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सोमवार, 21 सितंबर 2020

किसान:चुपचाप एक कोने में बैठा, थोड़ी देर में फिर दलाल के पास जकर बोलता है

मंडी में किसान अपना माल फैला कर एक कोने में हाथ बांध कर मज़दूरों की तरह बैठ जाता है..!!
और बार बार मंडी के दलाल से विनती करता रहता है कि, साहब मेरे माल की भी बोली लगवा दो..!!

दलाल:- रुक जा , देख नही रहा, कितने लोग है  लाइन में.?

किसान:चुपचाप एक कोने में बैठा, थोड़ी देर में फिर दलाल के पास जकर बोलता है, साहब अब तो देखलो..!!

तभी दलाल किसान पर एहसान जताते हुए आता है और एक मुट्ठी अनाज अपने हाथ मे लेकर बोलता है...

“उफ्फ इस बार फिर सी ग्रेड का माल ले आया”

जो भी है साहब ये ही है..!!

ठीक है अभी देखता हूँ ,50 रुपये सस्ते में जायेगा पर ये माल...

जैसा भी आप सही समझो साहब..!!

थोड़ी देर में दलाल /आढ़ती /कमीशन एजेंट आता है और उसका माल उठवाता है..!!

“कुल 18 कुंतल माल बैठा है”

पर साहब घर से तो 20 कुंतल तोल कर लाया था...

“तेरे सामने ही तो तोला है, मैं थोड़े ही खा गया 2 कुंतल माल..बता पैसे अभी लेगा या बाद में लेकर जाएगा”

अभी देदो साहब ,घर मे बहुत जरूरत है...

इसमे 5% कमिसन कट गया, 9% मंडी का टैक्स..,200 रुपए सफाई वाली के..,1000 रुपये बेलदार के..200 रुपये चौकीदार भी मांगेंगे...500 रुपये की तुलाई लग गई....

“ये ले भाई तेरा सारा हिसाब लगा कर इतना बनता है”

हाथों में नोटो को दबा कर घर जाकर, जब हिसाब लगाता है, तो पता चला, सब कट-पिट कर कुल “15 कुंतल” के माल का पैसा ही हाथ लगा..!!

बाकी 5 कुंतल कहाँ गया..??
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बस जितनी भी आज राज्य सभा मे आपने हाथापाई देखी...जितना भी विरोध आप सड़को पर किसान बिल 2020 के लिए देख रहे हो...

“ये सब उसी 5 कुंतल के लिए हो रहा है...

वर्ना...

 बाकी सब ऐसे ही चलेगा..

बिचौलियों के लिए अभी भी रास्ता खुला है, बस वो अपनी मनमर्जी नही कर पाएंगे किसानों पर...

क्योंकि सरकार ने किसानों के लिए एक अलग रास्ता और दे दिया है, जिसमे किसान बिचौलियों के पास न जाकर, सीधे ग्राहक कंपनी तक पहुच सकता है..!!

“दुःख बस इन 5 कुंतल वालो को ही हो रहा है”
साभार संकलित

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