🚩 *Voice Of Hinduism🔥*
*🚩 हिन्दू दम्पत्तियों जागो !! - "गर्भपात महापाप" है।*
*🚩 ब्रह्महत्या से जो पाप लगता है उससे दुगना पाप गर्भपात करने से लगता है। इस गर्भपातरूप महापाप का कोई प्रायश्चित भी नहीं है, इसमें तो उस स्त्री का त्याग कर देने का ही विधान है।*
*(पाराशर स्मृतिः 4.20)*
*🚩 यदि अन्न पर गर्भपात करने वाले की दृष्टि भी पड़ जाय तो वह अन्न अभक्ष्य हो जाता है।*
*(मनुस्मृतिः 4.208)*
*🚩 गर्भस्थ शिशु को अनेक जन्मों का ज्ञान होता है। इसलिए 'श्रीमद्भागवत' में उसको ऋषि (ज्ञानी) कहा गया है। अतः उसकी हत्या से बढ़कर और क्या पाप होगा !*
*🚩 संसार का कोई भी श्रेष्ठ धर्म गर्भपात को समर्थन नहीं देता है और न ही दे सकता है क्योंकि यह कार्य मनुष्यता के विरूद्ध है। जीवमात्र को जीने का अधिकार है। उसको गर्भ में ही नष्ट करके उसके अधिकार को छीनना महापाप है।*
*🚩 गर्भ में बालक निर्बल और असहाय अवस्था में रहता है। वह अपने बचाव का कोई उपाय भी नहीं कर सकता तथा अपनी हत्या का प्रतिकार भी नहीं कर सकता। अपनी हत्या से बचने के लिए वह पुकार भी नहीं सकता, रूदन भी नहीं कर सकता। उसका कोई अपराध भी नहीं है – ऐसी अवस्था में जन्म लेने से पहले ही उस निरपराध, निर्दोष, असहाय बच्चे की हत्या कर देना पाप की, कृतघ्नता की, दुष्टता की, नृशंसता की, क्रूरता की, अमानुषता की, अन्याय की आखिरी हद (पराकाष्ठा) है।*
*-स्वामी रामसुखदासजी*
*🚩 श्रेष्ठ पुरुषों ने ब्रह्महत्या आदि पापों का प्रायश्चित बताया है, पाखण्डी और परनिन्दक का भी उद्धार होता है, किंतु जो गर्भस्थ शिशु की हत्या करता है, उसके उद्धार का कोई उपाय नहीं है।*
*(नारद पुराणः पूर्वः 7.53)*
*🚩 संन्यासी की हत्या करने वाला तथा गर्भ की हत्या करने वाला भारत में 'महापापी' कहलाता है। वह मनुष्य कुंभीपाक नरक में गिरता है। फिर हजार जन्म गीध, सौ जन्म सूअर, सात जन्म कौआ और सात जन्म सर्प होता है। फिर 60 हजार वर्ष विष्ठा का कीड़ा होता है। फिर अनेक जन्मों में बैल होने के बाद कोढ़ी मनुष्य होता है।*
*(देवी भागवतः 9.34.24,27.28)*
*🚩 जैसे ब्रह्महत्या महापाप है ऐसे गर्भपात भी महापाप हैं। शास्त्र में तो गर्भपात को ब्रह्महत्या से भी दुगुना पाप बताया गया है।*
*🚩 यत्पापं ब्रह्महत्याया द्विगुणं गर्भपातने।*
*प्रायश्चित्तं न तस्यास्ति तस्यास्त्यागो विधीयते॥*
*(पाराशरस्मृति: ४.२०)*
*🚩 गर्भस्राव (सफाई), गर्भपात और भ्रूणहत्या इन तीनों को किसी भी तरह से करने पर महापाप लगता है।*
*🚩 विषवृक्षोऽपि संवर्ध्य स्वयं छेत्तुमसाम्प्रतम्।*
*सृष्टि रचयिता देवता पितामह ब्रह्माजी ने भी कहा है कि अपने द्वारा लगाया हुआ विषवृक्ष भी स्वयं नहीं काटा जाता।"*
*🚩 जिस गर्भ को स्त्री-पुरुष मिलकर पैदा करते हैं, स्वयं ही उसकी हत्या कर देना कितना घृणित पाप है !*
*🚩 गर्भ में आया हुआ जीव जन्म लेने के बाद न जाने कितने अच्छे-अच्छे लौकिक और पारमार्थिक कार्य करता, समाज व देश की सेवा करता, संत-महापुरुष बनकर अनेक लोगों को सन्मार्ग में लगाता, अपना तथा औरों का कल्याण करता, परन्तु जन्म लेने से पहले ही उसकी हत्या कर देना कितना बड़ा पातक है !*
*🚩 मनुष्यों में हिन्दू जाति सर्वश्रेष्ठ है। उसमें बड़े विलक्षण ऋषि-मुनि, संत, महात्मा, दार्शनिक, वैज्ञानिक, विचारक पैदा होते आये हैं। जब इस जाति के मनुष्यों को जन्म ही नहीं लेने देंगे तो फिर ऐसे श्रेष्ठ विलक्षण पुरुष विधर्मियों के यहाँ पैदा होंगे।*
*🚩 जैसे, अब तक हिन्दुओं के यहाँ लगभग बारह करोड़ शिशुओं का जन्म रोका गया है। अतः वे बारह करोड़ शिशु विधर्मियों के यहाँ जन्म लेंगे तो विधर्मियों की संख्या हिन्दुओं की संख्या से चौबीस करोड़ बढ़ जाएगी क्योंकि जिन व्यक्तियों ने संततिनिरोध किया है, उनके आगे होनेवाली कई संतानों का भी स्वतः निरोध हुआ है।*
*🚩 अगर प्रत्येक व्यक्ति की दो या तीन संतानों का भी निरोध माना जाय तो यह संख्या चौबीस या छत्तीस करोड़ तक पहुँच जाती है।*
*🚩 विधर्मियों की संख्या बढ़ेगी तो फिर वे हिन्दुओं का ही नाश करेंगे। अतः हिन्दुओं को अपनी संतान परम्परा नष्ट नहीं करनी चाहिये।*
*🚩 मुसलमान तो कहते हैं कि संतान होना खुदा का विधान (नैमत) है। उसको बदलने का अधिकार मनुष्य को नहीं है। जो उसके विधान को बदलते हैं वे अनधिकार चेष्टा करते हैं।*
*🏴 परिवार नियोजन करनेवालों की संख्या कम हो जाती है। अतः मुसलमानों ने यह सोचा कि परिवार नियोजन नहीं करेंगे तो अपनी जन-संख्या बढ़ेगी और जन-संख्या बढ़ने से अपना ही राज्य हो जायेगा क्योंकि वोटों का जमाना है। भारत हिन्दुओं का देश एक दिन इस्लामिक राष्ट्र में तबदील (परिवर्तित) हो जाएगा।*
*🚩 इसीलिये वे केवल अपनी संख्या बढ़ाने की धुन में हैं। परंतु हिन्दू केवल अपनी थोड़ी-सी सुख-सुविधा के लिये नसबन्दी, गर्भपात आदि महापाप करने में लगे हुए हैं।*
*🚩 अपनी संख्या तेजी से कम हो रही है- इस तरफ भी उनकी दृष्टि नहीं है और परलोक में इस महापाप का भयंकर दण्ड भोगना पड़ेगा- इस तरफ भी उनकी दृष्टि नहीं है।*
*🚩 केवल खाने-पीने, सुख भोगने की तरफ तो पशुओं की भी दृष्टि रहती है। अगर यही दृष्टि मनुष्य की भी है तो यह मनुष्यता नहीं है।*
*🚩 लोग गर्भ परीक्षण करवाते हैं और गर्भ में कन्या हो तो गर्भपात करा देते हैं। क्या यह नारी जाति को समान अधिकार देना हुआ ? क्या यह उसका सम्मान करना हुआ ?*
*🚩 समाचार पत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा में बीस वर्ष के बाद लड़कों को कुँवारा रहना पड़ेगा क्योंकि मादा भ्रूणहत्या से लड़कों की अपेक्षा लड़कियाँ कम उत्पन्न हुई हैं।*
*🚩 परिवार नियोजन के कार्यक्रम से जीवन निर्वाह के साधनों में तो वृद्धि नहीं हुई है, पर ऐसी अनेक बुराइयों की वृद्धि अवश्य हुई है जिनसे हिन्दू समाज का घोर पतन हुआ है। वह दिन पर दिन ओजहीन और दुर्बल हुआ है।*
*🚩 पहले जनसंख्या कम थी तो विदेशों से अन्न मँगवाना पड़ता था, अब जनसंख्या बढ़ी तो हम निर्यात कर रहे हैं। अतः जहाँ वृक्ष अधिक होते हैं वहाँ वर्षा अधिक होती है तो क्या मनुष्य अधिक होंगे तो अन्न अधिक नहीं होगा ?*
*🚩 नसबन्दी के द्वारा पुरुषत्व का अवरोध करने से, नाश करने से शारीरिक शक्ति भी नष्ट होती है और उत्साह, निर्भयता आदि मानसिक शक्ति भी नष्ट होती है।*
*🚩 जो नसबन्दी के द्वारा अपना पुरुषत्व नष्ट कर देते हैं, वे नपुंसक (हिजड़े) हैं। उनके द्वारा पितरों को पिण्ड-पानी नहीं मिलता। ऐसे पुरुष को देखना भी अशुभ माना गया है।*
*🚩 जिन माताओं ने नसबन्दी ऑपरेशन करवाया है उनमें से बहुतों को लाल एवं सफेद प्रदर हो गया है। ऑपरेशन करवाने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, उठते-बैठते समय आँखों के आगे अंधेरा छा जाता है, छाती व पीठ में दर्द होने लगता है और काम करने की हिम्मत नहीं होती।*
*🚩 जो स्त्रियाँ नसबन्दी-ऑपरेशन करा लेती हैं उनका स्त्रीत्व अर्थात् गर्भ धारण करने की शक्ति नष्ट हो जाती है। ऐसी स्त्रियों का दर्शन भी अशुभ है, अपशकुन है।*
*🚩 नसबन्दी ऑपरेशन कराना व्यभिचार को खुला अवसर देना है, जो बड़ा भारी पाप है। पशुओं की बलि देने, वध करने को 'अभिचार' कहते हैं। उससे भी जो विशेष अभिचार होता है उसे 'व्यभिचार' (वि + अभिचार) कहते हैं।*
*🚩 परिवार नियोजन के दुष्परिणाम भुगतने के बाद अनेक देशों ने संतति-निरोध पर प्रतिबन्ध लगा दिया और जनसंख्या वृद्धि के उपाय लागू कर दिये।*
*🚩 जर्मनी की सरकार ने संतति-निरोध के उपायों के प्रचार एवं प्रसार पर रोक लगा दी और विवाह को प्रोत्साहन देने के लिये विवाह ऋण देने शुरू कर दिये।*
*🚩 सन् १९३५ में एक कानून बनाया गया, जिसके अनुसार एक बच्चा पैदा होने पर इन्कम टैक्स में १५ प्रतिशत छूट, दो बच्चे होने पर ३५ प्रतिशत, तीन पर ५५ प्रतिशत, चार पर ७५ प्रतिशत, पाँच पर ९५ प्रतिशत और छः बच्चे होने पर इन्कम टैक्स माफ कर देने की बात कही गयी। इससे वहाँ की जनसंख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई।*
*🚩 फ्रांस, इंग्लैण्ड, इटली, स्वीडन आदि देशों ने भी संतति निरोध पर प्रतिबन्ध लगाया। इटली में तो यहाँ तक कानून बना दिया गया कि संतति निरोध का प्रचार एवं प्रसार करनेवाले को एक वर्ष की कैद तथा जुर्माना किया जा सकता है।*
*🚩 आश्चर्य की बात है कि परिवार नियोजन के जिन दुष्परिणामों को पश्चिमी देश भुगत चुके हैं, उनको देखने के बाद भी भारत सरकार, हिन्दू समाज में इस कार्यक्रम को बढ़ावा दे रही है। विज्ञापन में भी हिन्दू स्त्री और पुरूष संतति निरोध का प्रचार कर रहे हैं। जहाँ से हिन्दू संख्याबल घटेगा, वहाँ से हिन्दू धर्म, हिन्दू संत, गौमाता, तीर्थ व मंदिर सबका विनाश हो जाएगा।*
*विनाशकाले विपरीत बुद्धि ! 🔥🔥*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.