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सोमवार, 19 जून 2023

किन परिस्थितियों में एक स्त्री चरित्रहीन हो जाती है?

 

  • वर्तमान में अधिकांश स्त्रियां तन को खूबसूरत बनाए रखने के लिए अपना मन और स्तन अर्पण कर देती हैं। किसी को धन का अभाव मिटाना होता है।
  • रति रहस्य, स्त्री जातक आदि शास्त्रों में बीस प्रकार चरित्रहीन स्त्रियों का उल्लेख मिलता है। इन्हे छिनाल, कालगर्ल भी कहते हैं। लेकिन वैश्या नहीं होती।
  • छिनाल लकड़ी अगर अय्याश पुरुष के चंगुल में फंस जाए, तो ये अंगूर को मौसमी बनाकर ही दम लेते हैं।
  • विदेशों में कालगर्ल का कल्चर आम है और भारत में आम दबाकर चूसने, खाने वाले पुरुषों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
  • चरित्रहीनता के चलते कत्लेआम भी होने लगे हैं। सुबह शाम नर नारी सेटिंग करते, चूमते, घूमते मिल जायेंगे। ये लोग राम राम नहीं करते बल्कि बड़े आराम से दाम अदा कर, अपना काम निपटाकर निकल लेते हैं।
  • कुपत्ति, धुश्चरिता, कर्कशा, उन्मादी आदि 20 तरह की स्त्रियां या युवतियां चरित्र हीन होती हैं। इनमें कामवासना अत्याधिक होने से एक मर्द के द्वारा किया गया सेक्स दर्द यानि आनंद नहीं दे पाता।
  • इससे नारी मन नहीं भरता। स्तन में भी करंट नहीं आता। रोज 4 से 5 पुरुषों के साथ हमबिस्तर होने में मानसिक शांति मिलती है।

कुंवारी लड़की को छिनाल बनाने की विधि

  • एक युवा नेता के दुनिया भर का ताम झाम देखकर एक कन्या बहुत फिदा हो गई और नेता से सच्चा प्रेम करने लगी।
  • प्रेमिका नेताजी के लिए समर्पण को आतुर थी और एक दिन नेता जी ने उसका लोकार्पण करवा दिया।
  • जब वह एक बार में 5/7 लोगों के साथ हमबिस्तर होकर यौन सुख पा लिया, तो धीरे धीरे कालगर्ल बन गई।
  • याद रखें जवानी के दिनों में दर्पण बहुत धोखे में रखता है और इसी के कारण भी लड़कियां, अपना सब कुछ अर्पण कर कुवारेपन में ही घर्षण का परम सुख उठा लेती हैं। किसी किसी के पेट में भी आभूषण आ जाता है।
  • राजनीति में नई नई आई एक अनुभवी महिला नेत्री से सलाह मांगी कि नेतागिरी में प्रसिद्धि का सही तरीका क्या है। तब नेत्री न बताया कि आप अंदर चड्डी पहनना बंद कर दो। आपको 5 साल में ही भारत सरकार से पदम भूषण भी मिल सकता है।
  • इसलिए प्रदूषण फैलने वाले खर दूषण जैसे आसुरी नेताओं से दूर ही रहें।
  • ऐसे ही एक विवाहित महिला द्वारा अपने पति के अलावा किसी अन्य के साथ चौरी छुपे स्वैच्छिक सेक्स या संभोग करने वाली स्त्री को व्यभिचारी कहते हैं।
  • व्यभिचार का अर्थ है चरित्र हीनता। ऐसी स्त्री को छिनाल, कालगर्ल कहते हैं ओर पुरुष छिनरा होते हैं।
  • विवाहित पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य के साथ शारीरिक संबंध बनाकर संभोग करना पुरुषों का व्यभिचार कहलाता है। इन्हे राबाज की उपाधि से भी नवाजा जाता है।
  • छिनाल का मतलब वेश्या नहीं होता इसका अर्थ है अविश्वसनीय है। छिनाल एक प्रकार से औरतों को दी जाने वाली गाली भी है।
  • परस्त्रीगामी और लम्पट के लिए हिन्दी में छिनाल का पुरुषवाची शब्द छिनरा है।
  • व्यभिचारिणी; कुलटा, जिसका संबंध बहुत से पर-पुरुषों से हो। बदज़ात, शरीर, होशयार, चालाक, मक्कारा, बेहया।
  • स्त्रियों के झगड़े, विवाद के दौरान शहर की हर पुरानी गली में ये गाली बड़े आराम से सुनी जा सकती है।

स्त्रियां कितने तरह की होती हैं…

  • व्यभिचारिणी महिलाओं या युवतियों को कालगर्ल, पतिहन्ता या बदचलन, छिनाल और कुपत्ती भी कहा जाता है। इनके चक्कर में उलझा, फंसा पुरुष अंत में एक बात कहता है।

छिनालो मेरा सब कुछ छिना -लो

  • छिनाल और फिनायल दोनों ही गंदगी, संक्रमण को साफ करने में लाजवाब है। छिनाल स्त्री हमेशा पुरुष के अंदर की ओर फिनायल बाहर की सफाई करने में कारगर होती हैं।
  • छिनाल के चक्कर में उलझा व्यक्ति की चाल, ढाल, गाल, खाल खराब हो जाती है। घर में तालमेल बिगड़ने लगता है। साल में 100 बार पत्नी भूचाल ला देती है।
  • बीबी के सवाल ऐसे होते हैं कि ज़बाब देना मुश्किल हो जाता है। बात बात पर उसे उबाल आता है। छिनाल की नाल (खर्चे) भरते भरते आदमी का हाल बेहाल हो जाता है।
    • बदचलन, छिनाल तथा पतिहन्ता 20 तरह की बताई हैं। स्त्रियों की पहचान कैसे करें…

छिनाल शब्द की उत्पत्ति के रहस्य

  • स्त्री जातक के अनुसार छिनाल शब्द की अविष्कारक नारियां ही हैं। आपने देखा होगा कि कुछ महिलाएं किसी भी खराब या अच्छी वस्तु, भोजन को त्याज्य बताते हुए नार को छी: छी: छी: करने की आदत होती हैं। छिनाल शायद छि:नार का अपभ्रंश हो गया हो।

संस्कृत शब्द है छिनाल

  • छिनाल शब्द बना है संस्कृत के छिन्न से जिसका मतलब विभक्त , कटा हुआ, फाड़ा हुआ, खंडित , टूटा हुआ , नष्ट किया हुआ आदि है।
  • चरित्र के संदर्भ में छिनाल शब्द अर्थात जिस नारी का नाड़ा जगह जगह खुलकर उसने अनेक मर्दों का काढ़ा (वीर्य) पा लिया हो उसका चरित्र खंडित, नष्ट हो चुका हो। उसे चरित्रहीन स्त्री या छिनाल कहते हैं।
  • छिनाल का संधि विच्छेद करें, तो छिन्न+नार= छिन्नार, छिनार या छिनाल होगा।
  • जॉन प्लैट्स के हिन्दुस्तानी-इंग्लिश-उर्दू कोश में छिनाल का विकासक्रम इसप्रकार है-छिन्ना+नारी =छिन्नाली। छिनाल। इसी तरह हिन्दी शब्दसागर में -छिन्ना+नारी से उसकी व्युत्पत्ति बताते हुए इसके प्राकृत रूप छिणणालिआ! छिणणाली ! छिनारि के क्रम में इसका विकासक्रम छिनाल बताया गया है।

पुराणों में पूज्यनीय छिन्न, छिन्नमस्तक

  • छिन्न शब्द ने गिरे हुए चरित्र के विपरीत पुराणों में वर्णित देवी-देवताओं के किन्ही रूपों के लिए भी कुछ खास शब्द गढ़े हैं जैसे छिन्नमस्ता या छिन्नमस्तक। इनका मतलब साफ है- खंडित सिर वाली वाले देवी देवता।
  • भगवान श्रीगणेश, भैरोनाथ, खाटू श्याम आदि छिन्नमस्तक रूप के लिए हैं जिसमें उनके मस्तक कटा हुआ दिखाया जाता है।
  • एक तांत्रिक देवी छिन्नमस्ता देवी अघोरी तांत्रिकों में पूजी जाती हैं। Picassoऔर दस महाविद्याओं में उनका स्थान है। इनका रूप भयंकर है और ये अपना कटा सिर हाथ में लेकर रक्तपान करती चित्रित की जाती हैं।
  • हिन्दी में सिर्फ छिन्न शब्द बहुत कम इस्तेमाल होता है। साहित्यिक भाषा में फाड़ा हुआ, विभक्त आदि के अर्थ में विच्छिन्न शब्द प्रयोग होता है जो इसी से जन्मा है।
  • छिन्न-भिन्न का अर्थ जिसमें किसी समूह को बांटने, विभक्त करने, खंडित करने या छितराने का भाव निहित है। छिन्न बना है छिद् धातु से जिसमें यही सारे अर्थ निहित है। इससे ही बना है छिद्र जिसका अर्थ दरार, सूराख़ होता है।

छेद के भेद

  • छेदः भी इससे ही बना है जिससे बना छेद शब्द हिन्दी में प्रचलित है। संस्कृत में बढ़ई के लिए छेदिः शब्द है क्योंकि वह लकड़ी की काट-छांट करता है।

छिनरा छिनरी से मिले हँस-हँस होय निहाल।

  • भारत के लोग अदभुत हैं। लोक ने उस स्त्री में छिपे छिनाल को खोज लिया जिसके गालों में हँसने पर गड्ढे पड़ते हों- हँसत गाल गड़हा परै, कस न छिनरी होय।’

पतिव्रता नारी की कथा

  • भारत में पतिव्रता स्त्री, सुहागिन महिला का बहुत मान सम्मान है, इन्हें देवी का दर्जा प्राप्त है।
  • पतिव्रता की परिभाषा….जो स्त्रियां भूलकर भी किसी अन्य पुरुष की तरफ आकर्षित न हों। सदैव अपने पति को परमेश्वर मानकर सेवा में लगी रहें।
  • पराए या अन्य पुरुष के बारे में कभी कोई चिंतन, मंथन, शोधन, भोजन, छोड़ना न करे, वो स्त्रिवको पतिव्रता बताया है।
  • हिंदुस्तान के हिन्दू धर्म में माँ अनुसुइया तथा सती सावित्री के किस्से बहुत सहते-सुनाए जाते हैं। कहते हैं कि पतिव्रता स्त्री में इतना बल, आत्मविश्वास होता है कि वो ब्रह्मांड को हिला सकती है।
  • महादेव की पत्नी महादुर्गा, पतिव्रता महादेवी के रूप में सृष्टि में पूजनीय है।
  • माँ अनसुइया ने ब्रह्मा-विष्णु-महेश टिनन मुख्य देवताओं को अपने पतिव्रता तपोबलबच्चा-बालक बना दिया था।
  • भारतीय ग्रन्थों में पतिव्रता स्त्रियों के नामों का उल्लेख मिलता है-
  • पतिव्रता नारियां चार प्रकार की होती हैं- स्वभाव से उत्तम, मध्यम, नीच, लघु ये चरित्रवान होती है। इनके चित्र अनेक हो सकते हैं लेकिन चरित्र खराब नहीं होता।

देश में लाखों स्त्रियां पतिव्रता हुई हैं, जिनकी गाँव में कथा गाते हैं।


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