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शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है। 
           आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक। 
            स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं। 

सहजन जिसे मोरिंगा नाम से जाना जाता है। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं। इसीलिए सप्ताह में कम से कम 2 बार सहजन के पराठे का सेवन जरूर करते हैं। जानिए आखिर *सहजन खाने के क्या-क्या है लाभ-*

*सहजन में पोषक तत्वों जैसे- प्रोटीन, ऑयरन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटीमिन ए, सी और बी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं। वहीं इसकी पत्तियां भी काफी फायदेमंद होती है। सहजन की पत्तियों में संतरे और नींबू की तुलना में 6 गुना अधिक विटामिन-सी होता है। इसके साथ ही दूध में 4 गुना अधिक कैल्शियम,  गाजर की तुलना में 4 गुना अधिक विटामिन ए,  केले की तुलना में 3 गुना अधिक पोटेशियम पाया जाता है। इतना ही नहीं सहजन की पत्तियां भी पानी में आर्सेनिक छोड़ती हैं।* 


*सहजन खाने के मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ*

*हाई ब्लड प्रेशर करे कम*
सहजन में भरपूर मात्रा में पोटैशियम, विटामिन्स पाए जाते हैं। जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। 

*वजन कम करने में करे मदद*
शरीर में बढ़ी हुई चर्बी को कम करने में सहजन काफी कारगर साबित हो सकता है। इसमें अधिक मात्रा में फास्फोरस पाया जाता है। जो वसा कम करने में मदद करता है। इसलिए आप मोरिंगा की पत्तियों का रस का सेवन करे। इससे आपको लाभ मिलेगा।

*डायबिटीज को कंट्रोल*
अगर आप डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं तो सहजन का सेवन करें। इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा। दरअसल सहजन में राइबोफ्लेविन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके चलते यह ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। लेकिन इसका ज्यादा सेवन करने से बचे। 

*इम्यूनिटी करें मजबूत*
सहजन में भरपूर मात्रा में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं। जिससे किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी आपसे कोसों दूर रहती हैं। इसके साथ ही आपकी हड्डियां भी मजबूत होती है। 

*सिर दर्द से दिलाए निजात*
सहजन के पत्तों के रस को काली मिर्च के साथ पीस लें। इसके बाद इस पेस्ट को सिर माथे पर लगा लें। इससे आपको लाभ मिलेगा। 

*स्किन को रखें जवां*
सहजन में भरपूर मात्रा में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो आपको स्किन संबंधी हर समस्या से छुटकारा दिला देता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन  पाया जाता है। जो आप आपकी स्किन को जवां रखने में मदद करता है। 

*एनीमिया से दिलाए निजात*
शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया की शिकायत हो जाती है। ऐसे में सहजन काफी कारगर साबित हो सकता है।  सहजन की पत्तियों के एथनोलिक एक्सट्रैक्ट में एंटी-एनीमिया गुण मौजूद होते हैं। जिसका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती हैं।

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          सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं। 
          सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
            सहजन के फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है। इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। 
          सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उल्टी-दस्त भी रोकता है। ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम मिलता है। 
            सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है, इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं। 
          सहजन के बीज से पानी को काफी हद तक शुद्ध करके पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को चूर्ण के रूप में पीसकर पानी में मिलाया जाता है। पानी में घुल कर यह एक प्रभावी नेचुरल क्लोरीफिकेशन एजेंट बन जाता है। यह न सिर्फ पानी को बैक्टीरिया रहित बनाता है, बल्कि यह पानी की सांद्रता को भी बढ़ाता है।
            कैंसर तथा शरीर के किसी हिस्से में बनी गांठ, फोड़ा आदि में सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। यह काढ़ा साइटिका (पैरों में दर्द), जोड़ों में दर्द, लकवा, दमा, सूजन, पथरी आदि में भी लाभकारी है |
            सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द तथा दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है। आज भी ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि सहजन के प्रयोग से वायरस से होने वाले रोग, जैसे चेचक आदि के होने का खतरा टल जाता है। 
           सहजन में अधिक मात्रा में ओलिक एसिड होता है, जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। यह शरीर के कई रोगों से लड़ता है। यदि सर्दी की वजह से नाक-कान बंद हो चुके हैं तो, सहजन को पानी में उबालकर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होती है। सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है, इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है, गर्भवती महिला को इसकी पत्तियों का रस देने से डिलीवरी में आसानी होती है।
           सहजन के फली की हरी सब्जी को खाने से बुढ़ापा दूर रहता है इससे आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है। सहजन को सूप के रूप में भी पी सकते हैं,  इससे शरीर का खून साफ होता है। 
            सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी के अलावा यह बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवणों से भरपूर होता है, यह मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। 

कैसे बनाएं सहजन का सूप?
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 सहजन की फली को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं। दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख देते हैं, जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन की फली के टुकड़े डाल देते हैं, इसमें सहजन की पत्त‍ियां भी मिलाई जा सकती हैं, जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकालकर ऊपरी हिस्सा अलग कर लेते हैं, इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीना चाहिए। 

           १. सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है। 

           २. सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है। 

          ३. सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है, इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं। 

          ४. अस्थमा की शिकायत होने पर भी सहजन का सूप पीना फायदेमंद होता है. सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है। 

          ५. सहजन का सूप खून की सफाई करने में भी मददगार है, खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है। 

          ६. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भी सहजन के सेवन की सलाह दी जाती है।


 

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