यह हैं साक्षी गुप्ता — जो कल तक कोटा में ICICI बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर थीं।
साक्षी को शेयर ट्रेडिंग की लत लग गई थी, जब उन्होंने अपने पिता के ₹40 लाख गंवा दिए। लेकिन उनका लालच यहीं नहीं रुका। 2020 से 2023 के बीच, उन्होंने अपने ब्रांच के 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों में हेरफेर की। साक्षी ने उन खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलकर अपने रिश्तेदारों के नंबर कर दिए, ताकि ट्रांजैक्शन अलर्ट और OTP असली खाताधारकों तक न पहुंचें।
फर्जी फॉर्म का इस्तेमाल कर उन्होंने पैसों की निकासी की, 31 फिक्स्ड डिपॉज़िट को बिना अनुमति समय से पहले तोड़ दिया (कुल ₹1.34 करोड़), 40 खातों पर बिना मंजूरी ओवरड्राफ्ट सुविधा शुरू की, और यहां तक कि एक बुज़ुर्ग महिला के खाते को 'पूल अकाउंट' के रूप में इस्तेमाल किया — और यह सब बिना किसी को खबर हुए।
सिर्फ एक खाते से ही ₹300 करोड़ से ज़्यादा का लेनदेन किया गया।
उन्होंने फर्जी लोन पास किए, डेबिट कार्ड और पिन का गलत इस्तेमाल किया, और ग्राहकों के ₹6 करोड़ शेयर बाज़ार में झोंक दिए — जहां अंत में सब कुछ डूब गया।
पकड़े जाने पर साक्षी ने स्वीकार किया कि यह सब उन्होंने अपने नुकसान की भरपाई के लिए किया।
गिरफ्तार कर लिया गया।
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