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मंगलवार, 16 जुलाई 2024

धोरों का आनंद लेने अगर जैसलमेर या ओसियां जा रहे है तो रुकिए,बारिश में बहते झरनों का आनंद लेने कहीं पहाड़ी वाले पर्यटन स्थल पर जा रहे है तो भी रुकिए,

धोरों का आनंद लेने अगर जैसलमेर या ओसियां जा रहे है तो रुकिए,

बारिश में बहते झरनों का आनंद लेने कहीं पहाड़ी वाले पर्यटन स्थल पर जा रहे है तो भी रुकिए,

शुद्ध मारवाड़ी भोजन - भजन का आनंद लेने घर से दूर कहीं जा रहे है तो क्षणिक रुकिए,

वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण द्वारा चराई जाने वाली गौमाता को साक्षात देखना और सेवा करना चाहते है तो जरूर रुकिए,

50 लाख या करोड़ रुपए खर्च कर अपना फार्म हाउस बनाकर छः महीने में एक बार जाने वाले परिवार, भी ध्यान दें, ब्याज से भी कम खर्च में पूरे फार्म हाउस का आनंद लीजिए,

जोधपुर से 20 किलोमीटर दूर मोकलावास गांव में अरना झरना की पहाड़ियों की गोद में बसी "गौ संवर्धन आश्रम" गोशाला में ये नजारे देखने को मिल जाएंगे और अगर बरसता सावन हो तो वहीं रेत के धोरों के साथ साथ दो दर्जन से ज्यादा छोटे बड़े पानी के झरनों का भी लुफ्त उठाया जा सकता है। धोरों व झरनों का ऐसा संगम कहीं ओर देखने को नहीं मिलेगा। 

इस मानसून में गौ संवर्धन आश्रम में वैदिक रसोई का निर्माण कराया है, जहां भोजन बनाने से लेकर परोसने व खिलाने तक में मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है। देसी थारपारकर गायों के दूध से अमृततुल्य शुद्ध देशी घी में बना चूरमा, मल्टी ग्रेन आटे से बने रोट, मिट्टी की हांडी में पकी पंचमेल दाल, साथ में बिलोने की छाछ, कुल्हड़ में जमा दही, सलाद, (हाथ से कूटे हुए मसालों से बना सम्पूर्ण भोजन, भोजन के सभी 18 तत्वों को सुरक्षित रख बनाया भोजन अमृत होता है).. गाय के गोबर से लीपे आंगन पर बैठ कर भोजन.. वाकई ये सिर्फ भोजन नहीं बल्कि ईश्वर का प्रसाद ही है जिसका स्वाद भुलाया नहीं जा सकता है।

यहां रविवार को गौ शाला में आप फोन पर आने की अग्रिम जानकारी देकर प्रसाद प्राप्त कर सकते है, इसके अलावा जो ग्रामीण वातावरण को और करीब से महसूस करना चाहते है वो शनिवार शाम में आकर रात्रि विश्राम भी कर सकते है। रात्रि में सत्संग, रविवार अलसुबह पहाड़ियों पर ट्रैकिंग, झरनों का लुफ्त व धोरों पर विचरण, मिट्टी गोबर से आयुर्वेद स्नान, कृष्ण गौ सेवा, लाइब्रेरी इत्यादि इत्यादि बहुत कुछ.. अपनी पिकनिक को यादगार बना सकते है। 

ये सब गोशाला इसलिए कर रही है ताकि भविष्य की पीढ़ी को हमारे लुप्त होते संस्कारों से रूबरू कराया जा सके, गृहणियों को वैदिक रसोई की जानकारी देकर अपनी रसोई से ही अपना हर प्रकार का इलाज करने में कुशल बनाया जा सके। अपनी संस्कृति - धर्म से फिर से कैसे जुड़ सकते है, ऐसे बहुत सी ज्ञानवर्धक जानकारियों के खजाने है यहां।

एक बार अपने परिवार संग, मित्रों के साथ या महिलाओं की किटी/क्लब पार्टी, जन्मदिन, विवाह सालगिरह, पूर्वजों की पुण्यतिथि इत्यादि विशेष अवसर पर यहां पधार कर गौ सेवा कर धन्य होने का सौभाग्य प्राप्त किया जा सकता है। 

संपर्क सूत्र : +91 98294 88058

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