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गुरुवार, 19 मई 2022

ताली बजाने पर इस कुंड का पानी उपर आने लगता है - तिलिस्मी कुंड

कुदरत की बनाई इस दुनिया में आज भी कई ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं जिसका खुलासा आजतक नहीं हो पाया है। हालांकि शुरु से ही वैज्ञानिकों ने विश्व में छुपे रहस्यों की गुथी सुलझाने की कोशिश की है लेकिन सफलता नहीं मिली है।

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आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्यमयी कुंड के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका रहस्य आजतक कोई नहीं सुलझा पाया है।

कौन है वह कुंड और क्या है उसका रहस्य?

भारत (India) के झारखंड (Jharkhand) राज्य के बोकारो शहर से 27 किलोमीटर दूर स्थित इस रहस्यमयी कुंड का नाम दलाही कुंड (Dalahi Kund) है। इस कुंड के बारे में यह मान्यता है कि ताली बजाने पर इस कुंड का पानी उपर आने लगता है। अपने इसी तिलिस्मी गुण के कारण दूर-दूर से सैलानी इस चमत्कार को देखने आते हैं।

मौसम के विपरीत गर्म औ ठंडा होता है इस कुंड का पानी

दलाही कुंड (Dalahi Kund) के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसका पानी खौलते पानी की तरह गर्म होता है। यह इतना गर्म होता है कि इसमें चावल भी पकाए जा सकते हैं। इसके बारे में यह कहा जाता है कि इस कुंड का पानी मौसम के विपरीत गर्म और ठंडा होता है। गर्मियों के मौसम में इस कुंड का पानी ठंडा और शीतऋतु के मौसम में पानी गर्म होता है।

वैज्ञानिक कर चुके हैं शोध

कई वैज्ञानिक दलाही कुंड (Dalahi Kund) के बारे में शोध कर चुके हैं। ऐसे में उनका मानना है कि इस कुंड का पानी जमुई नाले से होता हुआ गरगा नदी में जाता है, जहां पानी एकदम नीचे होता है। अधिक नीचे होने के कारण ताली बजाने पर ध्वनीतरंगे उत्पन्न होती है जिसके वजह से पानी उपर आता है। हालांकि, वहां के स्थानीय लोग इसे आस्था की तरह मानते हैं।

इस कुंड में स्नान करने से होती है मन्नते पूरी

दलाही कुंड (Dalahi Kund) के बारे में लोगों के बीच यह आस्था भी है कि इस कुंड के पानी में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसलिए सुदूर से श्रद्धालु यहां स्नान करने आते हैं। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि इसका पानी त्वचा सम्बंधी रोगों को भी ठीक कर देता है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है इसकी पुख्ता पुष्टि नहीं हो सकी है।

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