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१५ अगस्त खुशी का नहीं - शर्म का दिन है| पाकिस्तान बैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधी की लाश पर बन रहा था| गांधी के अतिरिक्त मोहम्मद अली जिन्ना, जवाहरलाल नेहरु, सरदार वल्लभ पटेल, वीर सावरकर और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर में एक समानता थी| सभी बैरिस्टर थे| सभी को भारतीय स्वतंत्रता (उपनिवेश) अधिनियम १९४७ का पूरा ज्ञान था| आक्रांता अंग्रेजों ने इस अधिनियम को हॉउस ऑफ कामन्स में सत्ता के हस्तांतरण के पूर्व १८ जुलाई १९४७ को पास किया था, जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित इंडिया का दो उपनिवेशों (इंडिया तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया और १५ अगस्त १९४७ को इंडिया बंट गया। १९४७ में हमें राष्ट्रहंता-पाकपिता धूर्त गांधी ने हमारी ही भूमि ९९ वर्ष के लिए किराए पर दिलवा दिया| जो राज्य अंग्रेजों के अधीन नहीं थे वे भी इसके अंतर्गत अब अंग्रेजों के अधीन हो गए | खूनियों को रोका| इंडिया का संविधान अभी भी ब्रिटेन के अधीन है| ब्रिटिश नागरिकता अधिनियम १९४८ के अंतर्गत हर इंडियन, चाहे मुसलमान या ईसाई ही क्यों न हो, बर्तानियों की प्रजा है| भारतीय संविधान के अनुच्छेदों ३६६,३७१,३७२ व ३९५ मे परिवर्तन की क्षमता संसद में नहीं है | गोपनीय समझौते, जिसका खुलासा आज तक नहीं किया जाता, के तहत वार्षिक १० अरब रूपये पेंशन व ३० हजार टन गौ मांस ब्रिटेन को दिया जाएगा| [यही गोपनीयता है, जिसकी नमो ने भी शपथ ली है] अनुच्छेद ३४८ के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय व संसद की कार्यवाही आंग्ल में होगी| गांधी ने पाकिस्तान भी बनवाया| पाकिस्तान को कश्मीर पर आक्रमण के बदले में ५५ करोड़ रु० दिलाये| माउंटबेटन से मिलकर गांधी मुसलमानों और हिंदुओं को उजड़वाता, लुट्वाता, कत्ल कराता और नारियों का बलात्कार कराता रहा| १५ अगस्त को प्रत्येक वर्ष मूर्ख हिंदू और मुसलमान उसी मानवता के संहार और नारी के बलात्कार का जश्न मनाते हैं. दोनों को लज्जा भी नहीं आती. ओ३म्| http://www.legislation.gov.uk/ukpga/Geo6/10-11/30
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गांधी २०वीं सदी का मीरजाफर ...
१५ अगस्त खुशी का नहीं - शर्म का दिन है| पाकिस्तान बैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधी की लाश पर बन रहा था| गांधी के अतिरिक्त मोहम्मद अली जिन्ना, जवाहरलाल नेहरु, सरदार वल्लभ पटेल, वीर सावरकर और बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर में एक समानता थी| सभी बैरिस्टर थे| सभी को भारतीय स्वतंत्रता (उपनिवेश) अधिनियम १९४७ का पूरा ज्ञान था| आक्रांता अंग्रेजों ने इस अधिनियम को हॉउस ऑफ कामन्स में सत्ता के हस्तांतरण के पूर्व १८ जुलाई १९४७ को पास किया था, जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित इंडिया का दो उपनिवेशों (इंडिया तथा पाकिस्तान) में विभाजन किया गया और १५ अगस्त १९४७ को इंडिया बंट गया। १९४७ में हमें राष्ट्रहंता-पाकपिता धूर्त गांधी ने हमारी ही भूमि ९९ वर्ष के लिए किराए पर दिलवा दिया| जो राज्य अंग्रेजों के अधीन नहीं थे वे भी इसके अंतर्गत अब अंग्रेजों के अधीन हो गए | खूनियों को रोका| इंडिया का संविधान अभी भी ब्रिटेन के अधीन है| ब्रिटिश नागरिकता अधिनियम १९४८ के अंतर्गत हर इंडियन, चाहे मुसलमान या ईसाई ही क्यों न हो, बर्तानियों की प्रजा है| भारतीय संविधान के अनुच्छेदों ३६६,३७१,३७२ व ३९५ मे परिवर्तन की क्षमता संसद में नहीं है | गोपनीय समझौते, जिसका खुलासा आज तक नहीं किया जाता, के तहत वार्षिक १० अरब रूपये पेंशन व ३० हजार टन गौ मांस ब्रिटेन को दिया जाएगा| [यही गोपनीयता है, जिसकी नमो ने भी शपथ ली है] अनुच्छेद ३४८ के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय व संसद की कार्यवाही आंग्ल में होगी| गांधी ने पाकिस्तान भी बनवाया| पाकिस्तान को कश्मीर पर आक्रमण के बदले में ५५ करोड़ रु० दिलाये| माउंटबेटन से मिलकर गांधी मुसलमानों और हिंदुओं को उजड़वाता, लुट्वाता, कत्ल कराता और नारियों का बलात्कार कराता रहा| १५ अगस्त को प्रत्येक वर्ष मूर्ख हिंदू और मुसलमान उसी मानवता के संहार और नारी के बलात्कार का जश्न मनाते हैं. दोनों को लज्जा भी नहीं आती. ओ३म्| http://www.legislation.gov.uk/ukpga/Geo6/10-11/30
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गांधी २०वीं सदी का मीरजाफर ...
सन १७५७ में राबर्ट क्लाइव, मीरजाफर, नवाब के तीन सेनानायक, उसके दरबारी,
तथा राज्य के अमीर सेठ जगत सेठ आदि थे और १५ अगस्त १९४७ को पाकपिता -
राष्ट्रहंता बैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधी, बैरिस्टर जिन्ना, बैरिस्टर
जवाहरलाल नेहरु, बैरिस्टर सरदार वल्लभभाई पटेल, बैरिस्टर अम्बेडकर और यहाँ
तक कि विपक्ष के बैरिस्टर वीर सावरकर और तब से आज तक तमाम न्यायविद पैदा
हुए और मर गए, लेकिन किसी ने भी भारतीय स्वतंत्रता (उपनिवेश) अधिनियम,
१९४७, भारतीय संविधान के अनुच्छेदों २९(१), ३९(ग) आदि का विरोध नहीं किया|
...
नमो ने जिस भारतीय संविधान के तीसरी अनुसूची के प्रारूप के अनुसार भारतीय संविधान में आस्था और निष्ठा की शपथ ली है, उसके अनुच्छेद २९(१) ने वैदिक सनातन संस्कृति की रीढ़ तोड़ दी है| वीर्यरक्षा के केंद्र निःशुल्क गुरुकुलों में शिक्षा देने के बारे में कोई सोच ही नहीं सकता| गौ हत्या जारी है| गंगा गंदा नाला बन गई है| वेदमाता गायत्री तिरस्कृत है| उपनिवेश से मुक्ति के बारे में चर्चा करते ही आप आतंकित हो जाते हैं| भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१) किसी मनुष्य को जीने का अधिकार नहीं देता| यहाँ तक कि ईसाई मुसलमान की हत्या करने का असीमित मौलिक मजहबी अधिकार रखता है और मुसलमान ईसाई की| आत्मरक्षा हेतु क्या आप के पास हमारा सहयोग करने का साहस है? एक पत्थर नहीं फेंक सकते, तो पत्थर फेंकने वालों को सहयोग तो दीजिए. खुल कर नहीं तो गुप्त रूप से ही सही. अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी. (सू० स०) Aug. 11, 14y
Registration Number is : DARPG/E/2014/04822 http://pgportal.gov.in
यह सार्वजनिक अभिलेख है| कोई भी व्यक्ति इस पर हुई कार्यवाही का उपरोक्त न० द्वारा ज्ञान प्राप्त कर सकता है| इस लेख को आप जैसे भी चाहें, यहाँ तक कि अपने नाम से भी प्रकाशित कर सकते हैं|
नमो ने जिस भारतीय संविधान के तीसरी अनुसूची के प्रारूप के अनुसार भारतीय संविधान में आस्था और निष्ठा की शपथ ली है, उसके अनुच्छेद २९(१) ने वैदिक सनातन संस्कृति की रीढ़ तोड़ दी है| वीर्यरक्षा के केंद्र निःशुल्क गुरुकुलों में शिक्षा देने के बारे में कोई सोच ही नहीं सकता| गौ हत्या जारी है| गंगा गंदा नाला बन गई है| वेदमाता गायत्री तिरस्कृत है| उपनिवेश से मुक्ति के बारे में चर्चा करते ही आप आतंकित हो जाते हैं| भारतीय संविधान का अनुच्छेद २९(१) किसी मनुष्य को जीने का अधिकार नहीं देता| यहाँ तक कि ईसाई मुसलमान की हत्या करने का असीमित मौलिक मजहबी अधिकार रखता है और मुसलमान ईसाई की| आत्मरक्षा हेतु क्या आप के पास हमारा सहयोग करने का साहस है? एक पत्थर नहीं फेंक सकते, तो पत्थर फेंकने वालों को सहयोग तो दीजिए. खुल कर नहीं तो गुप्त रूप से ही सही. अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी. (सू० स०) Aug. 11, 14y
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भवदीय:-
अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी (सूचना सचिव)
आर्यावर्त सरकार,
७७ खेड़ा खुर्द, दिल्लीः ११० ०८२.
चल दूरभाष: (+९१) ९८६८३२४०२५/९१५२५७९०४१
ईमेल : aryavrt39@gmail.com
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पढ़ें: http://www.aryavrt.com/
अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी (सूचना सचिव)
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