अपने सभी बच्चों को कम से कम इस पोस्ट में दिए गए मंत्र वर्ष 2022 के जून तक कंठस्थ हो जाये*
इसके लिए पहले तो हम बडो को ही ये कंठस्थ करने होंगे इसके लिए इसमे दिए कुछ मन्त्र रोज के अपने ज़ूम भजन में पढ़े जाएंगे तो साल भर में अपन सभी को ये याद हो जाएंगे
कटु सत्य
ईसाईयों को इंग्लिश आती है वो बाइबिल पढ लेते है
उधर मुस्लिम को उर्दू आती है वो कुरान शरीफ़ पढ लेते हैं
सिखों को गुरबानी का पता है वो श्री गुरू ग्रन्थसाहिब पढ लेते है ।
हिन्दूओ को संस्कृत नही आती वो ना वेद पढ पाते है
और न ही उपनिषद । इस से बडा दुर्भाग्य
और क्या हो सकता है हमारा
🔔🌿
संस्कृत ही विश्व की सर्वश्रेष्ठ भाषा है इसे अवश्य सीखें
प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह
🔹प्रात: कर-दर्शनम्🔹
कराग्रे वसते लक्ष्मी
करमध्ये सरस्वती।
करमूले तू गोविन्दः
प्रभाते करदर्शनम्॥
🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸
समुद्र वसने देवी
पर्वत स्तन मंडिते।
विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं
पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
🔺त्रिदेव सह नवग्रह स्मरण🔺
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
♥️ स्नान मन्त्र ♥️
गंगे च यमुने चैव
गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी
जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
🌞 सूर्यनमस्कार🌞
ॐ
सूर्य आत्माजगतस्तस्य
उषश्च आदित्यस्य नमस्कारं
ये कुर्वन्ति दिने दिने।
दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि
शोक विनाशनम्
सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥
ॐ मित्राय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगाय नम:
ॐ पूष्णे नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
ॐ मरीचये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सवित्रे नम:
ॐ अर्काय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ श्री सवितृरे
ॐ श्री सूर्यनारायणाय नम:
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥
🔥दीप दर्शन🔥
शुभं करोति कल्याणम्
आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥
🌷 गणपति स्तोत्र 🌷
गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥
विनायक: चारूकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥
विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्।
विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय।
लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥
नागाननाय श्रुतियज्ञ विभूषिताय।
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत्
सर्वविघ्नोपशान्तये॥
⚡आदिशक्ति वंदना ⚡
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
🔴 शिव स्तुति 🔴
कर्पूर गौरम करुणावतारं
संसार सारं भुजगेन्द्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि॥
🔵 विष्णु स्तुति 🔵
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
⚫ श्री कृष्ण स्तुति ⚫
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्।
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्॥
⚪ श्रीराम वंदना ⚪
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥
♦️श्रीरामाष्टक♦️
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
🔱 एक श्लोकी रामायण 🔱
आदौ रामतपोवनादि गमनं
हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेही हरणं जटायु मरणं
सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥
🍁सरस्वती वंदना🍁
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वींणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपदमासना ॥
या ब्रह्माच्युत शङ्कर _प्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्याऽपहा॥
🔔हनुमान वंदना🔔
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्।
दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
मनोजवं मारुततुल्यवेगम
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं
श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥
🌹 स्वस्ति-वाचन 🌹
ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
❄ शांति पाठ ❄
ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:,
पृथिवी शान्तिराप: शान्ति: रोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्ति: विश्वे देवा: शान्तिः ब्रह्म शान्ति:
सर्व (गुँ ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
॥ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
🌅🌿🍁🌻🔔🚩
निवेदन
🙏👇
बहुत ही सुंदर संग्रह
इसे हर हिन्दू को अपने 'Saver' में डाले या प्रिंट आउट ले ।
ऐसा संग्रह सरलता से नही मिलता ।
एक प्रति परिवार के बच्चों को भी दें!
🙏 जय श्री राम 🙏
www.sanwariyaa.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.