*चॉकलेट डे* (व्यंग्य)
बीते कल (08.02.22) की लेखनी से आगे ....
*..... राम रक्षा स्त्रोत्र कर ही रहा था, कि घर के मुख्य द्वार की कुण्डी खुलने की अवाज आई, रात्रि का द्वितीय प्रहर बीत चुका था ... युवा पोते को देखकर चित्त शांत हुआ ... मन ही मन मैने सोचा आज का युवा अपने घर को रेन बसेरा समझने लगा है ...... सुुबह बिना स्नान के निकला, ओर अब रात को बिना जूते उतारे अपने कमरे की ओर चल दिया ... अनुभवी बुढी आँखे अपनी लाचारी को टक टक लगाये देख रही थी .... संभवत बडो का बच्चों पर अति-विश्वास, व लाड प्यार ही बच्चों को बिगाड दिया करती है .... अभी भी वो मोबाईल से ऐसे चिपके हुए था मानो कि फेविकोल का पक्का जोड़ ...... दादी को पोते के भूख की चिन्ता थी .... कपकपाते हाथों से, रात के अन्धियारे में खाना पोते के सम्मुख रखा, उसने दादी माँ को बिना देखे ही एक हाथ मे खाना पकडा .... दूसरे हाथ से बिना रुके मोबाईल चलाता रहा .....*
*कलयुगी रात्री का प्रहर बीत रहा था ओर मैं उसका साक्षी बन रहा था .... मुझे अपने बचपन की बातें याद आने लगी..... देर रात्री तक अगर हम जागते तो घर वाले उल्लू बोलते..... लेकिन आज का युवा वाटस एप्प, फेस बुक टिवटर पर इतने अस्त- व्यस्त है कि वो परिवार, समाज व राष्ट्र को ही उल्लू😢 बनाए जा रहे है ...*
*... अगली सुबह .. दैनिक दिनचर्या के हिसाब से गुलाब की माला पुराने दाम में खरीदी ....आज की सुबह युवाओ की भीड़ , माली की दुकान के सामने जनरल स्टोर वाली दुकान के आस पास थी, भीड़ होने का कारण पूछा तो ज्ञात हुवाए आज का दिन चॉकलेट वाला है ....*.
*मेरे लिए चॉक लेट का डे होना एक प्रश्न था, वहां खडे युवाओं से मैने पुछा, क्या होता यह दिन...., किनकी होती है आज के दिन पूजा, क्या होता है इसका व्रत.... पास खडे युवा बोला, आप नही समझोगें बाबा , आगे चलो .... सही तो कहा उस युवा ने आज के युवाओं जितनी समझ हम बुजर्गो में कहा ? वैसे भी आाजकल भारत में बुजर्गाे को समझना ओर समझाना कौन चाहता है? अगर सभी की समझ आ जाती तो देश में वृद्वाश्रम का निर्माण ही क्यों होता ....*
*चॉकलेट डे की बात युवाओं से जानकर मेरा ध्यान आज की तारीख पर गया तो पता चला कि आज 09 फरवरी है बाबा आमटे जिसने भारत वर्ष में कुष्ट रोगियों की सेवा सुश्रसा की ...उस महान आत्मा की पुण्य तिथी है ... फिर मैने मन ही मन सोचा कि पिछले दो दिन से ये युवा अंग्रेजो वाले दिन भारत में मना रहे है इसलिए मैने अपनी हिंदी के साथ अंग्रेजी वाली बुद्धि का प्रयोग करते हुए चॉकलेट शब्द का सन्धि विच्छेद हिंदी व अंग्रेजी दोनो भाषाओं में सयुक्त रूप से किया ....... चॉकलेट शब्द में ... लेट शब्द आया... जिसका अर्थ मुझे ज्ञात था .....क्यों कि स्वर्गीय दादाजी के नाम से अंग्रेजी में जब भी कोई चिटठी पत्री आती तो उसके आगे लेट शब्द का प्रयोग किया जाता ..... चॉक के बारे में तो बचपन से ही मैं जानता था .... श्याम पटट पर मास्टरजी से हमेशा इसी से लिखा करते थे ..... अब मेरी समझ में आ गया कि आज के इस कलयुग में चॉक का स्वर्गवास हो गया है ओर ये सभी युवा मिलकर चॉकलेट का दिन दिवस मना रहे है .......पर साथ ही साथ मन मे विचार था कि फिर ये पढ़ेंगे कैसे.... फिर ख्याल आया आजकल पढ़ाई और हिजाब को लेकर देश के टीवी चैनलों में बहस जो छिड़ी हुई है.....*
(शेष कल ... अगर सोचने का समय मिला तो लिखने का प्रयास करूंगा)
*✒️आनन्द जोशी, जोधपुर*
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