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मंगलवार, 16 जुलाई 2024

सप्त धातु......7 धातु + 3 दोष ( वात पित कफ) + 1 मल =11आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सप्त धातु होतें हैं। पूरा शरीर इनके द्वारा ही ऑपरेट होता है।

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सप्त धातु......

7 धातु + 3 दोष ( वात पित कफ) + 1 मल =11

आयुर्वेद के अनुसार शरीर में सप्त धातु होतें हैं।

 पूरा शरीर इनके द्वारा ही ऑपरेट होता है।

 आज हम आपको जो सप्त धातु पोषक चूर्ण के बारे में बताने जा रहें हैं। ये उत्तम रसायन है।

यह नस नाड़ियों एवम वात वाहिनियों को शक्ति प्रदान करता है।
सात्विक भोजन और सदाचरण के साथ इसके निरंतर सेवन से रोग प्रतिरोधक शक्ति बनी रहती है, और वृद्ध अवस्था के रोग नहीं सताते।


▪️अश्वगंधा (असगंध)  - 100 ग्राम,

▪️आंवला चूर्ण - 100 ग्राम,

▪️हरड  - 100 ग्राम,

इन तीनो चीजों के चूर्ण को आपस में मिला लीजिये, अभी इसमें 400 ग्राम पीसी हुयी खांड मिश्री मिला लीजिये।

और इसको किसी कांच की भरनी में भर कर रख लीजिये।

प्रतिदिन एक चम्मच गर्म पानी के साथ या गर्म दूध के साथ ये चूर्ण पूरे साल फांक सकते हैं।

जो व्यक्ति पूरी उम्र इसको खायेगा उसकी तो आयु कितनी होगी इसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है।

 अगर कोई व्यक्ति इसको 3 महीने से 1 साल तक खायेगा तो उसका शरीर भी कई सालों तक निरोगी रहेगा।

इस योग को बनाने के लिए बस एक बात का ध्यान रखें के सभी वस्तुएं साफ़ सुथरी ले कर ही चूर्ण बनवाएं।

कीड़े वाली अश्वगंधा ना लें।

इसलिए ये सामग्री किसी विश्वसनीय दुकानदार से ही लें......

◼️◼️सप्त धातुओं का वर्णन.....

▪️1. रस

▪️2. रक्त

▪️3. मांस

▪️4. मेद

▪️5. अस्थि

▪️6. मज्जा

▪️7. शुक्र

अगर कोई रोगी या बीमार व्यक्ति जिसको चाहे कब्ज हो या कोई भी बड़ा रोग हो उसको इस चूर्ण को सेवन करने से पहले एक बार शरीर को शोध लेना चाहिए।

उसके लिए हमने एक बेहतरीन चूर्ण बताया था ।

शरीर शोधन चूर्ण शरीर की सात धातुओं को पोषण देने वाला बहुत उत्तम चूर्ण है।

पहले वाली धातु अपने से बाद वाली धातु को पोषण देती है ,और धातुओं को जितना भी पोषण मिलेगा शरीर उतना ही मजबूत होगा ।

 यह आयुर्वेद का एक बहुत गूढ़ सिद्धांत है।

इस पोस्ट में हम इस बारे में ज्यादा गहराई में ना जाते हुये आपको एक ऐसे चूर्ण के बारे में बता रहे हैं ।

जो इन सात धातुओं को पोषण देता है और इसको घर पर निर्मित करना भी बहुत आसान है।

▪️अश्वगंधा  -100 ग्राम

 ▪️तुलसी बीज - 50 ग्राम

▪️सौंठ  -100 ग्राम

▪️हल्दी चूर्ण - 50 ग्राम

 ▪️हरड़ -  30 ग्राम

▪️ बहेड़ा - 60 ग्राम

▪️आवंला  - 90 ग्राम

इन सभी चीजों को ऊपर लिखी गयी मात्रा में लेकर धूप में सुखाकर मिक्सी में पीस कर और सूती कपड़े में छानकर चूर्ण तैयार कर लें । 

एयर टाईट डिब्बे में बंद रखने पर यह चूर्ण 6-8 महीने तक खराब नही होता है ।

 ये सभी चीजें आपको अपने आस पास किसी जड़ी-बूटी वाले के पास बहुत आसानी से मिल जायेंगी ।

▪️▪️सेवन विधी .....

10 साल से कम उम्र के बच्चों को चौथाई से एक ग्राम, 16 साल तक के किशोर को 2 ग्राम और उससे बड़े व्यक्ति को 3-5 ग्राम तक सेवन करना है।

 रात को सोते समय पानी, शहद, मलाई अथवा दूध के साथ ।

◼️◼️इस चूर्ण के सेवन से मिलने वाले लाभ .....

 ▪️शरीर में समस्त धातुओं को उचित पोषण देता है जिससे शरीर मजबूत और गठीला बनता है ।

 ▪️पाचन सही रखता है जिससे खाया पिया शरीर को पूरी तरह से लगता है।

 ▪️बालों में चमक और मजबूती लाता है।

 ▪️त्वचा कांतिमय बनती है ।

 ▪️शरीर में कैल्शियम की कमी नही होती जिससे हड्डियॉ मजबूत होती हैं।

▪️ वात दोष के बढ़ने से हो जाने वाले रोगों से बचाव रहता है।

▪️शरीर में एलर्जी और अन्य इंफेक्शन जल्दी से नही होते हैं ।


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