भाईयों,,
हम कितने भाग्यशाली है,,
"हिन्दू धर्म में त्यौहार तो प्रत्येक वर्ष आते हैं,, कुंभ,, महायज्ञ,, जैसे महापर्व भी जीवन में अनेक बार आते हैं,,,, किन्तु इस बार ""प्रभु श्रीराम"" की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण प्रारंभ हो रहा है।
इस "शुभ अवसर" की प्रतीक्षा में "अनेक पीढ़ियां समाप्त हो गई है।
लाखों रामभक्तो,,संतों,, कारसेवकों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। इस महापर्व की महत्ता उन "महान आत्माओं"के अतिरिक्त कौन जान सकता है।
शताब्दियों से प्रतीक्षारत शुभ अवसर के हम साक्षी हो रहे हैं,,,
हमे इस "महात्यौहार" को इस प्रकार मनाना है कि यह हमें जीवन भर याद रहे।
5 अगस्त को 12:15 बजे हर मंदिर में आरती हो। "व्यक्तिगत दुरी का पालन करते हुए अपने समीप के मंदिर मे,, मंदिर में,,प्रांगण में,, मंदिर के सामने,, जहां स्थान मिले दूरी रखकर सम्मिलित हो।।
5 अगस्त को प्रत्येक घर रंगोली बने,, वंदन वार लगायें,,,कम से कम "11 दीपक लगाएं।।
अपने घरों पर "रामध्वजा"(भगवा) लहरायें।।
""इसके अतिरिक्त आपको ज्ञात है कि हमें अपना महा- उत्सव कैसे मनाना है""!!!!
-।। जय श्री राम।।-
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