईमानदारी से काम करता हूँ। आपका पैसा मेरी जिम्मेदारी है, और मैं चाहता हूँ कि हर रुपया सही जगह लगे। कई लोग घर बनवाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनसे लाखों का नुकसान हो जाता है। मैं आपको वो बातें बताने वाला हूँ, जो आमतौर पर ठेकेदार आपको नहीं बताते।

घर का डिजाइन जितना सीधा-सपाट होगा, उतना सस्ता पड़ेगा। ज्यादा कोने, ज्यादा घुमाव-फिराव, या बेवजह की डिजाइनिंग से मटेरियल और मजदूरी दोनों बढ़ती हैं। एक सिंपल चौकोर या आयताकार घर सबसे किफायती होता है। बेवजह के एक्स्ट्रा कमरे बनाने से बचिए, जैसे स्टोर रूम, पूजा रूम, अलग से ड्रॉइंग रूम – ये बाद में कम ही काम आते हैं, लेकिन खर्चा बहुत करवा देते हैं।

अब नींव की बात करें तो लोग सोचते हैं कि "नींव जितनी गहरी, घर उतना मजबूत।" लेकिन ऐसा हमेशा सही नहीं होता। सबसे पहले मिट्टी की जांच करवाइए। अगर मिट्टी अच्छी है, तो बेवजह 10-12 फीट खुदाई करवाने का कोई मतलब नहीं। ज्यादा खुदाई मतलब ज्यादा सीमेंट, ज्यादा ईंट और ज्यादा पैसा।

ईंटों में ब्रांड मत देखिए, मजबूती देखिए। लोकल ईंटें भी कई बार ब्रांडेड से बेहतर होती हैं। एक ईंट को ज़मीन पर गिराकर देखिए – अगर वो नहीं टूटती, तो वही सही है। फ्लाई ऐश ब्रिक्स और कंक्रीट ब्लॉक भी एक बेहतरीन ऑप्शन हैं – ये सस्ते भी पड़ते हैं और गर्मी भी कम करते हैं।

सीमेंट और सरिया खरीदने में सबसे ज्यादा ठगी होती है। ठेकेदार कहेगा कि "सिर्फ 53 ग्रेड का सीमेंट ही लेना है" – लेकिन हर जगह इसकी जरूरत नहीं होती। ईंट जोड़ने और प्लास्टर के लिए 43 ग्रेड सीमेंट भी बढ़िया काम करता है और सस्ता पड़ता है। सरिया भी लोकल ब्रांड का बढ़िया मिलता है, बस भरोसेमंद दुकान से लीजिए।

छत की मोटाई उतनी ही रखिए, जितनी जरूरी हो। कई लोग कहते हैं कि "छत भारी होगी तो घर मजबूत बनेगा", लेकिन बेवजह मोटा कंक्रीट डालकर खर्चा मत बढ़ाइए। अगर घर ठंडा रखना है, तो छत पर सफेद टाइल्स लगवा सकते हैं – इससे गर्मी अंदर नहीं आएगी और AC-कूलर का खर्च भी कम होगा।

दरवाजे और खिड़कियों में लकड़ी की बजाय UPVC या WPC लगवाइए। ये सस्ते भी पड़ते हैं, टिकाऊ भी होते हैं और दीमक-बरसात से खराब नहीं होते। लकड़ी महंगी भी आती है और मेंटेनेंस भी ज्यादा मांगती है।

प्लास्टर और पेंटिंग में भी बहुत पैसा फिजूल चला जाता है। महंगा POP और फॉल्स सीलिंग करवाने से बचिए – ये देखने में अच्छा लगता है, लेकिन साल-दो साल में धूल जमा होने लगती है और सफाई का झंझट बढ़ जाता है। अगर बजट कंट्रोल करना है, तो सिंपल पेंट और अच्छे क्वालिटी की टाइल्स पर फोकस करें।

अब सबसे बड़ी बात – मजदूरी और ठेकेदारी। डेली मजदूरी में ठेकेदार अक्सर काम धीरे करवाएगा ताकि पैसे ज्यादा निकलवाए जा सकें। हमेशा फिक्स ठेका लीजिए – इससे काम जल्दी और सही तरीके से होगा। और हाँ, अगर आप थोड़ी मेहनत खुद कर सकते हैं, तो बहुत पैसा बच सकता है। पेंटिंग, तराई,हल्का फुल्का काम, दरवाजों की पॉलिशिंग – ये सब खुद करने से हजारों रुपये बच सकते हैं।

सरकारी स्कीमों का भी फायदा उठाइए। अगर आप प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी किसी स्कीम के पात्र हैं, तो लोन सस्ता मिल सकता है। मटेरियल हमेशा होलसेल में खरीदिए – वहाँ बड़ा डिस्काउंट मिलता है। और अगर कंस्ट्रक्शन ठंड या बारिश के मौसम में करवाएँगे, तो मजदूरी भी सस्ती मिलेगी और मटेरियल भी कम दाम में मिल सकता है।

घर बनाना जिंदगी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होता है, और अगर थोड़ी समझदारी से काम लेंगे, तो लाखों रुपये बच सकते हैं। मेरा तो काम ठेकेदारी करना है, लेकिन मुझे खुशी होगी अगर आपका घर मजबूत भी बने और बेवजह पैसे की बर्बादी भी न हो।

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