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मंगलवार, 2 मई 2023

मैडम विनेश फोगाट"...जो कहती हैं.... हम मैडल ल्याए है मैड्डल.....!ये मैडल हम देश के लिए ल्याए है.

..."मैडम विनेश फोगाट"...जो कहती हैं.... 
हम मैडल ल्याए है मैड्डल.....!
ये मैडल हम देश के लिए ल्याए है.....!!


अरे...ये तो बताओ कि कितने मेडल ल्याई हो....?
और चलो मान लिया कि ल्याई हो, तो क्या घर से निकल कर सीधे मेडल ही उठा लाई हो क्या....? 

स्पोर्ट्स अथाॅरिटी आफ इंडिया, और WFI ने करोड़ों खर्चे है तुम पर....पर्सनल कोच, विदेशों में ट्रैनिंग, विश्व स्तरीय सुविधाऐं, आधी दुनियां का टूर, पुलिस में DSP का पद, स्पाॅन्सर जुटाना, ट्रैनिंग, साजो सामान और सरकारी खर्चे पर मौज मस्ती करने के लिए और करोड़ों रूपये दिलवाये हैं।

और सुनो मैडम विनेश फौगाट...….
दो ओलम्पिक खेलकर भी तुम आज तक कोई ओलम्पिक पदक नहीं ला पाई, कभी भी क्वार्टर फाईनल तक नहीं पहुँची तुम, टोक्यो में तो पहले ही राउंड में बाहर और नखरे तेरे सुपरस्टारों वाले थे।

पहले पर्सनल फीजिओ की माँग, फिर फेडरेशन की मर्जी के खिलाफ हंगरी में पति-पत्नि कोच के साथ अकेले ट्रैनिंग फिर भारतीय कुश्ती दल के साथ रूकने से इंकार, भारत सरकार की आॅफीशियल किट पहने से इंकार।
और पहले ही राउंड में धूल चाट गई, किसी दूसरे देश में ऐसे नखरे। अगर स्टारडम दिखाने की कोशिश भी की होती तो आजीवन प्रतिबंध लग जाता।

बड़े मैड्डल ल्याए है.....
भूखों मरता फोगाट परिवार, आज करोडों का मालिक है....ये दिया है देश ने तुम्हें।
मुफ्त में मैड्डल ले आई क्या.....?

इतनी भी उपलब्धियां नहीं है कि तुम इतना इतरा सको....भारत में कितने राज्य हैं जो महिला कुश्ती लड़ते हैं....?

एक दो लड़की यूपी से, दो से पाँच लड़कियां महाराष्ट्र से और बाकी सारा हरियाणा ही हरियाणा है।

काॅमनवैल्थ खेलों में जहाँ ना रशियन फेडरेशन की पहलवान आती हैं ना ईरानी, और ना जापानी.....वहाँ एक आध मेडल लेकर फुदकने वालियों को पता होना चाहिये कि "रेसलिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप" में भारत की रैंकिंग 43 वीं है।

वो भी विश्व स्तरीय सुविधाओं, स्पेशल डाईट, पर्सनल फीजिओ, विदेशी कोच, विदेशों में ट्रैनिंग लेकर भी तुम पहले राऊंड में चित्त हुई हो।

हम तो मैड्डल ल्याए हैं जी......
भारत सरकार, स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री, WFI की मेहनत, पैसा और उतना ही प्रयास लगता है उनका भी।
अगर वो हाथ खींच लें तो बीस बीस रूपये में गाँव के दंगल लड़ने की औकात पर वापस आ जाओगी।

मैडम,
ये विदेशी सैर सपाटा, करोड़ों का खर्च, सरकारी पैसे पर हनीमून ये सब मिलता है तब आवे हैं मैड्डल।

भारत की सबसे नकचढी, बदतमीज और अनुशासनहीन खिलाड़ी हो तुम और ये बात भारत का हर खिलाडी भली भाँति जानता है ।

पीटी ऊषा, मैरीकाॅम और योगेश्वर दत्त के सामने क्या उपलब्धियां है तुम्हारी.....?

वो लोग है, अनुशासित खिलाड़ी...आज तक एक विवाद नहीं, कोई फालतू का नखरा, स्टारडम, टीका, टिप्पणी कुछ नहीं।
हर जगह तुमसे ज्यादा ही सम्मान पाया है उन्होंने।

उनका एक बयान दिखा दो, कि हम मैड्डल ल्याए हैं मैड्डल ।

उसके विपरीत तेरी गज भर लंबी जुबान, अनुशासनहीनता, नखरे, नौटंकी, स्टारडम और खुद को तोपखान और दूसरों को तुच्छ मानने की सनक से तंग आ चुके हैं लोग।

और हाँ..… 
देश जानता है कि पाँच फोगाट बहनों के पास, कुश्ती में एक भी ओलम्पिक मेडल नहीं है।

हम तो मैड्डल ल्याए है जी मैड्डल।

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