सॉरी बाबू .....
उध्दव की सरकार खतरे मे है, आदित्य ठाकरे की नींद उड़ी हुई है, सूरज पंचोली की सांसें उखड़ी हुई है, महेश भट्ट की पोल खुल रही है, पूरी बॉलीवुड मुसीबत में है, मुंबई पुलिस पर शक के बादल मंडरा रहे हैं उसकी विश्वसनीयता खतरे में है, सबसे तेज चैनल की टीआरपी 60 परसेंट तक घट गई है। एक गुमनाम सी स्ट्रगलर रिया चक्रवर्ती के कारण मुंबई की शान बॉलीवुड और उसकी स्कॉटलैंडयार्ड सरीखी पुलिस दोनों की छवि तार-तार हो चुकी है।
क्या लगता है यह सिर्फ सुशांत सिंह की हत्या के कारण हो रहा है? नहीं बाबू यह तो एक बहाना है, एक मौका है जिसकी तलाश बहुत दिनों से देश का बहुसंख्यक हिंदू समाज प्रतीक्षा कर रहा था। यह आक्रोश है पिछले दो पीढ़ियों के नैतिक और सामाजिक पतन की जिम्मेवार उस बॉलीवुड का जिसने नंगाई और उच्श्रृंखलता के ऐसे प्रतिमान गढ़े की कमाठीपुरा की नगरवधुएं भी शर्मा जाएं। कमीनगी को धर्म और बेहूदगी को ईमान बनाओगे तो ये दिन तो देखने ही पड़ेंगे।
तुम्हारे छीछालेदारी से हम बहुत खुश हो रहे हैं और खुश भी क्यों ना हों । हॉलीवुड ने जो दोहरी मानसिकता दिखाई है उसका पाप तो तुम्हें भोगना ही था। पादरी और मौलवी को दीन का पक्का और साधु-संतों को हमेशा चोर, बेईमान और अत्याचारी दिखाना, हर मुस्लिम देशभक्त और हिंदू गद्दार, बिल्ला नo 786 से पाकिस्तगी और श्री108 से घृणा, भजन से दूरी और अली मौला से लगाव, शंकर भगवान का अपमान और अजान से मुहब्बत.....ड्रग्स..... नारकोटिक्स,.....माफिया....मर्डर....
आतंकवाद......उफ्फ तेरी कुकर्मों की फेहरिस्त तो खत्म होने का नाम ही नही ले रही। जो बोओगे वही तो काटोगे।
सॉरी बाबू।
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