सतयुग
17,28,000 वर्ष के सतयुग में मनुष्य की लंबाई 32 फिट और उम्र 100000 वर्ष
की बतायी गई है। इसका तीर्थ पुष्कर और अवतार मत्स्य, हयग्रीव, कूर्म,
वाराह, नृसिंह हैं। इस युग में पाप 0% जबकि 20 विश्वा अर्थात 100 प्रतिशत
पुण कर्म करता है मनुष्य। इस युग की मुद्रा रत्न और पात्र स्वर्ण हैं।
त्रेतायुग
12,96,000 वर्ष की कालावधि का त्रेतायुग तीन पैरों पर खड़ा है। इस युग में
मनुष्य की आयु 10000 वर्ष और लंबाई 21 फिट की बतायी गई है। इसका तीर्थ
पुष्कर और अवतार वामन, परशुराम और राम हैं। इस युग में पाप 25% जबकि पुण्य
कर्म 75% होते हैं। इस युग की मुद्रा स्वर्ण जबकि पात्र चांदी हैं।
द्वापरयुग
8.64,000 वर्ष की कालावधि का द्वापरयुग दो पैरों पर खड़ा है। इस युग में मनुष्य की आयु 1000 वर्ष और लंबाई 11 फिट बतायी गई है। इस युग का तीर्थ कुरुक्षेत्र और अवतार भगवान श्रीकृष्ण हैं। इस युग में पाप कर्म 10 विश्वा अर्थात 50% और पुण्य भी 50% होते हैं। इस युग की मुद्रा चांदी और पात्र ताम्र के थे।
कलियुग
4,32,000 वर्ष की कालावधि के इस कलियुग को एक पैर पर खड़ा बताया गया है।
इस युग में मनुष्य की आयु 100 वर्ष और लंबाई 5 फिट 5 इंच बतायी गई है। इसका
तीर्थ गंगा और अवतार बुद्ध एवं कल्कि बताए गए हैं। इस युग में पाप कर्म
75% और पुण्य कर्म 25% होते हैं। इस युग की मुद्रा लोहा और पात्र मिट्टी के
हैं।
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