यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 24 जनवरी 2013

पश्चिम की नक़ल है ब्रास बंड बजाके बारात लेके जाना


वैदिक और दुसरे पद्धति में होने वाले विवाह में जो पश्चिम की नक़ल है वो है ब्रास बंड बजाके बारात लेके जाना | ये पूरी की पूरी अंग्रेजो की नक़ल है | यूरोप में ये परंपरा है खास कर इंग्लॅण्ड में आयरलैंड में स्कॉट्लैंड में के ये ब्रास और बंड तब बजाया जाता है जब दुसमन पर हमला करनेके लिए जाया जाता है और सेना के आगे आगे चल के जाते है ताकि आर्मी में जोश भरे उत्साह भरे और दुसमन पर जाके टूट पड़े हमला करे | इहाँ मुर्ख भारतबासी शादियों में बारात में वो ब्रास बंड लेके जाते है पता नही किसपे हमला करने जा रहे है |

अंग्रेजो की आर्मी जब भारत में आयी उनके ब्रास बंड भी साथ में आयी और उनको भारतके राजाओ पर हमला करना होता था तब उनका ब्रास बंड बजता रहता था बाद में जब अंग्रेज गए वो ब्रास बंड को येही छोड गए और हमने उसको बजाना सुरु कर दिया शादी और बारातो में |
भारत में हर शुभ काम में शेहनाई बजती है तो सहनाई बजाइए बांसुरी बजाइए पर बेसुरा ब्रास बंड बजाना बंध करिए सादियों में |

Like ✔ Comment✔ Tag ✔ Share ✔
राजीव दीक्षित Rajiv Dixit
निचे दिए गए लिंक पे जाके विडियो देखे :
http://www.youtube.com/watch?v=MWL8_wGCbMQ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya