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सोमवार, 16 दिसंबर 2024

देश की आजादी के बाद 70 वर्षों में इन्हीं बातों को अंधविश्वास और पाखंड साबित करने का काम हुआ है। अब धीरे-धीरे सनातन संस्कृति पुनर्जीवित हो रही है ।

एक पंडितजी को नदी में तर्पण करते देख एक फकीर अपनी बाल्टी से पानी गिराकर जाप करने लगा कि..
"मेरी प्यासी गाय को पानी मिले।"
पंडितजी के पूछने पर उस फकीर ने कहा कि...
जब आपके चढाये जल और भोग आपके पुरखों को मिल जाते हैं तो मेरी गाय को भी मिल जाएगा.
इस पर पंडितजी बहुत लज्जित हुए।"
यह मनगढंत कहानी सुनाकर एक इंजीनियर मित्र जोर से ठठाकर हँसने लगे और मुझसे बोले कि -सब पाखण्ड है जी..!"

शायद मैं कुछ ज्यादा ही असहिष्णु हूँ...

इसीलिए, लोग मुझसे ऐसी बकवास करने से पहले ज्यादा सोच समझकर ही बोलते हैं क्योंकि, पहले मैं सामने वाली की पूरी बात सुन लेता हूँ... उसके जबाब उसे जबाब देता हूँ.

खैर... मैने कुछ कहा नहीं ....

बस, सामने मेज पर से 'कैलकुलेटर' उठाकर एक नंबर डायल किया...

और, अपने कान से लगा लिया.

बात न हो सकी... तो, उस इंजीनियर साहब से शिकायत की.इस पर वे इंजीनियर साहब भड़क गए.

और, बोले- " ये क्या मज़ाक है...??? 'कैलकुलेटर' में मोबाइल का फंक्शन भला कैसे काम करेगा..???"

तब मैंने कहा.... तुमने सही कहा...

वही तो मैं भी कह रहा हूँ कि.... स्थूल शरीर छोड़ चुके लोगों के लिए बनी व्यवस्था जीवित प्राणियों पर कैसे काम करेगी ???

इस पर इंजीनियर साहब अपनी झेंप मिटाते हुए कहने लगे-

"ये सब पाखण्ड है , अगर ये सच है... तो, इसे सिद्ध करके दिखाइए"

इस पर मैने कहा.... ये सब छोड़िएऔर, ये बताइए कि न्युक्लीअर पर न्युट्रान के बम्बारमेण्ट करने से क्या ऊर्जा निकलती है ?

वो बोले - " बिल्कुल ! इट्स कॉल्ड एटॉमिक एनर्जी।"

फिर, मैने उन्हें एक चॉक और पेपरवेट देकर कहा, अब आपके हाथ में बहुत सारे न्युक्लीयर्स भी हैं और न्युट्रांस भी...!

अब आप इसमें से एनर्जी निकाल के दिखाइए...!!

साहब समझ गए और तनिक लजा भी गए एवं बोले-

"जी , एक काम याद आ गया; बाद में बात करते हैं "

कहने का मतलब है कि..... यदि, हम किसी विषय/तथ्य को प्रत्यक्षतः सिद्ध नहीं कर सकते तो इसका अर्थ है कि हमारे पास समुचित ज्ञान, संसाधन वा अनुकूल परिस्थितियाँ नहीं है ,
इसका मतलब ये कतई नहीं कि वह तथ्य ही गलत है.

क्योंकि, सिद्धांत रूप से तो हवा में तो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों मौजूद है..

फिर , हवा से ही पानी क्यों नहीं बना लेते ???

अब आप हवा से पानी नहीं बना रहे हैं तो... इसका मतलब ये थोड़े ना घोषित कर दोगे कि हवा में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन ही नहीं है.

हमारे द्वारा श्रद्धा से किए गए सभी कर्म दान आदि आध्यात्मिक ऊर्जा के रूप में हमारे पितरों तक अवश्य पहुँचते हैं.

इसीलिए, व्यर्थ के कुतर्को मे फँसकर अपने धर्म व संस्कार के प्रति कुण्ठा न पालें...!
और हाँ...
जहाँ तक रह गई वैज्ञानिकता की बात तो....

क्या आपने किसी भी दिन पीपल और बरगद के पौधे लगाए हैं...या, किसी को लगाते हुए देखा है?

क्या फिर पीपल या बरगद के बीज मिलते हैं ?

इसका जवाब है नहीं....

ऐसा इसीलिए है क्योंकि... बरगद या पीपल की कलम जितनी चाहे उतनी रोपने की कोशिश करो परंतु वह नहीं लगेगी.

इसका कारण यह है कि प्रकृति ने यह दोनों उपयोगी वृक्षों को लगाने के लिए अलग ही व्यवस्था कर रखी है.

जब कौए इन दोनों वृक्षों के फल को खाते हैं तो उनके पेट में ही बीज की प्रोसेसिंग होती है और तब जाकर बीज उगने लायक होते हैं.

उसके पश्चात कौवे जहां-जहां बीट करते हैं, वहां वहां पर यह दोनों वृक्ष उगते हैं.और... किसी को भी बताने की आवश्यकता नहीं है कि पीपल जगत का एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो round-the-clock ऑक्सीजन (O2) देता है और वहीं बरगद के औषधि गुण अपरम्पार है.

साथ ही आप में से बहुत लोगों को यह मालूम ही होगा कि मादा कौआ भादो महीने में अंडा देती है और नवजात बच्चा पैदा होता है.

तो, इस नयी पीढ़ी के उपयोगी पक्षी को पौष्टिक और भरपूर आहार मिलना जरूरी है...

शायद, इसलिए ऋषि मुनियों ने कौवों के नवजात बच्चों के लिए हर छत पर श्राघ्द के रूप मे पौष्टिक आहार की व्यवस्था कर दी होगी.

जिससे कि कौवों की नई जनरेशन का पालन पोषण हो जाये......

इसीलिए.... श्राघ्द का तर्पण करना न सिर्फ हमारी आस्था का विषय है बल्कि यह प्रकृति के रक्षण के लिए नितांत आवश्यक है.

साथ ही... जब आप पीपल के पेड़ को देखोगे तो अपने पूर्वज तो याद आएंगे ही क्योंकि उन्होंने श्राद्ध दिया था इसीलिए यह दोनों उपयोगी पेड़ हम देख रहे हैं.अतः.... सनातन धर्म और उसकी परंपराओं पे उंगली उठाने वालों से इतना ही कहना है कि....

जब दुनिया में ईसा-मूसा- आदि का नामोनिशान नहीं था...

उस समय भी हमारे ऋषि मुनियों को मालूम था कि धरती गोल है और हमारे सौरमंडल में 9 ग्रह हैं.

साथ ही... हमें ये भी पता था कि किस बीमारी का इलाज क्या है...

कौन सी चीज खाने लायक है और कौन सी नहीं...?

देश की आजादी के बाद 70 वर्षों में इन्हीं बातों को अंधविश्वास और पाखंड साबित करने का काम हुआ है। अब धीरे-धीरे सनातन संस्कृति पुनर्जीवित हो रही है ।

*👏जय सनातन धर्म*👏

रविवार, 15 दिसंबर 2024

सुंदरकांड का धार्मिक महत्व

*🏵️ सुंदरकांड का धार्मिक महत्व*

सुंदर कांड वास्तव में हनुमान जी का कांड है। हनुमान जी का एक नाम सुंदर भी है। सुंदर कांड के लिए कहा गया है...!!

"सुंदरे सुंदरे राम: सुंदरे सुंदरीकथा।सुंदरे सुंदरी सीता सुंदरे किम् न सुंदरम्।।"
सुंदर कांड में मुख्य मूर्ति श्री हनुमान जी की ही रखी जानी चाहिए। इतना अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि हनुमान जी सेवक रूप से भक्ति के प्रतीक हैं, 

अत: उनकी अर्चना करने से पहले भगवान राम का स्मरण और पूजन करने से शीघ्र फल मिलता है। 

कोई व्यक्ति खो गया हो अथवा पति-पत्नी, साझेदारों के संबंध बिगड़ गए हों और उनको सुधारने की आवश्यकता अनुभव हो रही हो तो सुंदर कांड शीघ्र में कहा गया है- 

"सकल सुमंगलदायक, रघुनायक गुन गान।
सादर सुनहिं ते तरहिं, भवसिंधु बिना जलजान।।"

अर्थात् श्री रघुनाथ जी का गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगलों का यानी सभी लौकिक एवं परलौकिक मंगलों को देने वाला है, जो इसे आदरसहित सुनेंगे, वे बिना किसी अन्य साधन के ही भवसागर को तर जाएंगे। 

सुंदरकांड में तीन श्लोक, साठ दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं। साठ दोहों में से प्रथम तीस दोहों में विष्णुस्वरूप श्री राम के गुणों का वर्णन है। सुंदर शब्द इस कांड में चौबीस चौपाइयों में आया है।

सुंदरकांड के नायक रूद्रावतार श्रीहनुमान हैं। अशांत मन वालों को शांति मिलने की अनेक कथाएं इसमें वर्णित हैं। इसमें रामदूत श्रीहनुमान के बल, बुद्धि और विवेक का बड़ा ही सुंदर वर्णन है।

एक ओर श्रीराम की कृपा पाकर हनुमान जी अथाह सागर को एक ही छलांग में पार करके लंका में प्रवेश भी पा लेते हैं। दूसरी ओर बालब्रह्माचारी हनुमान ने विरह - विदग्ध मां सीता को श्रीराम के विरह का वर्णन इतने भावपूर्ण शब्दों में सुनाया है कि स्वयं सीता अपने विरह को भूलकर राम की विरह वेदना में डूब जाती है।

इसी कांड में विभीषण को भेदनीति, रावण को भेद और दंडनीति तथा भगवत्कृपा प्राप्ति का मंत्र भी हनुमान जी ने दिया है। अंतत: पवनसुत ने सीता जी का आशीर्वाद तो प्राप्त किया ही है, राम काज को पूरा करके प्रभु श्रीराम को भी विरह से मुक्त किया है और उन्हें युद्ध के लिए प्रेरित भी किया है।

इस प्रकार सुंदरकांड नाम के साथ साथ इसकी कथा भी अति सुंदर है। अध्यात्मिक अर्थों में इस कांड की कथा के बड़े गंभीर और साधनामार्ग के उत्कृष्ट निर्देशन हैं। अत: सुंदरकांड आधिभौतिक, आध्यात्मिक एवं आधिदैविक सभी दृष्टियों से बड़ा ही मनोहारी कांड है।

*सुंदरकांड के पाठ को अमोघ अनुष्ठान माना जाता है ऐसा विश्वास किया जाता है कि सुंदरकांड के पाठ करने से दरिद्रता एवं दुःखों का दहन, अमंगलों संकटों का निवारण तथा गृहस्थ जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है। पूर्णलाभ प्राप्त करने के लिए भगवान में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास होना जरूरी है।*
 
श्रीहनुमान चालीसा का यथासंख्या तथा श्रीसुंदरकांड पाठ अवश्य करें।
।। श्री रामभक्त रुद्रावतार हनुमान जी की जय ।।

*📖 इस जानकारी को अपने तक सीमित न रखे आगे भेजते जाए। आपकी वजह से किसीका ज्ञान बढ़ेगा। यह एक तरह से ज्ञान दान है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है।👨‍🎓*

शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

सोचिये ! हर कामना पूरी करने के लिए गो माता का सहारा। लेकिन उसी गो माता की सेवा के लिए समय नही होता है।

1-हर व्यक्ति जन्म लेता है गो-पुत्र के रूप में-इसलिये उसका एक गोत्र होता है।

2-हर व्यक्ति अपना विवाह मुहूर्त चाहता है -गो धूलि बेला में।

3-हर व्यक्ति मृत्यु के बाद जाना चाहता है गोलोक धाम,हर  आत्मा चाहती है गोलोकवास।

4-हर जीव वैतरणी पार करना चाहता है -मृत्यु से पहले गो दान करके।
           सोचिये ! हर कामना पूरी करने के लिए गो माता का सहारा। लेकिन उसी गो माता की सेवा के लिए समय नही होता है।

     गो माता के विषय में कुछ रोचक जानकारी
1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनन्दपूर्वक चैन की सांस लेती है। वहाँ वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। 

      2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं। 

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है। 

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है। 

5. गौ माता के खुर में नागदेवता का वास होता है। जहाँ गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते। 

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है।

7. गौ माता कि एक आँख में सुर्य व दूसरी आँख में चन्द्र देव का वास होता है।

8. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है। 

9. गौ माता की पूँछ में हनुमानजी का वास होता है। किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूँछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है। 

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है, उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है। 

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है।

12. गौ माता के दूध घी मक्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है। इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं।

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है। 

14. गौ माता के चारों चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है।

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे। 

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं। 

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है। 

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं। 
19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है। 

20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है। 

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। 

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार-बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा।

 23. गौ माता सर्व सुखों की दातार है। 
         हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूँ।
    ☆गोसेवा धर्म हमारा☆🐂🐂
जय श्री कृष्ण🙏
जय श्री राम🙏

बुधवार, 11 दिसंबर 2024

ससुराल गेंदा फ़ूल

ससुराल गेंदा फ़ूल 
गाना तो सुना ही होगा सबने , जिसमें छत पर काम करते हुए मीठी छेड़छाड़ के साथ यह गाना चल रहा होता है तो कभी मन में आया कि ससुराल गुलाब फ़ूल क्यों नहीं ,चमेली फ़ूल क्यों नहीं , ससुराल गेंदा फ़ूल ही क्यों कहा गया, आइए पहले गाना गुनगुनाते हैं , फ़िर अर्थ समझते हैं ...
सास गाली देवे, देवरजी समझा लेवे
ससुराल गेंदा फूल
सैयाँ छेड़ देवे, ननद चुटकी लेवे
ससुराल गेंदा फूल
छोड़ा बाबुल का अंगना, भावे डेरा पिया का, हो ...

शादी के बाद लडकी जब ससुराल आती है तो बहुत सारे बंधनो में बंध जाती है , बहुत से रिश्ते बन जाते है जैसे बहु ,देवरानी ,जिठानी ,भाभी और भी बहुत सारे और उसमें भी कोई प्यार करता है ,कोई ताना मारता है ,कोई मजाक करता है ,वगैरह वगैरह तो जिस प्रकार गेंदे का फूल बहुत सारी पंखुडियों को एक बंधन मे बांध कर रखता है , ढेर पंखुडिया होती है पर उन्हें सहेजकर एक साथ रखता है । आंधी, तूफान ,बारिश सब कुछ सहन करते हुए भी उन्हें बिखरने नहीं देता , उसी प्रकार हर लड़की को शिक्षा दी जाती है कि हर परिस्थिति में ससुराल में सभी को एकसाथ लेकर चलना ,अपने परिवार को बिखरने मत देना ,सभी का ध्यान रखना ।
गेंदे का फूल सूख जाता है फिर भी अपनी पंखुडियों को बिखरने नहीं देता इसीलिए ‘ ससुराल को गेंदा फूल ’ कहा गया है क्योंकि दूसरे फूल बहुत जल्दी बिखर जाते है पर गेंदे का फूल सूखने के बावजूद सभी को बांधकर रखता है और इसी तरह मरते दम तक हमलोग भी अपने परिवार को साथ लेकर चलते हैं । सूखा हुआ गेंदे का फ़ूल भी मिट्टी में बिखरा कर बो दो तो नए पौधे पनप जाते हैं , है ना जादुई और अद्भुत गेंदा ! 

वनस्पति विज्ञान में तो गेंदा को फ़ूल कहा ही नहीं गया, गुलदस्ता कहा गया है क्योंकि गेंदा की हर एक पंखुड़ी एक फूल है । कवि ने एक परिवार को गेंदा की उपमा दी है । जिस तरह से गेंदा एक गुलदस्ते में बंधा होता है , एक अच्छा परिवार भी उसी तरह बंधा होता है ।

देवर छेड़ता है तो ननद भाभी को समझा लेती है।
सास गाली देती है तो देवर भाभी को मना लेता है।
यानि कि सब एक दूसरे की इज्जत करते हैं और सब एक दूसरे के प्रति समर्पित है।
ठीक गेंदे के फूल की तरह , नहीं ...नहीं 😊 गेंदे के गुलदस्ते की तरह

ये फूल इतना खूबसूरत और खुशबूदार होता है कि पास से भी अगर गुजर जाओ तो भी इसकी पवित्र , सात्विक खुशबू से आत्मा तक तृप्त हो जाती है । जितने खुशबूदार इसके फूल होते हैं उतनी ही ज्यादा महक इसकी पत्तियों में भी आती है। इसकी पत्तियाँ सिर्फ महकती नहीं है अपितु बेहद गुणकारी भी होती हैं । गेंदे के पत्तों को पीसकर फोड़े-फुन्सी और घाव पर लगाने से आराम होता है । कान दर्द में गेंदे के हरी पत्ती का रस कान में डालने पर दर्द दूर हो जाता है ।
सुंदर , खुशबूदार और फायदेमंद ,तभी तो ससुराल गेंदा फ़ूल !!

साभार🙏
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सोमवार, 9 दिसंबर 2024

बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर आखिर नरेंद्र मोदी क्यों चुप…?*

*बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर आखिर नरेंद्र मोदी क्यों चुप…?*

> *मित्रों, बहुत सारे लोग नरेंद्र मोदी जी से नाराज हैं कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर कुछ नहीं कर रहे है। कृपया यह लेख पूरा पढ़े!*

*नेता और गुंडा…*

_अगर नेतागिरी करनी है तो गुंडे पालो, 'गुंडे बनो मत'_

एक प्रसिद्ध टीवी सीरिज का यह डायलॉग, राजनीति पर पहले भी खरा था, और आज भी खरा ही है! पर हमारे कुछ लोगों को लगता है कि कुल जमा तीस लाख की फौज, विश्व की तीसरी सबसे शक्तिशाली एयरफोर्स और विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली नौसेना के होते हुए भी मोदी बांग्लादेश पर हमला क्यों नहीं कर रहा…? 

क्या उसे नोबेल पुरुस्कार की चाहना है…?

नहीं! क्योंकि वो जानता है कि वो जमाने गये जब बड़े देश चुटकियों में छोटे व कमजोर देशों को डकार लेते थे।

*अभी निकट अतीत में -*
- अमेरिका व चीन, वियेतनाम को नहीं हरा पाये।
- रूस और अमेरिकी, अफगानिस्तान को काबू नहीं कर पाए।
- पाकिस्तान व अमेरिका, बांग्लादेश को रोक नहीं पाए। 

*और अब वर्तमान में -*
- रूस दो साल से दो कौड़ी के यूक्रेन को नहीं हरा पा रहा।
- इजराइल एक साल से हमास व हिजबुल्ला को नहीं मिटा पा रहा।
- आर्मीनिया अजरबेजान को नहीं हरा पा रहा।

इन सभी मामलों में हमलावर देशों ने इसलिए मुँह की खाई क्योंकि उसके विरोधी पक्ष की ओर से इन देशों को मदद मिलती रही। 

🔸 जब अमेरिका ने वियेतनाम पर हमला किया तो चीन वियेतनाम की मदद करता रहा और जब चीन ने स्वयं हमला किया तो इस बार रूस ने वियेतनाम की मदद की।

🔹 जब रूस ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो अमेरिका ने मुजाहिदीनों की मदद की और जब स्वयं अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो पाकिस्तान ने तालिबान की मदद की। 

🔸 जब पाकिस्तान ने बांग्लादेश लोगों को दबाया तो भारत ने उसकी मदद की और जब अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद की तो रूस भारत की मदद को आया।

🔹 रूस युक्रेन को सिर्फ सात दिन में कुचल सकता है लेकिन आज डेढ़ वर्ष से ज्यादा हो गया है, यूक्रेन अपराजित है क्योंकि पश्चिमी देश, यूक्रेन के पीछे खड़े हैं। 

🔸 इजरायल, एक वर्ष से दो इस्लामिक आतंकवादी संगठनों को नहीं कुचल पा रहा है क्योंकि ईरान व तुर्की उनकी मदद कर रहे हैं। 

अतीत में अपवादस्वरूप अमेरिका, ईराक के खिलाफ खाड़ी युद्ध जीत पाया तो सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके खिलाफ सद्दाम को अंदरखाने समर्थन देने के लिए कोई अमेरिका विरोधी पक्ष था ही नहीं। अब कोई देश किसी को इतनी आसानी से नहीं जीत सकता क्योंकि अगर आक्रांत देश को अन्य देश की ओर से हथियार व तकनीक की आपूर्ति होती रही तो वह संघर्ष को चाहे जितना लम्बा चला सकता है।

और यही कारण है कि हथियार व तकनीक के मामले में हमसे दोगुना संसाधन रखने वाला चीन, ताईवान पर हाथ डालने से डर रहा है। रूस के हश्र को देखकर चीन समझ गया है कि वह चाहे जितना जोर लगा ले, आज की तारीख में ताईवान को वह डंडे से हांसिल नहीं कर पायेगा।

*Break…*

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तो आप क्या सोचते हो, कि भारतीय सेना पहले की तरह इन्फेंट्री लेकर सात दिन में बांग्लादेश को हरा देगी। हरा तो देगी! लेकिन भारत को फिर एक लंबे युद्ध में फंसना पड़ेगा, जिसका परिणाम होगा मंहगाई, युवाओं का बलिदान, व आंतरिक दंगे! 

और जिस देश में टमाटर-प्याज महंगे होने पर सरकारें बदल दी जाती हों वह हिंदू क्या ही लंबी जंगें लड़ेंगे। और जहाँ जाति को देखकर, हिंदुत्व को एक तरफ रख दिया जाता हो वहां मुस्लिमों द्वारा फैलाये आंतरिक दंगों से, कौन हिंदू लड़ेगा…?

लेकिन चलिए, अगर इन तथाकथित वीरों की बात मानकर मोदी जी बांग्लादेश पर हमला कर भी दें, तो जरा देखें कि दोनों देशों के साथ कौन-कौन आएगा…? या भारत का साथ कौन-कौन देश देगा…?

भारत के साथ कोई नहीं आएगा, अगर अमेरिका भारत के पक्ष में नहीं आया तो। रूस और इजराइल का समर्थन मिल भी गया तो वह किसी मतलब का नहीं। क्योंकि फिलहाल दोंनो अपने ही मुद्दों पर युद्ध में उलझे पड़े हैं। और अब देखें कि बांग्लादेश के पक्ष में कौन-कौन देश आएगा…?

पाकिस्तान, चीन, तुर्की, वैश्विक मुस्लिम आतंकवादी, अमेरिका की हथियार लॉबी, जॉर्ज सोरोस और संपूर्ण INDI गठबंधन विपक्ष सहित कांग्रेस मंडली।

अब पुराने युद्धों के दिन गये। मॉडर्न वॉरफेयर में खुद युद्ध नहीं लड़ा जाता बल्कि गुंडों को पाला जाता है जो आपकी जंग लड़ता है और आप उसे अंदरखाने सपोर्ट करते हैं।

इसलिए अब अमेरिका ने एक सबक ले लिया है कि वह स्वयं युद्ध में नहीं उतरता बल्कि अपने पाले हुए राष्ट्रों को हथियार व पैसा देकर उनसे जंग लड़वाता है। और इस काम के लिए अमेरिका ने यूरोप में यूक्रेन, मध्यपूर्व में इजराइल, दक्षिण पूर्व में ताईवान और सुदूरपूर्व में फिलिपीन्स को पाला हुआ है।

इस नीति का पालन अब सभी देश कर रहे हैं और यहाँ तक कि 'यूरोप के मरीज' तुर्की की भी इतनी हिम्मत हो चुकी है कि वह पूरी इस्लामी दुनियां को हथियारों से सपोर्ट कर रहा है। वह उन्हें विश्व के श्रेष्ठतम ड्रोन्स सप्लाई कर रहा है।

जी हाँ, अब ड्रोन्स का युग है, और आपको सुनकर बुरा लगेगा लेकिन फिलहाल हमारे पास, तुर्की के ड्रोन्स का कोई तोड़ नहीं है।

इसके अलावा अगर आप ने ध्यान दिया हो तो बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर गांधी परिवार का एक भी बयान नहीं आया है। राहुल & इटालियन कंपनी लगातार प्रयत्न कर रही है कि भारत सरकार पूर्वोत्तर में मणिपुर में आंतरिक संघर्ष में लिप्त हो जाये, ताकि पूरे विश्व में हिंदू बनाम ईसाई का नैरेटिव चला सके।

अगर आप ने ध्यान दिया हो तो बांग्लादेश के मसले पर कांग्रेस ने हिंदू उत्पीड़न पर एक शब्द नहीं बोला है और न सरकार से कोई मांग की है और इसका मूल कारण है 'सरकार की चुप्पी'

अभी राहुल बांग्लादेश पर कुछ बोलने से बच रहा है तो इसका एक ही कारण है कि, ब्रेकिंग इंडिया फोर्सेज यह तय नहीं कर पा रही हैं, कि भारत सरकार की योजना बांग्लादेश के संदर्भ में क्या है।

जिस दिन कांग्रेस को यह अंदाजा हो जायेगा कि, सरकार बांग्लादेश के मामले पर कोई एक्शन नहीं लेगी! उसी पल राहुल गांधी बांग्लादेश के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करने लगेगा!

अभी उसे अंदेशा है कि देर सवेर बांग्लादेश में कुछ न कुछ अवश्य होगा! और ऐसी स्थिति में अगर आज उसने मोदी सरकार से बांग्लादेश के विरुद्ध कार्यवाही की मांग कर दी, तो उसे सरकार का समर्थन तो करना ही पड़ेगा, साथ ही उसके मुस्लिम मतदाता भी बिदक जाएंगे।

ऐसे में फिलहाल वह चुप रहकर जनवरी के बाद अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार बनने के बाद का माहौल को देखेगा! मोदी व ट्रंप के बीच समीकरण को परखेगा और तब जाकर राहुल & सोरोस कंपनी कोई स्टैंड लेगी। *लेख के लिए नंबर +918423630629 को जरूर जरूर सेव करें तत्पश्चात अपना (नाम, जिला, राज्य) लिखकर WhatsApp करें। 🙏*

भारत सरकार भी न तो सीधे सैन्य हस्तक्षेप करेगी और न करना चाहिए! बल्कि वह इन्तजार करेगी या गठित करेगी 'हिंदू मुक्तिबाहिनी' और फिर चलेगा एक लम्बा संघर्ष। और यदि अमेरिका से गुप्त समझौता हो सका, तभी भारत सरकार बांग्लादेश के खिलाफ सीधी कार्यवाही कर सकेगी। 

*अगर ट्रंप से समीकरण सही बने तो घटनाओं का क्रम कुछ ऐसा होना चाहिए -*

- भारत से अवैध बांग्ला व रोहिंग्या घुसपैठियों को बांग्लादेश की ओर खदेड़ा जायेगा।
- प्रतिक्रिया में बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत की ओर खदेड़ा जायेगा।
- भारत बांग्लादेश के हिंदुओं को चिकननैक के क्षेत्र में रखेगा। और उसमें से 'हिन्दू मुक्तिबाहिनी, का गठन होगा।
- बांग्लादेश की सेना उकसावे में आकर भारत की सीमा पर आक्रामक कदम उठाएगी।
- भारत प्रतिकार के सिद्धांत का हवाला देकर कार्यवाही करेगा और ऊपरी उत्तरी क्षेत्र को कब्जे में लेकर हिंदुओं का होमलैंड बना देगा।
- हिंदू होमलैंड की सरकार अपना विलय भारत में कर देगी। और पूरा क्षेत्र त्रिपुरा में मिला दिया जायेगा।
- बांग्लादेश से आने वाले बंगाली हिंदू मिजोरम, नागालैंड आदि में भी बसाये जाएंगे, ताकि वहां इसाईं प्रभुत्व खत्म हो।

बहरहाल, यह कोई भविष्यवाणी नहीं, बल्कि एक अनुमान है और यह तभी संभव होगा जब आज के भू सामरिक परिदृश्य में, मौजू कहावत को घोंट लिया जाये कि… राजनीति करनी है तो गुंडे पालो "खुद गुंडे बनो मत"

जब विश्व के सबसे बड़े गुंडे अमेरिका ने इस पाठ को रट लिया है तो भारत के कुछ लोगों को यह छोटी सी बात क्यों समझ नहीं आ रही!

भारत में कुछ लोगों को दिमाग से सोचना चाहिए कि बांग्लादेश में तख्तापलट होता है, सीरिया में विरोधी उग्र हो गए, पाकिस्तान में अचानक से नरसंहार शुरू हुआ, साउथ कोरिया में सैन्य शासन लग गया, भारत में किसानों की आड़ में, बिना बात के अचानक से आंदोलन होने लगे। संसद का सत्र नहीं चलने दिया जा रहा है। ये सच में यह क्या सिर्फ संयोग है…?

ये हो ही नहीं सकता, चिन्मय दास जी चार महीने से विरोध कर रहे थे, मगर गिरफ्तार अब हुए। एक माहौल बनाया जा रहा है कि भारत, बस किसी भी तरह बांग्लादेश पर हमला कर दे…?

जब तक डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति नहीं बनते, कुछ ना कुछ आकस्मिक होता रहेगा। यह समय हमारे धैर्य का है चिन्मय दास तो कुछ नहीं है अभी आने वाले इन महीने, दो महीनों में बांग्लादेश के हिन्दुओं के साथ बहुत कुछ होगा।

जो विपक्ष अभी तीन-चार महीने से मुँह में दही जमाये बैठा था वो अब अचानक हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठा रहा है। एक कोशिश है कि बस "भारत युद्ध छेड़ दे" और ये युद्ध अभी हुआ तो इस युद्ध का कुछ भी परिणाम नहीं आएगा। क्योंकि जो अन्य युद्ध चल रहे है वे भी बस चल रहे हैं। 

गलवान वैली के बाद एक बात जो समझ आयी वो यह है कि भारतीयों का माइंडसेट युद्ध वाला नहीं है। गलवान वैली देखा जाए तो भारत की विजय हुई थी मगर हमारे 20 सैनिकों की वीरगति का जिस तरह विधवा आलाप करके अपमान किया गया वो दर्शाता है कि हम मन से मजबूत नहीं है।

बांग्लादेश से लड़ोगे तो तैयार रहो, 500-1000 तो इस तरफ भी मारे जाएंगे। मीडिया उनकी विधवाओं की तस्वीरे दिखायेगा। सोशल मीडिया पर क्या, सेक्युलर क्या, हिंदूवादी क्या! सब आंसू बहाकर सेना और सरकार का मोरल डाउन करेंगे और फिर मोदी सरकार को हटाने के लिये एक सत्ता विरोधी आंदोलन होगा।

यदि किसी को ये बस थ्योरी लग रही हो तो फ्रेंच और रशियन क्रांति को डिटेल में पढ़ लो ये ही सब उस समय भी हुआ था। जब विपक्ष कमजोर होता है, तो राजा को युद्ध में उलझाकर तख्तापलट किया जाता है।

बांग्लादेश को आप आसानी से हरा दोगे लेकिन मन की लड़ाई हार जाओगे। क्योंकि फिलिस्तीन में 50 हजार के मरने पर भी वो मौत से नहीं डर रहे और आप ने 5 हजार के मरते ही आंसू बहाने शुरू कर दिए और अपनी सरकार को कोसना भी।

बांग्लादेश में जो हो रहा है वो बस उकसाने वाली बात है कि बस किसी तरह भारत आक्रमण कर दे और 2-3 सालों के लिये नए भूराजनैतिक समीकरण में उलझ जाए। जो कि सरकार ये समझ गयी है, जनता का भी एक वर्ग समझ गया है मगर कुछ अपवाद है, जिन्हे युद्ध चाहिए।

उन्हें लग रहा है कि युद्ध 1 बजे शुरू होगा और 2 बजे तक बांग्लादेश के सारे हिन्दू भारत में आ चुके होंगे। बांग्लादेश शमशान बन जाएगा और भारत का ना कोई सैनिक और ना कोई नागरिक मरेगा। भारत के शहरों पर कोई गोला नहीं गिरेगा। और बस रामायण वाली घटना की तरह, धर्म की पताका लहरा रही होंगी।

इन लोगों के लिये राजनीति एक गली मोहल्ले के झगड़े बराबर है युद्ध तो निश्चित होगा। भारत ने पिछले एक महीने में ही कुछ सैन्य परिक्षण भी किये है। चीन से तो अभी लड़ना नहीं है, पाकिस्तान से भी नहीं, तो संभव है युद्ध बांग्लादेश से हो।

युद्ध से विरोध नहीं है मगर युद्ध तैयारियों, अवलोकनो, और अपने समय के हिसाब से होना चाहिए ना कि दुश्मन के एजेंडे में फसकर! और उसके उकसावे में आकर यदि बांग्लादेश से युद्ध करना है तो अभी कुछ महीने और लो, शेख हसीना के कुछ लोग होंगे, जो अंडरग्राउंड होंगे और ख़ुफ़िया जानकारी देंगे।

कौन सी मिसाइल किस क्षेत्र के लिये उपयुक्त रहेगी, उसकी गणना होंगी। यदि राजशाही पर रासायनिक बम गिरा दिया तो 40 किलोमीटर दूर ही भारत के गाँव है, वे भी झूलस जाएंगे। ऐसी और ना जाने कितनी ही गणना हैं जिनमें समय लगता है और इसे करके ही युद्ध हमारे फेवर में होगा।

इन चिल्लम चिल्लाई और उकसावे में युद्ध की मांग करने वालों के कहने में आकर दिमाग़ को पर्दा करने की आवश्यकता नहीं है। हर काम समय के साथ ही होता है। जल्दबाजी में बस तराइन और पानीपत जैसे हाल होते हैं!

और फिलहाल हमने इसमें देश में गृह युद्ध छेड़ने को तैयार बैठे गद्दारों के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। जो भारत के अंदर ही प्रत्येक स्थान पर अपनी आबादी के अनुपात में संभल की तरह "गैर-मुस्लिम" आम जनता, पुलिस, सेना, प्रशासन के अधिकारियों और सैन्य दलों के प्रति सशस्त्र विद्रोह करने को तैयार बैठे हैं।

*॥ राष्ट्रहित सर्वोपरि ॥*

*✍️ साभार*

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बुधवार, 4 दिसंबर 2024

अब देशवासियों सब मिलकर अंग्रेजों के द्वारा बनाई गई हिन्दू विरोधी कांग्रेस के शासन का हिसाब लो ! सोचो देशवासियों अंग्रेजों द्वारा बनाई गयी लुटेरी कांग्रेस ने देश के रक्षा बजट का क्या किया ???*

*अंग्रेजों की बनाई गई हिन्दू विरोधी इस्लामिक कांग्रेस का झूठ की पोल खोल अभियान ----*🔥🔥🔥

*अंग्रेजों की बनाई गई हिन्दुओं की विरोधी भारत देश की लुटेरी कांग्रेस के कांग्रेसी लोग व वामपंथी लोग सब झूठा श्रेय गयासुद्दीन गाजी का वंशज जवाहर खान को और कांग्रेसियों को आखिर क्यों देते हैं ??? --*🔥🔥🔥

*जागो देशवासियों जागो -----*🔥🔥🔥

*अंग्रेजों की कांग्रेस ने केवल देश को हर तरह से हर जगह केवल लूटा और घोटाला किया तथा भ्रष्टाचार किया कांग्रेस भारत की सबसे ज्यादा देशद्रोही पार्टी साबित है । इसे पढ़ो और सोचो अंग्रेजों द्वारा बनाई गयी लुटेरी कांग्रेस सब झूठा श्रेय लेती है --*🔥🔥🔥

*1)- "BCFW"  (बंगाल केमिकल्स ऐण्ड फार्मास्यूटिकल वर्क्स)--*🔥

*देश की इस सबसे पुरानी दवा कम्पनी की स्थापना  जवाहर खान सरकार ने नहीं बल्कि "आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय" ने की थी. उन्होंने विवाह नहीं किया था.  उनकी मृत्यु के बाद उनका कोई उत्तराधिकारी न होने के कारण उनकी कम्पनी भारत सरकार की हो गई न कि  जवाहर खान ने बनवाया था।*🔥

*2)- "HAL" (हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड)--*🔥
*हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थापना सन् 1940 ई० मेंम बंगलौर के व्यापारी "वालचंद हीराचंद" ने की थी. वालचंद हीराचंद ने इन्जीनियारिंग के क्षेत्र (चीनी मिल की मशीनरी, बौयलर निर्माण, जहाज निर्माण, आदि)  में बहुत काम किये. देश आजाद होने पर HAL कहीं तकनीकी रूप से चीन और रूस को पीछे न छोड़ दे,इस डर से राष्ट्रीयकरण के नाम पर छीन लिया व बर्बाद कर दिया।*🔥

*3)- एयर इण्डिया --*🔥

*सन् 1938 ई० में स्थापित "टाटा एयरलाइन्स" का राष्ट्रीयकरण कर जवाहर खान ने "एयर इण्डिया" नामकरण किया था, जवाहर खान का इसकी स्थापना में कोई योगदान नहीं था,बस श्रेय लेने के लिए अपने मुंह मिट्ठू बनने की घातक बीमारी थी।*🔥

*4)- "TIFR" (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च)--*🔥

*भाभा और टाटा के संयुक्त प्रयास से, 1 जून, सन् 1945 ई० को 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR)' की स्थापना की थी सन् 1949 ई० में उन्होंने अपना संस्थान 'गेट वे ऑफ़ इंडिया' के पास एक इमारत में स्थानांतरित कर दिया. सरकार ने तो इसे कोलाबा में साढ़े पांच एकड़ जमीन सन् 1954 ई० में दी  थी।*🔥

*5)-भारत में पहले एम्स के लिये फंड कैसे मिला था--*🔥

* गयासुद्दीन गाजी का वंशज जवाहर खान ने भारत में पहला एम्स बनाने के लिये वित्तीय फंड देने से साफ इन्कार कर दिया था तब कपूरथला की राजकुमारी अमृतकौर अहलूवालिया ने विदेश से फंड लाकर तथा अपनी 100 एकड़ पैत्रिक जमीन बेचकर बनवाया परन्तु वेशर्म अंग्रेजों के द्वारा बनाई गयी कांग्रेस और उनके पिछलग्गू कम्युनिस्ट कहते हैं इसका श्रेय भी इस्लामी जिहादी जवाहर खान को देते हैं ।*🔥

*6)-राष्ट्रीयकृत बैंकें --*🔥

* इस्लामी जिहादी जवाहर खान ने किसी बैंक की स्थापना नहीं की बल्कि पहले से ही कार्यरत बैंकों का नये सिरे से नामकरण किया था यथा पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना लाला लाजपत राय और दियाल सिंह मजीठिया ने अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर सन् 1894 ई० में किया था।*🔥

*7)-भारत में लगने वाली प्रमुख्य प्राइवेट व्यवसायिक संस्थान /कम्पनियां --*🔥

*सन् 1868 ई० टाटा व्यवसायिक कम्पनी !*🔥
*सन् 1884 ई० डाबर ड्रग कम्पनी !*🔥
 *सन् 1897 ई० गोदरेज व्यवसायिक  कम्पनी !*🔥
*सन् 1910 ई० झन्डू ड्रग कम्पनी !*🔥
*सन् 1930 ई० हिमालय ड्रग कम्पनी जिसका मालिक एक इस्लामी जिहादी मोहम्मद मेराज मनल है!*🔥

*कांग्रेसी और वामपंथी इतिहासकारों ने एक साजिश के तहत ये झूठ फैलाया है की अंग्रेजों का थोपा संदिग्ध इस्लामिक जिहादी जवाहर खान आधुनिक भारत के निर्माता है .... सच्चाई ये है की अंग्रेजो ने अपने ही बनाए कांग्रेस में इस्लामिक जिहादी  जवाहर खान को एक तेज रफ्तार में चलती गाड़ी का स्टीयरिंग थमाया था !*

*भारत में पहला  हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट दार्जिलिंग में सन् 1897 ई० में बना था!*

*भारत में दूसरा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मैसूर के राजा ने कोलर के खान से सोना निकालने के लिए कावेरी नदी पर सन् 1887 ई० में बनाया जो सन् 1902 ई० में पूरा हुआ!* 🔥

*सोचने का विषय है कि आजादी तक भारत में कुल 230  पॉवर प्रोजेक्ट कार्यरत थे!* 🔥

*दोराबजी टाटा ने 1910  में ही टाटा पावर नामक कम्पनी बनाई थी ... दोराबजी ने टाटा पॉवर द्वारा 1915 में महाराष्ट्र के खोपोली ने 72 मेगावाट का विशाल पावर प्रोजेक्ट बनाया .. टाटा पावर ने 1947 तक भारत में 23 बड़े पॉवर प्रोजेक्ट बना चुकी थी और बम्बई, दिल्ली और कोलकाता में इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन नेट्वर्क बना चुकी थी I* 🔥

*भारत के हैदराबाद,बीकानेर,जोधपुर,बडौदा,ग्वालियर, पोरबंदर  सहित तमाम रियासतों ने अपने राज्यों में कई पॉवर प्रोजेक्ट बनवाये थे I* 🔥

*आपको जानकर आश्चर्य होगा की सन् 1947 ई० तक चीन भारत से पॉवर, रेल, सडक तथा सेना आदि तमाम क्षमताओ में काफी पीछे थाI* 🔥

*अंग्रेजो ने ही भारत देश को चाय और काफी के विशाल बगान बनाकर दिए थे .. उन बागानों तक जो काफी दुर्गम पहाड़ो पर थे वहां अंग्रेजो ने सिचाई,रेल,सड़क आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किये थेI* 🔥

*सन् 1947 ई० में अंग्रेजों ने बीस विशाल बंदरगाह और 23 एयरपोर्ट बनाकर दिए गए थे क्योंकि अंग्रेज व्यापार के लिये सब बना रहे थे लेकिन "आजाद हिन्द फौज"  खौफ से डरकर अंग्रेजों ने भारत देश को बेमन से आजाद किया था।* 🔥

*मद्रास दिल्ली मुंबई करांची में सेंट स्टीफन कोलेज,  अजमेर में मेयो कालेज सहित पुरे भारत में 350 कालेज और 23 युनिवर्सिटी सन् 1947 ई० से पहले के बने थे तो कांग्रेस ने क्या क्या बनवाया है कांग्रेस वालों को बताना चाहिये।* 🔥

*• सेरामपोर कॉलेज: हावड़ा स्थापना: 1818.* 🔥
 *• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की: स्थापना: 1847.*🔥
 *• मुंबई विश्वविद्यालय: स्थापना: 1857.* 🔥
*• मद्रास विश्वविद्यालय: स्थापना: 1857.* 🔥
 *• कलकत्ता विश्वविद्यालय: स्थापना: 1857.* 🔥
 *•अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय: स्थापना: 1875.* 🔥
 *• इलाहाबाद विश्वविद्यालय: स्थापना-1887.* 🔥
 *• पंजाब विश्वविद्यालय - 1882.* 🔥

*• बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय -1916, युनिवर्सिटी ऑफ़ मैसूर -1916, पटना युनिवर्सिटी, नागपूर युनिवर्सिटी काशी विद्यापीठ सहित 49 बड़े विश्वविद्यालय थे ...सन् 1947 ई० तक भारत शिक्षा संस्थानों में तीसरे नम्बर पर था तो देशद्रोही इस्लामिक कांग्रेस वालों ने नाम बदलने के अलावा क्या क्या काम किया है उसको बताये ???* 🔥

*इंडियन आर्मी 1895 में स्थापित हुई थी .. अंग्रेज आठ कमांड बनाकर गये थे जिसमे 2 पाकिस्तान में चले गये .. ब्रिटिश इंडियन आर्मी प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में बहादुरी से लड़ी थी .. अंग्रजो ने जाते जाते भारत देश के संदिग्ध इस्लामी जिहादी जवाहर खान को 45 सैनिक छावनियां और विशाल रोयल एयरफोर्स दिया था .. भारत विश्व में तीसरा देश था जिसने वायुसेना बनाया .. यानी चीन के पहले ही अंग्रेजो ने भारत को विशाल और आधुनिक वायुसेना बनाकर दे दिया था तो कांग्रेस ने जो किया हो कांग्रेस को उसका ही विवरण देना चाहियेI* 🔥

*अंग्रेजों ने सन् 1947 ई० के पहले ही  दुनिया का दूसरा मेडिकल कॉलेज जो आगरा में है जो आज सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज जाना जाता है उसे लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज सहित 30 मेडिकल कॉलेज बनाए थे ऊटी के पास वायरस से होने वाली बीमारियों पर रिसर्च करने के लिए दुनिया का सबसे आधुनिक वायरल रिसर्च सेंटर बनाया था I* 🔥

*आज देश में जितना भी रेलवे नेट्वर्क है उसका 67% सन् 1947 ई० तक बन चूका था .. भारत का ये विशाल रेल नेट्वर्क इस्लामी जिहादी जवाहर खान का नही बल्कि अंग्रेजो का देन है .. उन्होंने विशाल नदियों पर पुल बनाये दुर्गम पहाड़ो को काटकर रेल लाइन बनाई .. भारत विश्व में चौथा देश और एशिया का पहला देश है जहाँ रेल चली .. भारत में  सन् 1853 को रेल चली .. जबकि इसके 30 साल बाद चीन में रेल चली थीI* 🔥

*भारत में विशाल चाय बागन और सागौन के लकड़ी के बागान लगाने वाली कम्पनी पारसी वाडिया खानदान की थी जिसका नाम था बाम्बे बर्मा ट्रेडिंग कम्पनी लिमिटेड .. ये कम्पनी 1863 में बनी थी ..और एशिया की बड़ी कम्पनी थी I* 🔥

*सन् 1865: इलाहाबाद बैंक.* 🔥
*सन् 1892: ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1895: पंजाब नेशनल बैंक.* 🔥
*सन् 1897: सेंचुरी टेक्सटाइल्स एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1897: गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1899: कलकत्ता इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कॉरपोरेशन.* 🔥
*सन् 1902: शालीमार पेंट कलर एंड वार्निश कंपनी.* 🔥
*सन् 1903: इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1908: बैंक ऑफ बड़ौदा.* 🔥
*सन् 1911: टीवीएस.*🔥
*सन् 1904: कुंभकोणम बैंक लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1905: फीनिक्स मिल्स लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1906: केनरा बैंकिंग कॉर्पोरेशन (यूडीपीआई) लिमिटेड.* 🔥
*सन् 1906:  बैंक ऑफ इंडिया.* 🔥
*सन् 1907: TATA STEEL LTD सहित चार सौ से ज्यादा बड़ी कम्पनियां लगभग सन् 1947 ई० के पहले  ही भारत में बन चुकी थीं ....और  भारत में लगभग 80 से ज्यादा बैंक थेI.* 🔥

* देशद्रोही इस्लामिक कांग्रेसी इस तरह से प्रचारित करते है जैसे 1947 तक भारत एकदम पिछड़ा था .. कोई स्कुल तक नही था .. लोग लालटेन युग में जीते थे I सूई तक नहीं बनती थी अंग्रेजों की बनाई कांग्रेस केवल भारत के लोगों को गुमराह करके हिन्दुओं के खिलाफ ही भारत के संविधान में कानून बना रखा है।* 🔥

*फिर अंग्रेजों का थोपा संदिग्ध यह इस्लामी जिहादी जवाहर खान आया और मात्र 2 सालों में भारत को आधुनिक बना दियाI कितनी बड़ी मूर्ख भारत देश की जनता को कांग्रेस ने बनाये रखा।* 🔥

*सोचो ! उपरोक्त व्यवसायिक कम्पनियों की स्थापना हो गई थी लेकिन लोग कहते हैं कि आजादी के पहले भारत में कुछ भी नहीं बनता था , सोचो भारत देश की क्षमता की बुराई लोग करते रहते हैं। आखिर क्यों?* 🔥

*अंग्रेजों ने अपने बचाव में तथा सन् 1857ई० जैसी क्रान्ति दुबारा न होने पाये इसीलिये अंग्रेजों अपने एक अंग्रेज आई.सी.एस. अधिकारी ए.ओ.ह्यूम के जरिये कांग्रेस का गठन विधिवत साजिशन करवाया था इस तरह से सही तौर पर सदा ही कांग्रेस तो अंग्रेजों की पार्टी है  अंग्रेजों ने अपने सेना में काम कर रहे मोहनदास करमचंद गांधी को घिनौनी साजिश से भारत में एक सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित करवाया जिसे लोग बाद में महात्मा गांधी कहते थे इस तरह से यह दूर आत्मा देशद्रोही गांधी भी अंग्रेजों का जासूस व दलाल ही था तथा अंग्रेजों ने अपना सबसे शातिर दूसरा दलाल व जासूस हिन्दुओं में कही भी ब्राह्मणों में नेहरू जाति नहीं होती है तथा नेहरू कश्मीर में कहां रहते थे आज तक साबित नहीं है लेकिन फर्जी जाति नेहरू खानदान निश्चित ही विदेशी इस्लामिक घुसपैठिया साबित होता है जवाहर खान को अंग्रेजों ने अपनी इच्छा के अनुसार सदा प्रयोग किया और जवाहर खान भी अंग्रेजों का पूरा जासूस व दलाल ही साबित हुआ ।* 🔥

*याद रखो देशवासियों भारत में नेवी सेना में सन् 1946 ई० की बगावत से अंग्रेज भयभीत थे और उन्हें भारत 25 लाख सैनिकों की बगावत का डर आजाद हिन्द फौज के कारण सताने लगा भारत में मात्र एक लाख अंग्रेजों में से मात्र केवल उस समय लगभग 55000 अंग्रेज ही बचे थे बाकी तो 35000 अकेले आजाद हिन्द फौज वालों ने ही अंग्रेजों को मार दिया था इसलिए अंग्रेज आजाद हिन्द फौज से बहुत भयभीत थे इसलिए अंग्रेज अंग्रेज केवल आजाद हिन्द फौज से डरकर भारत का बटवारा करके अंग्रेजों ने अपने दलाल व जासूस संदिग्ध इस्लामिक घुसपैठी जवाहर खान को सत्ता अपनी शर्तों पर ही स्थान्तरित करके दिया था तो इस देश में इतने वर्ष तक शासन करने वाली कांग्रेस से पूछो भारत अभी तक विदेशियों के ऊपर क्यों निर्भर था जब देश में आबादी कम थी तो कांग्रेस केवल भारत में अवैध घुसपैठ क्यों करा रही थी ? कांग्रेस ने पिछले मनमोहन सिंह की सरकार में सन् 2004  ई० से सत्ता में में सन् 2014 ई०  तक रही तो 10 देश वर्षों का रक्षा बजट कांग्रेस की सरकार ने क्या किया था ???* 🔥

 *देश की रक्षा बजट के बल पर नरेन्द्र मोदी जी ने रक्षा क्षैत्र में 10 वर्ष में काफी सेना को वन रैंक वन पेन्शन भी दिया और देश की सुरक्षित हेतु जरूरी हथियार भी खरीदा और देश का काफी हथियार अब स्वदेश में बनने लगा नरेन्द्र मोदीजी के कारण भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होता जा रहा है इसलिये भारत देश की विरोधी और हिन्दुओं की विरोधी अंग्रेजों की बनाई विपक्षी देशद्रोही इस्लामिक कांग्रेस और भारत की विरोधी और हिन्दुओं की घोर विरोधी कम्युनिस्ट पार्टियों और सभी विरोधी हिन्दू विरोधी और भारत देश के विरोधी विपक्षी पार्टियों के साथ साथ कई देश भी भारत की रक्षा क्षेत्र में आगे जाने व आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ने से रोकने की घिनौनी साजिश में लगे हैं तथा तरह तरह के हथकंडे अपनाकर नरेन्द्र मोदी जी को बदनाम कर रहे हैं लेकिन देश की जनता इनकी साजिश जान रही है तभी तो इन्हें कोई महत्व नहीं दे रही है।* 🔥

*देशभक्त नरेन्द्र मोदी जी का मेक इन इन्डिया और मेड इन इन्डिया से देश का विकास हो रहा है भारत देश में नये नये रोजगार बढ़ रहे हैं। देश मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है सभी विपक्षी विरोधी इसीलिए परेशान हैं।* 🔥

*भारत विरोधी शक्तियां एक होकर नरेन्द्र मोदी जी को हराने की घिनौनी साजिश में इन भारत की विपक्षियों के साथ लगी हैं। जागो देशवासियों जागो।* 🔥

* देशद्रोही इस्लामिक कांग्रेस हटाओ हिन्दू और हिन्दुओं के देश भारत देश को बचाओ जागो सनातनी हिन्दुओं जागो !* 🔥

🔥 *अब देशवासियों सब मिलकर अंग्रेजों के द्वारा बनाई गई हिन्दू विरोधी कांग्रेस के शासन का हिसाब लो ! सोचो देशवासियों अंग्रेजों द्वारा बनाई गयी लुटेरी कांग्रेस ने देश के रक्षा बजट का क्या किया ???* 🔥

*अब तो कांग्रेस वालों से जबाब मांगो !* 🔥

*नोट- इस सन्देश को बार बार शेयर जरूर करें।* 🔥

कौन है रंजित कत्याल जिसने कुवैत में लाखो भारतीयों की जान बचाई थी

कौन है रंजित कत्याल जो लाखो भारतीयों की जान बचाई थी,👌👌👌🚩🚩
 रंजीत_कत्याल :ये नाम कभी सुना आपने ? ये एक भारतीय मूल का अरबपति कुवेत का बिजनसमैन थे । 1990 में जब सद्दाम हुसेन ने कुवेत पर हमला किया तब कुवेत में 1,70,000 भारतीय फसें हुये थे और तब जातिवाद वोटबैंक के नाम पर मंडल_कमीशन लाने वाले प्रधानमंत्री V.P. Singh की इतनी हिम्मत भी नहीं थी की सद्दाम से बात कर के उन भारतीयों को वहाँ से निकाल सके । कांग्रेसी गांधी_परिवार (राजीव गांधी जी) और नटवर_सिंह ने भी ईराक से तेल के बदले राशन योजना में करोड़ो कमाए थे मगर उन भारतीयों को बचाने कोई आगे नहीं आया था । ऐसे में उस अरबपति रंजीत कत्याल ने अपने बलबूते और अपने बिजनेस रसूख से उन भारतीयों को उस युद्द से निकालने का बीड़ा उठाया था। एअर इण्डिया की मदद से कुवेत के कोने-कोने से हर भारतीय को खोज के अकेले रंजीत कत्याल ने 59 दिन में एक लाख सत्तर हजार भारतीयों को बचाया था और कुवेत से निकाला था । गिनीज बुक में किसी अकेले सिविलियन द्वारा दुनिया का सबसे बडे रेस्क्यू ऑपरेशन के रूप में दर्ज है ये घटना और इतने दिलेर भारतीय का हम नाम तक नहीं जानते !!! सिर्फ इसलिये क्यों की देश को बरबाद करनेवाली और लूटनेवाली काँग्रेस सरकार थी जिसने ना ही इन भारतीयों के लिये कुछ किया और ना ही रंजीत जैसे कर्मठ व्यक्तित्व को देश के लोगों के सामने कभी सम्मानित किया...! आप सिर्फ google पर "रंजित कत्याल" लिखकर सर्च करे, 🙏🙏💐

सोमवार, 2 दिसंबर 2024

रक्तदान आपकी जन्म कुंडली में स्थित दुर्घटना जैसे अशुभ योगों को भी कम या समाप्त कर सकता है।

             🙏🙏 हर हर महादेव 🙏🙏

              🌹*रक्तदान से लाभ*🌹
               (ज्योतिष शास्त्र एवं ज्ञान)
               🩸 *रक्तदान एवं ज्योतिष* 🩸
🔱👉 *वर्तमान समय में रक्तदान करना एक बहुत बड़ा पुण्य कार्य है। रक्तदान किसी का जीवन बचा सकता है। और साथ ही साथ आपकी जन्म कुंडली में स्थित दुर्घटना जैसे अशुभ योगों को भी कम या समाप्त कर सकता है।

🔱👉 *आपको बताना चाहेंगे कि ज्योतिष की दृष्टि से रक्तदान आपको कई बड़ी दुर्घटनाओं से बचा सकता है। कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह होते हैं जो व्यक्ति के लिए दुर्घटना का योग बनाते हैं। जिन लोगों की कुंडली में दुर्घटना में रक्त बहने के योग हैं उन्हें हर साल में एक या दो बार रक्तदान करना ही चाहिए। 

🔱👉 *ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण कई लोगों के साथ चोट, दुर्घटना या कट लगने के योग बन जाते हैं। जिससे खून बहता है, लेकिन हम अपनी ही इच्छा से किसी जरुरतमंद को खून का दान करें तो अचानक होने वाली दुर्घटनाओं या ऑपरेशन से बच सकते हैं, क्योंकि इनमें जितना खून बहना था वो दान में दे चुके होते हैं।

🔱👉 *रक्तदान से किसी न किसी को जीवनदान मिलता ही है। इस दान से हमारे पुण्य भी बढ़तें हैं। जिससे हमारे जीवन की भी रक्षा होती है।

🔱👉 *रक्तदान से विशेष लाभ यह होता है कि ग्रहों के कारण आपका रक्त का निकलना तय होता है। यदि आप अपनी इच्छा से नि:स्वार्थ रक्तदान करते हैं तो इसके अन्य लाभ मिलते हैं। उदाहरण स्वरुप⤵️
👉  अंजान लोगों की जान बचाने का पुण्य मिलता है। 👉 ग्रहों की मार से भी बचते हैं। 
👉 आपके शरीर का पुराना ख़ून के हटने से नये ख़ून आने से आयु में बढ़ोतरी होती है। 
👉 नये ख़ून आने से नयी उर्जा मिलती है। 
👉 शरीर की स्थीलता एवं आलस्य दूर होती है।
👉 आप मानवता एवं पुण्य से लाभान्वित होते हैं।
👉 आपका हार्ट बीट भी साफ़ एवं नार्मल हो जाता है।

     🌷*जानिए कब बनते हैं 
                         कुंडली में दुर्घटना के योग*🌷

🔥*कुंडली में मंगल और सूर्य दोनों रक्त कारक हैं और अगर इनका अनिष्ट प्रभाव सप्तम,अष्टम अथवा द्वादश भाव पर पड़े तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में चोट लगती रहती हैं।

🔥*यदि किसी की जन्म पत्रिका में मंगल नीच राशि का अष्टम भाव में होता है तो उस व्यक्ति को चोट लगने की संभावनाएं रहती हैं। 

🔥*सप्तम या अष्टम भाव पर मंगल की पाप दृष्टि हो तो भी जीवन में दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

🔥*लग्न, चतुर्थ और सप्तम भाव में बैठा हुआ मंगल यदि शुभकारी नहीं है तो जीवन में अवश्य ही दुर्घटनाएं करता रहता है।

🔥*अष्टम भाव अथवा द्वितीय भाव में मंगल राहु का प्रभाव अंगारक योग बनाता है। ऐसे व्यक्ति को बार-बार दुर्घटनाएं होना निश्चित है।

🌹🌹*अतः दुर्घटनाओं से बचने के लिए रक्तदान का उपाय काफी उत्तम है, रक्तदान करने से मंगल ग्रह काफी अनुकूल होता है और मंगल ग्रह से संबंधित समस्याओं का निराकरण भी होता है।
       🌹🙏 स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें 🙏🌹

रविवार, 1 दिसंबर 2024

श्री गणेश प्रश्नावली चक्र इन यंत्रों की सहायता से हम अपने मन में उठ रहे सवाल, हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयों आदि का समाधान पा सकते है।

👆🏼श्री गणेश प्रश्नावली चक्र इन यंत्रों की सहायता से हम अपने मन में उठ रहे सवाल, 
श्री गणेश प्रश्नावली चक्र इन यंत्रों की सहायता से हम अपने मन में उठ रहे सवाल, हमारे जीवन में आने वाली कठिनाइयों आदि का समाधान पा सकते है। इन्ही में से एक श्रीगणेश प्रश्नावली यंत्र के बारे में हम आज आपको बता रहे है।
भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य माना गया है अर्थात सभी मांगलिक कार्यों में सबसे पहले श्रीगणेश की ही पूजा की जाती है। श्रीगणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। श्रीगणेश प्रश्नावली यंत्र के माध्यम से आप अपने जीवन की परेशानियों व सवालों का हल आसानी से पा सकते हैं। यह बहुत ही चमत्कारी यंत्र है।
उपयोग विधि,,,,जिसे भी अपने सवालों का जवाब या परेशानियों का हल जानना है वो पहले पांच बार ऊँ नम: शिवाय: मंत्र का जप करने के बाद 11 बार ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें। इसके बाद आंखें बंद करके अपना सवाल पूछें और भगवान श्रीगणेश का स्मरण करते हुए प्रश्नावली चक्र पर कर्सर घुमाते हुए रोक दें। जिस कोष्ठक(खाने) पर कर्सर रुके, उस कोष्ठक में लिखे अंक के फलादेश को ही अपने अपने प्रश्न का उत्तर समझें।
1 आप जब भी समय मिले राम नाम का जप करें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
2 आप जो कार्य करना चाह रहे हैं, उसमें हानि होने की संभावना है। कोई दूसरा कार्य करने के बारे में विचार करें। गाय को चारा खिलाएं।
3 आपकी चिंता दूर होने का समय आ गया है। कष्ट मिटेंगे और सफलता मिलेगी। आप रोज पीपल की पूजा करें।
4 आपको लाभ प्राप्त होगा। परिवार में वृद्धि होगी। सुख संपत्ति प्राप्त होने के योग भी बन रहे हैं। आप कुल देवता की पूजा करें।
5 आप शनिदेव की आराधना करें। व्यापारिक यात्रा पर जाना पड़े तो घबराएं नहीं। लाभ ही होगा।
6 रोज सुबह भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। महीने के अंत तक आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी।
7 पैसों की तंगी शीघ्र ही दूर होगी। परिवार में वृद्धि होगी। स्त्री से धन प्राप्त होगा।
8 आपको धन और संतान दोनों की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से आपको लाभ होगा।
9 आपकी ग्रह दिशा अनुकूल चल रही है। जो वस्तु आपसे दूर चली गई है वह पुन: प्राप्त होगी।
10 शीघ्र ही आपको कोई प्रसन्नता का समाचार मिलने वाला है। आपकी मनोकामना भी पूरी होगी। प्रतिदिन पूजन करें।
11 यदि आपको व्यापार में हानि हो रही है तो कोई दूसरा व्यापार करें। पीपल पर रोज जल चढ़ाएं। सफलता मिलेगी।
12 राज्य की ओर से लाभ मिलेगा। पूर्व दिशा आपके लिए शुभ है। इस दिशा में यात्रा का योग बन सकता है। मान-सम्मान प्राप्त होगा।
13 कुछ ही दिनों बाद आपका श्रेष्ठ समय आने वाला है। कपड़े का व्यवसाय करेंगे तो बेहतर रहेगा। सब कुछ अनुकूल रहेगा।
14 जो इच्छा आपके मन में है वह पूरी होगी। राज्य की ओर से लाभ प्राप्ति का योग बन रहा है। मित्र या भाई से मिलाप होगा।
15 आपके सपने में स्वयं को गांव जाता देंखे तो शुभ समाचार मिलेगा। पुत्र से लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति के योग भी बन रहे हैं।
16 आप देवी मां पूजा करें। मां ही सपने में आकर आपका मार्गदर्शन करेंगी। सफलता मिलेगी।
17 आपको अच्छा समय आ गया है। चिंता दूर होगी। धन एवं सुख प्राप्त होगा।
18 यात्रा पर जा सकते हैं। यात्रा मंगल, सुखद व लाभकारी रहेगी। कुलदेवी का पूजन करें।
19 आपके समस्या दूर होने में अभी करीब डेढ़ साल का समय शेष है। जो कार्य करें माता-पिता से पूछकर करें। कुल देवता व ब्राह्मण की सेवा करें।
20 शनिवार को शनिदेव का पूजन करें। गुम हुई वस्तु मिल जाएगी। धन संबंधी समस्या भी दूर हो जाएगी।
21 आप जो भी कार्य करेंगे उसमें सफलता मिलेगी। विदेश यात्रा के योग भी बन रहे हैं। आप श्रीगणेश का पूजन करें।
22 यदि आपके घर में क्लेश रहता है तो रोज भगवान की पूजा करें तथा माता-पिता की सेवा करें। आपको शांति का अनुभव होगा।
23 आपकी समस्याएं शीघ्र ही दूर होंगी। आप सिर्फ आपके काम में मन लगाएं और भगवान शंकर की पूजा करें।
24 आपके ग्रह अनुकूल नहीं है इसलिए आप रोज नवग्रहों की पूजा करें। इससे आपकी समस्याएं कम होंगी और लाभ मिलेगा।
25 पैसों की तंगी के कारण आपके घर में क्लेश हो रहा है। कुछ दिनों बाद आपकी यह समस्या दूर जाएगी। आप मां लक्ष्मी का पूजन रोज करें।
26 यदि आपके मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो उनका त्याग करें और घर में भगवान सत्यनारायण का कथा करवाएं। लाभ मिलेगा।
27 आप जो कार्य इस समय कर रहे हैं वह आपके लिए बेहतर नहीं है इसलिए किसी दूसरे कार्य के बारे में विचार करें। कुलदेवता का पूजन करें।
28 आप पीपल के वृक्ष की पूजा करें व दीपक लगाएं। आपके घर में तनाव नहीं होगा और धन लाभ भी होगा।
29 आप प्रतिदिन भगवान विष्णु, शंकर व ब्रह्मा की पूजा करें। इससे आपको मनचाही सफलता मिलेगी और घर में सुख-शांति रहेगी।
30 रविवार का व्रत एवं सूर्य पूजा करने से लाभ मिलेगा। व्यापार या नौकरी में थोड़ी सावधानी बरतें। आपको सफलता मिलेगी।
31 आपको व्यापार में लाभ होगा। घर में खुशहाली का माहौल रहेगा और सबकुछ भी ठीक रहेगा। आप छोटे बच्चों को मिठाई बांटें।
32 आप व्यर्थ की चिंता कर रहे हैं। सब कुछ ठीक हो रहा है। आपकी चिंता दूर होगी। गाय को चारा खिलाएं।
33 माता-पिता की सेवा करें, ब्राह्मण को भोजन कराएं व भगवान श्रीराम की पूजा करें। आपकी हर अभिलाषा पूरी होगी।
34 मनोकामनाएं पूरी होंगी। धन-धान्य एवं परिवार में वृद्धि होगी। कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं।
35 परिस्थितियां आपके अनुकूल नहीं है। जो भी करें सोच-समझ कर और अपने बुजुर्गो की राय लेकर ही करें। आप भगवान दत्तात्रेय का पूजन करें।
36 आप रोज भगवान श्रीगणेश को दुर्वा चढ़ाएं और पूजन करें। आपकी हर मुश्किल दूर हो जाएंगी। धैर्य बनाएं रखें।
37 आप जो कार्य कर रहे हैं वह जारी रखें। आगे जाकर आपको इसी में लाभ प्राप्त होगा। भगवान विष्णु का पूजन करें।
38 लगातार धन हानि से चिंता हो रही है तो घबराइए मत। कुछ ही दिनों में आपके लिए अनुकूल समय आने वाला है। मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करें।
39 आप भगवान सत्यनारायण की कथा करवाएं तभी आपके कष्टों का निवारण संभव है। आपको सफलता भी मिलेगी।
40- आपके लिए हनुमानजी का पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। खेती और व्यापार में लाभ होगा तथा हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
41 आपको धन की प्राप्ति होगी। कुटुंब में वृद्धि होगी एवं चिंताएं दूर होंगी। कुलदेवी का पूजन करें।
42 आपको शीघ्र सफलता मिलने वाली है। माता-पिता व मित्रों का सहयोग मिलेगा। खर्च कम करें और गरीबों का दान करें।
43 रुका हुआ कार्य पूरा होगा। धन संबंधी समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। सोच-समझकर फैसला लें। श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
44 धार्मिक कार्यों में मन लगाएं तथा प्रतिदिन पूजा करें। इससे आपको लाभ होगा और बिगड़ते काम बन जाएंगे।
45 धैर्य बनाएं रखें। बेकार की चिंता में समय न गवाएं। आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। ईश्वर का चिंतन करें।
46 धार्मिक यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इसमें लाभ मिलने की संभावना है। रोज गायत्री मंत्र का जप करें।
47 प्रतिदिन सूर्य को अध्र्य दें और पूजन करें। आपको शत्रुओं का भय नहीं सताएगा। आपकी मनोकामना पूरी होगी।
48 आप जो कार्य कर रहे हैं वही करते रहें। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी जो आपके लिए फायदेमंद रहेगी। पीपल को रोज जल चढ़ाएं।
49 अगर आपकी समस्या आर्थिक है तो आप रोज श्रीसूक्त का पाठ करें और लक्ष्मीजी का पूजा करें। आपकी समस्या दूर होगी।
50 आपका हक आपको जरुर मिलेगा। आप घबराएं नहीं बस मन लगाकर अपना काम करें। रोज पूजा अवश्य करें।
51 आप जो व्यापार करना चाहते हैं उसी में सफलता मिलेगी। पैसों के लिए कोई गलत कार्य न करें। आप रोज जरुरतमंद लोगों को दान-पुण्य करें।
52 एक महीने के अंदर ही आपकी मुसीबतें कम हो जाएंगी और सफलता मिलने लगेगी। आप कन्याओं को भोजन कराएं।
53 यदि आप विदेश जाने के बारे में सोच रहे हैं तो अवश्य जाएं। इसी में आपको सफलता मिलेगी। आप श्रीगणेश का आराधना करें।
54 आप जो भी कार्य करें किसी से पुछ कर करें अन्यथा हानि हो सकती है। विपरीत परिस्थिति से घबराएं नहीं। सफलता अवश्य मिलेगी।
55 आप मंदिर में रोज दीपक जलाएं, इससे आपको लाभ मिलेगा और मनोकामना पूरी होगी।
56 परिजनों की बीमारी के कारण चिंतित हैं तो रोज महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। कुछ ही दिनों में आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।
57 आपके लिए समय अनुकूल नहीं है। अपने कार्य पर ध्यान दें। प्रमोशन के लिए रोज गाय को रोटी खिलाएं।
58 आपके भाग्य में धन-संपत्ति आदि सभी सुविधाएं हैं। थोड़ा धैर्य रखें व भगवान में आस्था रखकर लक्ष्मीजी को नारियल चढ़ाएं।
59 जो आप सोच रहे हैं वह काम जरुर पूरा होगा लेकिन इसमें किसी का सहयोग लेना पड़ सकता है। आप शनिदेव की उपासना करें।
60- आप अपने परिजनों से मनमुटाव न रखें तो ही आपको सफलता मिलेगी। रोज हनुमानजी के मंदिर में चौमुखी दीपक लगाएं।
61 यदि आप अपने करियर को लेकर चिंतित हैं तो श्रीगणेश की पूजा करने से आपको लाभ मिलेगा।
62 आप रोज शिवजी के मंदिर में जाकर एक लोटा जल चढ़ाएं और दीपक लगाएं। आपके रुके हुए काम हो जाएंगे।
63 आप जिस कार्य के बारे में जानना चाहते हैं वह शुभ नहीं है उसके बारे में सोचना बंद कर दें। नवग्रह की पूजा करने से आपको सफलता मिलेगी।
64 आप रोज आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। आपकी हर समस्या का निदान स्वत: ही हो जाएगा
*पण्डित चैतन्य श्रीमाली*
9314863990

शनिवार, 23 नवंबर 2024

घुटनों का दर्द, घुटनों के दर्द का कारण :

*घुटनों का दर्द*

घुटनों के दर्द का कारण :
घुटनों में दर्द होना एक सामान्य परेसानी है, जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। कई बार घुटनों में दर्द किसी चोट लगने के कारण भी होने लगता है, जैसे लिगामेंट का टूटना या कार्टिलेज का फटना इनके अलावा घुटनों में दर्द अन्य कई रोगों के कारण भी होता है, जैसे गठिया (Arthritis), गाउट (Gout) और संक्रमण आदि।

घुटने के रोग से पीड़ित रोगी करे इन चीजों से परहेज :
• इस रोग से पीड़त रोगी को कभी भी किसी प्रकार की खटाई, अचार, छाछ, दही, टमाटर तथा पेट में वायु बनाने वाले पदार्थो को नहीं खाना चाहिए।
• इस रोग से पीड़ित रोगी को दालों का सेवन नहीं करना चाहिए।
• घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को मैदे व बेसन से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
• घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को तली-भुनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
• इस रोग से पीड़ित रोगी को ठंडे पदार्थों जैसे- कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम, बर्फ का पानी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

1)लहसुन : 
• इस रोग को ठीक करने के लिए प्रतिदिन 4 से 5 लहसुन की कलियां पानी के साथ निगलने से घुटने का दर्द कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
• अगर आपके घुटनों में दर्द की समस्या रहती है तो इसके लिए नियमित रूप से 1 गिलास दूध में 3-4 लहसून की कलियां डालकर उबाल कर पिए|इसे पीने से दर्द को राहत मिलती है
2)आक : घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए सबसे पहले दर्द वाले स्थान पर तेल लगा लें। फिर इसके बाद आक के पत्तों को गर्म करके उस स्थान पर रखें और इसके ऊपर से रुई रखकर लाल कपड़े की पट्टी बांध लें। इससे कुछ ही दिनों में घुटनों में दर्द का रोग ठीक हो जाता है।
3) सोंठ : घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए 5 ग्राम सोंठ, 50 ग्राम काला नमक तथा 100 ग्राम अजवाइन को एक सूखी कड़ाही में डालकर इसे भूने और फिर इसे गर्म-गर्म ही एक रूमाल में बांध लें। इसके बाद इससें घुटने पर सिंकाई करें। इससे कुछ ही समय में घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
4)निर्गुण्डी : 
• निर्गुण्डी के पत्तों का 10 से 40 मि.ली. रस लेने से अथवा सेंकी हुई मेथी का कपड़छन चूर्ण तीन ग्राम, सुबह-शाम पानी के साथ लेने से वात रोग में लाभ होता है। यह मेथीवाला प्रयोग घुटने के वातरोग में भी लाभदायक है। साथ में वज्रासन करें।
• घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए निर्गुण्डी के ताजे 7-8 पत्तों को कुचलकर मिट्टी के घड़े में डालकर ढक्कन लगाकर गर्म कर लें। इसके कुछ देर बाद मिट्टी के घड़े को आग पर से उतार लें और पत्ते को हल्का ठंडा करके घुटने पर उस जगह लगायें, जिस जगह पर दर्द हो रहा हो। इसके बाद ऊपर से कपड़े की पट्टी बांधें और इस पट्टी को दिन में दो बार बदलें। इस प्रकार से कुछ दिनों तक उपचार करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
5) नीम : घुटने के दर्द को प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के लिए लगभग दो लीटर पानी में थोड़ी-सी नीम की पत्तियां, मेथीदाना, थोड़ी सी अजवाइन और आधा चम्मच नमक डालकर उबाल लें और जब यह गर्म हो जाए तो इसको हल्का सा ठंडा करके इस पानी में कपड़े के दो छोटे टुकड़े डाल दें और फिर इस कपड़े के टुकड़े को निकालकर, इससे घुटने पर सिंकाई करे। इसके फलस्वरूप घुटने का दर्द जल्दी ही ठीक हो जाता है।
• घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए थोड़े से अरण्डी के पत्तों को पीस लें। फिर थोड़ा से कपूर और थोड़े से सरसों के तेल को इसके साथ मिलाकर कर घुटने के ऊपर लेप करें और फिर इसके ऊपर से कपड़े की पट्टी बांध लें। इसके बाद इसके ऊपर से गर्म सिंकाई करें जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
6) मेथीदाना : घुटने के दर्द को ठीक करने के लिए मेथीदाना को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह ताजे जल के साथ एक चम्मच लेने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
7)अखरोट :सुबह के समय में खाली पेट 4 से 5 अखरोट की गिरियां अच्छी तरह से चबाकर खाने से कुछ ही दिनों में घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
8)नारियल : इस रोग को ठीक करने के लिए प्रतिदिन नारियल की गिरी का एक टुकड़ा खाना चाहिए तथा यदि ताजा नारियल न मिले तो सूखे नारियल की गिरी खानी चाहिए।
9)खजूर: रात को सोते समय 100 ग्राम खजूर को एक गिलास पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह के समय जब उठे तो इसे चबाकर खा जाएं। प्रतिदिन कुछ दिनों तक ऐसा करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।

10)आंवला : 20 ग्राम सूखे आंवले का चूर्ण, 10 ग्राम सोंठ, 10 ग्राम अजवाइन, 5 ग्राम काले नमक को एक साथ लेकर पीस लें। इस चूर्ण को रात को सोते समय आधा चम्मच सेवन करें। इससे यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
11)हरड़ : 100 ग्राम छोटी हरड़ को कूट-पीसकर छान लें। रात को सोते समय इसके 5 ग्राम चूर्ण को दूध या गुनगुने पानी के साथ लें। इसका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
12)सूर्य किरण: घुटने के दर्द से पीड़ित रोगी को सूर्य की किरणों में बैठकर घुटने की मालिश करनी चाहिए जिसके फलस्वरूप घुटने का दर्द ठीक हो जाता है।
13) घुटने के दर्द के लिए योग 
★ घुटने का दर्द ठीक करने के लिए सीधे कमर के बाल लेटें, अक्सर घुटनों को मोडते हुए साइकल की तरह चलाएँ|
★ घुटनों को बिना मोड़ें पाँव ऊपर नीचे २० बार करें|
★ घुटनों को मोड़ते हुए वज्रासन करें व नीचे गरम तकिया रखें| यह आसन ५ मिनिट तक करें|
★ पेट के बाल लेटकर पैरों को मोड़ें ओर दोनो हाथों से एडियो को पकड़ें|

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विवाह संस्कार को एक त्योंहार की तरह मनाए न कि इवेंट की तरह

https://youtu.be/VeoiEqdkKAk?si=V8eVfisbgwO5UsOT

आजकल के विवाह की परंपरा एक इवेंट के रूप में सेलिब्रेट करने लगे है 
जबकि विवाह एक परंपरा है एक त्योंहार है जो जीवन में एक बार आता है 
लोग विवाह में अपनी उपस्थिति दिखाने भी जाते है और आशीर्वाद देने भी 
विवाह को इवेंट मैनेजर द्वारा प्लान किया जाने लगा है जबकि विवाह एक संस्कार है ये होटलों में करने की बजाय घर पर किया जाना चाहिए

आप को अपने पूरे परिवार की सभी पीढी के सदस्यों को एकत्र करना हो और आप बुलाएंगे तो सभी आए ये जरूरी नहीं 
पर जब आप उन्हें विवाह के उपलक्ष्य में निमंत्रित करेंगे तो सभी आयेंगे 

जब विवाह में आने वाले सभी वर वधु को एक सा आशीर्वाद देते है तो उनके सीखें या बधाई में अंतर क्यों रखते है 


विवाह की रस्मों को मुहूर्त के अनुसार ही किया जाना चाहिए 
जबकि आजकल  इवेंट मैनेजमेंट की नौटंकियों के चक्कर में सारे मुहूर्त के बिना ही हो रहे है 
विवाह में वर व वधु को आशीर्वाद देने सभी अतिथि उपस्थित होते है इसके बाद वैवाहिक जीवन की शुरुआत उत्सुकता उल्लास और शर्म लिहाज के साथ शुरू होती है 
जबकि pre-wedding की नौटंकी में वर वधु पहले से ही विवाह के पूर्व प्री वेडिंग डेस्टिनेशन पर एक दूसरे के साथ फोटो खिंचवाने के चक्कर में परंपराओं की धज्जियां उड़ा रहे है 


ओर भी बहुत कुछ है विवाह संस्कार में जो साउथ की इस फिल्म श्रीनिवास कल्याणम में दिखाया है 

कृपया समय निकाल कर ये फिल्म भी देखें और 
विवाह संस्कार को एक त्योंहार की तरह मनाए न कि इवेंट की तरह

रविवार, 17 नवंबर 2024

अगस्त्य हरीतकी अवलेह खाँसी, अस्थमा, साइनस और एलर्जी जैसे रोगों की आयुर्वेदिक औषधि

अगस्त्य हरीतकी अवलेह खाँसी, अस्थमा, साइनस और एलर्जी जैसे रोगों की आयुर्वेदिक औषधि■

अगस्त्य हरीतकी एक बेजोड़ क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो फेफड़ों को शक्ति देती है और Upper Respiratory Tract के रोगों को दूर करती है. तो आईये जानते हैं अगस्त्य हरीतकी अवलेह के बारे में पूरी डिटेल .....

अगस्त्य हरीत की अवलेह को हरीतकी अवलेह, अगस्त्य रसायन और अगस्त्य रसायनम जैसे नामों से जाना जाता है. यह आयुर्वेदिक ग्रन्थ शारंगधर संहिता का योग है, यह अवलेह है यानि हलवे की तरह की दवा है ठीक वैसा ही जैसा च्यवनप्राश होता है।

इसका मेन इनग्रीडेंट हरीतकी या हर्रे है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है जैसे....

हरीतकी- 1200 ग्राम 

बिल्व या बेल 

अरणी 

श्योनका 

पटाला 

गंभारी 

बृहती 

कंटकारी 

शालपर्णी 

प्रिश्नपर्णी 

गोक्षुर 

कौंच बीज 

शंखपुष्पी 

कपूर कचरी 

बला 

गजपीपल 

अपामार्ग 

पिपरामूल 

चित्रकमूल 

भारंगी 

पुष्करमूल प्रत्येक 96 ग्राम 

जौ - 3 किलो 73 ग्राम 

पानी - 15.36 लीटर 

गाय का घी - 192 ग्राम 

तिल तेल - 192 ग्राम 

पिप्पली - 192 ग्राम 

शहद - 192 ग्राम 

गुड़ - 4 किलो 800 ग्राम 

इसे आयुर्वेदिक अवलेह पाक निर्माण विधि से अवलेह बनाया जाता है।

▪️▪️अगस्त्य हरीतकी अवलेह के गुण ....

यह कफ़ और वात दोष पर असर करती है, तासीर में थोड़ा गर्म है. यह कफ़-श्वास नाशक(Antitussive, Mucolytic), आम पाचक(Detoxifier), एंटी एलर्जिक, सुजन नाशक(Anti-inflammatory), एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और पाचन शक्ति ठीक करने वाले(Digestive Stimulant) गुणों से भरपूर है।

 ◼️◼️अगस्त्य हरीतकी अवलेह के फ़ायदे ...

फेफड़े और साँस के रोगों के लिए यह बेहद असरदार है। यह एक आयुर्वेदिक रसायन है, शरीर को ताक़त देता है, पाचन ठीक करता है और बल बढ़ाता है. इसके इस्तेमाल से कई तरह के रोग दूर होते हैं जैसे....

सर्दी-खाँसी, अस्थमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, अंदरूनी बुखार, साँस की तकलीफ़ 
पुराना साइनस(Sinusitis), Allergic Rhinitis, तपेदिक या T.B. के बाद की कमज़ोरी 

भूख की कमी, हिचकी, मुंह का स्वाद पता नहीं चलना, IBS, कब्ज़, पाचन शक्ति की कमज़ोरी वगैरह 

गाढ़ा, जमा हुवा कफ़ को निकालता है चाहे खाँसी में हो या ब्रोंकाइटिस में...

◼️◼️अगस्त्य हरीतकी अवलेह की मात्रा और सेवन विधि ....

दस से बीस ग्राम तक गर्म पानी के साथ सुबह शाम लेना भोजन के बाद लेना चाहिए, यह व्यस्क व्यक्ति का डोज़ है. बच्चे, युवा और बुजुर्गों में उनकी उम्र के अनुसार डोज़ देना चाहिए।

ब्रोंकाइटिस में इसके साथ सितोपलादि चूर्ण, प्रवाल पिष्टी और टंकण भस्म के साथ लेने से पुरानी से पुरानी ब्रोंकाइटिस में लाभ होता है।

इसे एक साल के बच्चे से लेकर साठ साल तक के बुज़ुर्ग में यूज़ कर सकते हैं. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, किसी तरह का नुकसान नहीं होता है. वात और कफ़ दोष में असरदार है, पित्त दोष में इसे सावधानी से लेना चाहिए. जिनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ हो वो भी इसे यूज़ कर सकते हैं, इस से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता बल्कि कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

 ▪️▪️अगस्त्य हरीतकी अवलेह का साइड इफ़ेक्ट ...

वैसे तो इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है पर इसे लेने से मोशन थोड़ा लूज़ हो सकता है, हरीतकी मिला होने से. पित्त प्रकृति वालों को सिने में जलन हो सकती है।

▪️▪️परहेज़...

अगस्त्य हरीतकी का इस्तेमाल करते हुवे दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं पर दही, आइसक्रीम, फ़ास्ट फ़ूड और तेल मसाले वाले भोजन नहीं करना चाहिए।

▪️कृपया ध्यान दें, आयुर्वेदिक दवाओं की सटीक खुराक आयु, ताकत, पाचन शक्ति का रोगी, बीमारी और व्यक्तिगत दवाओं के गुणों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

शनिवार, 16 नवंबर 2024

श्राद्ध पर कौआ बनकर खाने नहीं आऊंगा , जो खिलाना है अभी खिला दे।

"अरे भाई, बुढ़ापे का कोई इलाज नहीं होता। नब्बे पार कर चुके हैं, अब बस सेवा कीजिए," डॉक्टर ने नीरज के पिता को देखते हुए कहा।

"डॉक्टर साहब, कुछ तो तरीका होगा। आजकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है," नीरज ने चिंतित स्वर में कहा.....

"नीरज बाबू, मैं अपनी तरफ से दुआ ही कर सकता हूँ। बस आप इन्हें खुश रखिए। इससे बेहतर कोई दवा नहीं है और इन्हें लिक्विड देते रहिए, जो इन्हें पसंद हो।" डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए अपना बैग समेटा और बाहर निकल गए.....

नीरज अपने पिता की हालत से बहुत चिंतित था। उसे यह सोचकर ही बेचैनी होती थी कि पिता के बिना जीवन कैसा होगा। माँ के गुजरने के बाद अब सिर्फ पिता का आशीर्वाद ही था जो उसे जीने की ताकत देता था। उसे अपने बचपन और जवानी के दिन याद आने लगे, जब पिता हर दिन कुछ न कुछ लेकर घर आते थे। बाहर हल्की बारिश हो रही थी, मानो आसमान भी दुखी हो।

नीरज ने खुद को संभाला और पत्नी राधिका से कहा, "राधिका, आज सबके लिए मूंग दाल के पकौड़े और हरी चटनी बनाओ। मैं बाजार से जलेबी लेकर आता हूँ।"

राधिका ने दाल पहले ही भिगो रखी थी इसलिए वह भी तुरंत काम में लग गई। कुछ ही देर में रसोई से पकौड़ों की खुशबू आने लगी। नीरज भी जलेबियाँ लेकर घर लौट आया था। उसने जलेबी रसोई में रखी और पिता के पास बैठ गया। उनका हाथ अपने हाथ में लेकर नीरज बोला, "पापा, आज आपकी पसंद की चीजें लेकर आया हूँ। थोड़ी सी जलेबी खाएँगे ?"

पिता ने धीरे से आँखें झपकाईं और हल्की मुस्कान दी। वह धीमी आवाज़ में बोले "पकौड़े बन रहे हैं क्या ?"

"हाँ, पापा। आपकी पसंद की हर चीज अब मेरी भी पसंद है। राधिका जरा पकौड़े और जलेबी तो ले आओ" नीरज ने आवाज़ लगाई।

राधिका प्लेट में पकौड़े और जलेबियाँ लेकर आई। नीरज ने एक पकौड़ा उठाकर पिता को दिया। "लीजिए पापा, एक और लीजिए," उसने कहा।

"बस...अब पेट भर गया। थोड़ी सी जलेबी दे दो," पिता बोले।

नीरज ने जलेबी का एक छोटा टुकड़ा उठाकर उनके मुँह में डाल दिया। पिता उसे प्यार से देख रहे थे।

"नीरज, सदा खुश रहो बेटा। मेरा दाना-पानी अब पूरा हो गया," पिता बोले।

"पापा, आपको तो सेंचुरी पूरी करनी है। आप मेरे तेंदुलकर हो," नीरज की आँखों में आँसू आ गए।

पिता मुस्कुराए और बोले, "तेरी माँ पेवेलियन में इंतज़ार कर रही है। अगला मैच खेलना है। मैं तुम्हारे बेटे के रूप में लौटूंगा तब खूब खाऊंगा, बेटा।"

पिता उसे देखे जा रहे थे। नीरज ने प्लेट एक तरफ रख दी, लेकिन पिता की आँखें लगातार उसकी ओर टिकी रहीं। अब उनकी आँखें भी नहीं झपक रही थीं। नीरज समझ गया कि पिता की जीवन यात्रा पूरी हो चुकी थी।

तभी उसे याद आया कि पिता अक्सर कहते थे, "श्राद्ध पर कौआ बनकर खाने नहीं आऊंगा , जो खिलाना है अभी खिला दे।"

माँ-बाप का सम्मान करें और उन्हें जीते जी खुश रखें......🙏🙏

शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दिलाई सूर्यनगरी को एलिवेटेड रोड की सौगात


*938 करोड़ से बनेगी जोधपुर एलिवेटेड रोड, 7.6 किमी लंबी फोर लेन होगी, टेंडर जारी*
*केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दिलाई सूर्यनगरी को एलिवेटेड रोड की सौगात* 

 *जोधपुर, 15 नवंबर।* केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से जोधपुर एलिवेटेड रोड के बहुप्रतीक्षित ड्रीम प्रोजेट का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जोधपुर की हार्टलाइन महामंदिर चौराहा से आखलिया चौराहे तक बनने वाली एलिवेटेड रोड फोर लेन की होंगी। करीब 7.6 किलोमीटर लंबी रोड पर 938 करोड़ से अधिक खर्च आएगा। एनएचआई ने टेंडर जारी कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने जोधपुर के इस ड्रीम प्रोजेट का स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद जल्द ही इसका शिलान्यास कर निर्माण कार्य आरम्भ करवा दिया जाएगा। इससे जोधपुर के विकास को पंख लगेंगे और हार्टलाइन पर यातायात का दबाव कम होगा। 
भाजपा सम्भाग मीडिया प्रमुख अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि जोधपुर में एलिवेटेड रोड का प्लान बरसों से चल रहा था, लेकिन यह मूर्तरूप लेने का नाम नहीं ले रहा था। केंद्रीय मंत्री शेखावत के अनवरत अथक प्रयास के बाद जोधपुर को इसकी सौगात मिली है। शेखावत ने इसको लेकर अनेक बार केंद्रीय मंत्री गडकरी से मिलकर चर्चा की। इसे लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ बैठक की। करीब एक साल पहले नवंबर 2023 में जब नितिन गडकरी एक निजी कार्यक्रम में जोधपुर आए थे, तब शेखावत के साथ उन्होंने प्रस्तावित एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को लेकर रूट देखा था। गडकरी ने जूना खेड़ापति मंदिर, आखलिया चौराहा, बॉम्बे मोटर, पांचवीं रोड, शनिश्चर जी का थान, जालोरी गेट, पुरी तिराहा तक गाड़ी में बैठकर मार्ग का अवलोकन किया था।  

राजस्थान विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भरोसा दिलाया था कि जोधपुर का यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट विकास की गति को बढ़ाने वाला है। इससे जोधपुरवासियों को यातायात के दबाव से मुक्ति मिलेगी। लोकसभा चुनाव प्रचार के समय केंद्रीय मंत्री शेखावत ने वादा किया था कि चुनाव के तीन चार माह बाद इसका काम आरम्भ करवा दिया जाएगा। इस वादे को पूरा करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयासों से ही इसका टेंडर जारी हो सका है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआई) ने इसके लिए 938.59 करोड़ का टेंडर जारी किया है। जोधपुर एलिवेटेड रोड 7.6 किलोमीटर लंबी फोर लेन होंगी। 

 *यह होगा रूट* 
- महामंदिर चौराहा से शुरू होकर आखलिया तिराहे तक बनेगी। 
- पावटा सर्किल से राइकाबाग बस स्टैंड की तरफ टू-लेन उतरेगी।
- कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के पास से एलिवेटेड रोड को जोड़ेगी।
- पुरी तिराहे से रेलवे स्टेशन की तरफ टू-लेन उतरेगी।
- पांचवीं रोड से 12वीं रोड की तरफ टू-लेन उतरेगी।
- आखलिया चौराहे तक बनेगी।

मंगलवार, 12 नवंबर 2024

आज कल चिकन गुनिया फैल रहा है, चिकन गुनिया ठीक होने के बाद अपना दर्द शरीर की हड्डियों में छोड़ जाता है....

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आज कल चिकन गुनिया फैल रहा है, चिकन गुनिया ठीक होने के बाद अपना दर्द शरीर की हड्डियों में छोड़ जाता है....

इसके लिए हम आपके साथ एक आयुर्वेदिक तेल शेयर कर रहे है .. घर पर बनाइए और इसका लाभ उठाए....

▪️▪️चिकनगुनिया के दर्द से राहत दिलाने वाला तेल.....


▪️▪️सामग्री ....

◼️50  - ग्राम सरसों का तेल 

◼️50  - ग्राम सफेद तिल का तेल 

◼️15  - लौंग 

◼️1  - टुकडा दालचीनी 

◼️2  - टेबल स्पून अजवायन 

◼️1  - टेबल स्पून मेथी दाना 

◼️1  - छोटा टुकडा अदरक पिसा हुआ 

◼️1 -  टी स्पून हल्दी 

◼️2  - बडे पीस कपूर 

◼️1 टेबल स्पून एलोवेरा जैल 

◼️◼️विधि .....

कढाई मे दोनो तेल डाल कर तेज गैस पर गर्म करो ।

फिर गैस को धीमी करके हल्दी और कपूर को छोड कर  सारी चीजो को डाल दो , जब तक सारी चीजे जल न जाए और उन का सत तेल मे ना आ जाऐ , करीब 20-25 मिनट लगेंगे इन्हें जलने मे....

 जब ये भून जाएगें तब तेल का रंग गहरा हो जाएगा फिर गैस बंद कर दे और उसमे हल्दी ,कपूर मिला दे जब तक कपूर घुल ना जाए तब तक तेल को ठंडा होने दे.....

 फिर तेल को छान कर एक शीशी मे भर कर रखो , कैसा भी बुरा  दर्द हो  इसकी  मालिश से गायब हो जाएगा ।

कृपया कोई भी पेन किलर ना खाऐ तबियत खराब हो जाएगी चिकन गुनिया में  ये तेल बहुत असरदार है बनाकर मालिश करके देखे जिन्हें तकलीफ हो 
चिकनगुनिया में पैरों में और जाइंट पेन ज्यादा होता है यह तेल 100% फायदेमंद है लगाते ही आराम आना शुरू हो जाएगा पहले दिन से . दिन मे 3 बार मालिश करें |
www.sanwariyaa.blogspot.com

रविवार, 10 नवंबर 2024

बिना धर्मशास्त्र पढ़े शुद्ध पञ्चाङ्ग बनाने की विधि

बिना धर्मशास्त्र पढ़े शुद्ध पञ्चाङ्ग बनाने की विधि

सृष्टि के आरम्भ का स्क्रीनशॉट संलग्न है ।
इसमें दिन=२२, मास=१२ और ईस्वी = −1955929993 है । ईस्वी पर ध्यान न दें,अहर्गण = −714402296627 अर्थात् वर्तमान कलियुग−आरम्भ से 714402296627 दिन पहले वर्तमान सृष्टि का आरम्भ था,रविवार के दिन ।

संलग्न स्क्रीनशाटॅ में उससे दो दिन पहले से आरम्भ है जिस कारण अहर्गण दो दिन पहले ⋅⋅⋅२७ के बदले ⋅⋅⋅२९ है क्योंकि अहर्गण ऋणात्मक है ।

सामान्य सनातनी वर्ष में ३६० तिथियाँ एवं मलमास (अधिमास) वाले सनातनी वर्ष में ३९० तिथियाँ होती हैं ।

जिस वर्ष में क्षयमास होता है उसमें दो अधिमास होते हैं जिस कारण उस वर्ष में भी ३९० तिथियाँ होती हैं ।

हर सनातनी वर्ष का आरम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही होता है जिसकी १५वीं तिथि को पूर्णमासी होता है जब चन्द्रमा चित्रा में अथवा बगल में होते हैं और अगले दिन वैशाख का आरम्भ होता है । इस नियम का अनुसरण करते हुए “कुण्डली−सॉफ्टवेयर” के पञ्चाङ्ग बटन द्वारा एवं पृथक “अधिमास” सॉफ्टवेयर की उसमें सहायता लेते हुए समूची सृष्टि का विस्तृत पञ्चाङ्ग बनाया जा सकता है ।

आजकल पण्डितों की परिपाटी है कि जिस वर्ष में क्षयमास होता है उसमें दो अधिमास होने के कारण क्षयमास और एक अधिमास का लोप मानकर केवल एक अधिमास को पञ्चाङ्ग में दिखाया जाता है किन्तु यह शास्त्रविरुद्ध है क्योंकि ऐसा करने पर क्षयमास और उस तथाकथित लुप्त मलमास में सामान्य धार्मिक मास वाले धर्मकर्म करने पड़ेंगे जो अनुचित है । ऐसा योग बहुत दिनों पर आता है,लाहिड़ी जी की पुस्तक Advance Ephemeris के पृष्ठ ९२ में १९१३−२०२६ ईस्वी के ११४ वर्षों के मलमासों की सूची है जिसमें उनके दृग्ग्णितीय सारिणी की मलमास−सूची है किन्तु नीचे पादटिप्पणी में उसी सारिणी को सूर्यसिद्धान्तीय बनाने के सुझाव हैं । यह सारिणी बंगाल की है,अतः दूरस्थ स्थलों के लिए गलत हो जायगी । बंगाल के लिए भी उनकी सारिणी की जाँच “अधिमास” सॉफ्टवेयर द्वारा कर लें ।

एक सौरवर्ष (सूर्यसिद्धान्तीय वर्ष) में 365.25875648148148148148148148148 सावनदिन होते हैं जिसका प्रमाण यह है कि सूर्यसिद्धान्त के अनुसार एक महायुग में 1577917828 सावनदिन होते हैं,और सूर्यसिद्धान्त एवं पुराणों के अनुसार एक महायुग में ४३२०००० सौरवर्ष होते हैं । सूर्योदय से अगले सूर्योदय को सूर्य−सावनदिन कहते हैं,बुध के पूर्वी क्षितिज पर दैनिक उदय से अगले उदय तक को बुधसावनदिन कहते हैं,आदि⋅⋅⋅ । केवल “सावनदिन” का अर्थ सूर्य−सावनदिन होता है । सूर्य के एक अंश भ्रमण को सौरदिन कहते हैं,संक्रान्ति से ३० सौरदिनों तक अर्थात् अगली संक्रान्ति तक के काल को सौरमास कहते हैं । संक्रान्ति के धार्मिक कर्म सौरदिन के अनुसार होते हैं,वरना समूचे वर्ष के समस्त धार्मिक कर्म सूर्योदयकालीन तिथि के अनुसार होते हैं । जन्माष्टमी,दीपावली जैसे कुछ विशिष्ट पर्वों के विशिष्ट नियम होते हैं किन्तु निम्न विधि ध्यान से पढ़ेंगे तो उनका निर्णय भी सही तरीके से कर सकेंगे ।

संलग्न स्क्रीनशॉट में सृष्टि के प्रथम सावनदिन का विस्तृत पञ्चाङ्ग भी है जिसका आरम्भ है ग्रहस्पष्ट से और नीचे “पर्वादि” के आगे “तिथ्यन्त = निशीथोत्तर” लिखा है । किसी भी सावनदिन के चार खण्ड होते हैं,(१) सूर्योदय से स्पष्ट मध्याह्न तक,(२) स्पष्ट मध्याह्न से सूर्यास्त तक,(३) सूर्यास्त से स्पष्ट मध्यरात्रि अथवा निशीथ तक,(४) और वहाँ से सूर्योदय तक । वाञ्छित सावनदिन के किस खण्ड में सूर्योदयकालीन तिथि का अन्त है वह सॉफ्टवेयर से देख लें,जैसा कि सृष्टि के प्रथम सावनदिन की सूर्योदयकालीन तिथि का अन्त “निशीथोत्तर” है । तब अपने स्थान के सर्वाधिक प्रचलित पारम्परिक पञ्चाङ्ग की ११४ वर्षों अथवा १९ के गुणक वर्षों के सारे पिछले पञ्चाङ्ग इकट्ठे करके उसमें देखें कि वाञ्छित मास के उसी पक्ष की उसी तिथि का अन्त उसी खण्ड,जैसे कि निशीथोत्तर,में किन−किन वर्षों में है,और तब उनमें जो जो सूर्योदयकालीन तिथि पर आधारित धार्मिक व्रत−पर्व आदि हैं उसकी नकल उतार लें । धर्मशास्त्र पढ़कर व्रत−पर्व बनाने पर कभी कभार गलती भी हो सकती है किन्तु बिना धर्मशास्त्र पढ़े उक्त विधि द्वारा आप अपने क्षेत्र का सर्वमान्य शास्त्रीय पञ्चाङ्ग बना सकते हैं — पूरी सृष्टि और पूरे संसार के किसी भी स्थान का । इस विधि की सटीकता का कारण यह है कि सर्वाधिक प्रचलित पारम्परिक स्थानीय पञ्चाङ्ग,जैसे कि काशी के लिए हृषीकेश पञ्चाङ्ग, में स्थानीय पण्डित समुदाय के सामूहिक निर्णय के अनुसार व्रतपर्व होते हैं । दृग्गणित और सूटबूट वाले पण्डितों के पञ्चाङ्ग का उपयोग इस कार्य में न करें,वे पक्के नास्तिक होते हैं किन्तु सच्चे आस्तिकों से कई गुणे तेज “जय श्री राम” के उद्घोष लगाते हैं । हाल के कुछ दशकों के पञ्चाङ्ग अल्प विश्वसनीय हैं क्योंकि उनपर आधुनिकतावादियों का वर्चस्व है,पुराने पण्डितों की धर्म में अधिक आस्था रहती थी,अतः पुराने पञ्चाङ्गों का सङ्कलन करके उपरोक्त तिथिखण्ड−सारिणी बना लेंगे तो स्वयं पञ्चाङ्गकार बन जायेंगे । 

प्रथम Row में सभी वर्षों की संख्या भरें,शेष Rows में १ से १५ तक तिथियाँ भरें,कभी कभी तिथिवृद्धि होने से एक संख्या बढ़ जाती है जिस कारण कुल १६ तिथियों सहित वर्ष को मिलाकर कुल १७ Rows हैं । पत्र का शीर्षक “मास पक्ष” रखें, जैसे कि “चैत्र शुक्लपक्ष” ।

इससे भी अधिक पाण्डित्य चाहिए तो चौखम्बा की पुस्तक “वर्षकृत्य” पढ़ें,दुर्भाग्यवश वह केवल संस्कृत में है,उसमें वर्ष के सभी धार्मिक कर्मों का विस्तार से वर्णन है किन्तु पूजन में उसकी आवश्यकता पड़ेगी,पञ्चाङ्ग बनाने में नहीं ।

स्वयं पञ्चाङ्गकार बनना सीख ही लें,क्योंकि अब अच्छे स्थानीय पञ्चाङ्ग भी व्यवसायवादियों के आधिपत्य में जा रहे हैं जिनकी रुचि केवल धन में है,धर्म में नहीं;और संस्कृत विषविद्यालयों में भी प्रोफेसर्पों का वर्चस्व होता जा रहा है ।यद्यपि गणित में दक्ष न होने के कारण अधिकांश संस्कृत प्रोफेसर मुझे गरियाते हुए मिलेंगे किन्तु अभीतक उनमें से भारी बहुमत की आस्था धर्मशास्त्र में है और उनमें ऐसे बहुत से विद्वान हैं जो धर्मशास्त्र का अच्छा ज्ञान भी रखते हैं किन्तु दुर्भाग्य है कि मेरा विरोध करते हैं जिस कारण मेरे सॉफ्टवेयर का लाभ नहीं उठा पाते । इसका कारण है भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत के फलस्वरूप कई भ्रष्ट प्रोफेसर्पों का वर्चस्व फण्ड में घोटाला करने के उद्देश्य से स्थापित है । राजधन का प्रवेश होगा तो धर्म का क्षय होगा ही,क्योंकि राजधन में निरीह जनता के आँसू और कभी−कभार रक्त भी मिश्रित रहता है । सच्चे ब्राह्मण राजधन से दूर रहते थे,अग्रहार आदि दान लेने की परिपाटी कुषाण काल से आरम्भ हुई जिसे गुप्त राजाओं ने बढ़ाया,और धनलोलुपों का बाहुल्य होने के ही कारण समाज धर्मच्युत हुआ तो दासता झेलनी पड़ी ।

धर्म की स्थापना का नारा बहुत लोग लगाते हैं,किन्तु सही पञ्चाङ्ग के बिना धर्म की स्थापना असम्भव है । अतः स्वयं पञ्चाङ्गकार बनना सीख ही लें । इसकी पद्धति निम्न है ।

एक पन्ने पर आड़ी तिरछी रेखाओं की ऐसी सारिणी बनायें जिसमें १७ क्षैतिज Rows एवं यथासम्भव उर्ध्व Columns हों । वेदाङ्ग ज्योतिष की परम्परा के अनुसार Columns के गुणक में होनी चाहिए,न्यूनतम ५७ और अधिकतम ११४ अथवा अधिक वर्षों के पुराने पञ्चाङ्ग उपलब्ध रहेंगे तो उतने ही Columns बनेंगे,एक पन्ने में न बनें तो अधिक पन्ने उसी में गोन्द द्वारा चिपका दे । वर्ष के हर पक्ष के लिए ऐसा एक पत्र चाहिए । उसकी हर तिथि के आगे ५७−११४ वर्षों की उसी मास पक्ष तिथि के तिथिखण्डों की संख्या १ से ४ तक भर दें,जैसे कि चौथे खण्ड निशीथोत्तर की संख्या ४ है । ऐसी सारिणी बन जायगी तो सृष्टि के आरम्भ से अन्त तक किसी भी वर्ष का शुद्ध पञ्चाङ्ग उस स्थान के लिए आप आसानी से बना सकेंगे जहाँ के पारम्परिक पञ्चाङ्ग की सहायता से आपने उक्त सारिणी बनायी थी । मैंने मिथिला के डेढ़ सौ वर्षों के पञ्चाङ्गों द्वारा सारिणी बनायी थी किन्तु मेरे तथाकथित शिष्य ने मेरे समूचे पुस्तकालय को नष्ट कर डाला । उससे अच्छा चुरा ही लेता,उसके घर में तो रहता!उस सारिणी के फोटोस्टैट के कुछ पन्ने कहीं बचे हैं,मिल गये तो स्क्रीनशॉट पोस्ट कर दूँगा ।

बहुत पुराने मिथिला पञ्चाङ्गों का एक बण्डल भी बचा है,किन्तु अब उनता श्रम करना दूभर है । हृषीकेश पञ्चाङ्ग का प्रभावक्षेत्र अधिक है,अतः इसके सारे पुराने पञ्चाङ्गों का सङ्कलन करें और सारिणी बनायें । आपस में सहयोग की भावना से कुछ लोग जुट जायें तो सम्भव है । तब यदि उसे “कुण्डली सॉफ्टवेयर” में जोड़ दिया जाय तो ४३० करोड़ वर्षों का पूरे संसार का विस्तृत पञ्चाङ्ग तैयार हो जायगा जिसकी सत्यता का खण्डन कोई पण्डित नहीं कर सकेगा ।

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विश्व इतिहास में पहली बार पञ्चाङृग बनाने की सही और सुगम पद्धति सार्वजनिक की जा रही है जिसके नीचे कई टिप्पणियों को देखकर लगता हे कि जिनलोगों की इस विषय में रुचि नहीं है वे चुप भी नही रह सकते,अनजाने में विषयान्तर करके लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं ।

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शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

मनुष्य योनि में किए गये कर्मों का ही भुगतना।

 

मादा बिच्छू की मृत्यु बहुत बहुत बहुत ही दु:खदायी रूप में होती है!! नीचे दिया गया चित्र एक मादा बिच्छु का है , इसकी अस्थिमज्जा पर मौजूद ये इसके बच्चे हैं, ये सभी बच्चे जन्म लेते ही अपनी मां की पीठ पर बैठ जाते हैं और अपनी भूख मिटाने हेतु तुरंत ही अपनी माँ के शरीर को ही खाना प्रारम्भ कर देते हैं, और तब तक खाते हैं जब तक कि उसकी केवल अस्थियां ही शेष ना रह जाए। वो तड़पती है , कराहती है , लेकिन ये पीछा नहीं छोड़ते , और ये उसे पलभर में नहीं मार देते बल्कि कई दिनों तक यह मौत से बदतर असहनीय पीड़ा को झेलती हुई दम तोड़ती है। मादा बिच्छु की मौत होने पश्चात् ही ये सभी उसकी पीठ से नीचे उतरते हैं !

लख चौरासी के कुचक्र में ऐसी असंख्य योनियां हैं , जिनकी स्थितियां अज्ञात हैं , कदाचित् इसीलिए भवसागर को अगम और अपार कहा गया है।*

ऋषिमत के मुताबिक यह भी मनुष्य योनि में किए गये कर्मों का ही भुगतान है। अर्थात् इन्सान इस मनुष्य जीवन में जो कर्म करेगा , नाना प्रकार की असंख्य योनियों में इन कर्मों के आधार से ही उसे दुःख सुख मिलते रहेंगे।

यह तय है !!!*

चलती चक्की देखकर दिया कबीरा रोय

दोय पाटन के बीच में, साबुत बचा ना

मेरा हिसाब कर दीजिये।

 

एक महिला भागी भागी डाक्टर के क्लिनिक पर गईं, वी थोड़ी घबराई और सहमी हुई थी।

डाक्टर साहब की नज़र उस खूबसूरत महिला पर पड़ी तो उसे नंबर से पहले बुलवा लिया।

"जी, क्या प्राब्लम है आपकी?" डाक्टर ने पूछा। (डॉक्टर थोड़े दिलफेंक किस्म के थे)

महिला: "जी मुझे कोई प्राब्लम नहीं है.. प्राब्लम मेरे हसबैंड की है मुझे लगता है कि वो मानसिक रोगी होते जा रहे हैं।"

डाक्टर: "अच्छा, क्या करते हैं? आप पर हाथ उठाते हैं या आपके साथ मिसबिहेव करते हैं?"

महिला: "नहीं नहीं, धमकियां देते हैं और ये भी कहते हैं कि "मेरा हिसाब कर दो".. *"मेरा हिसाब कर दो।"*

डाक्टर: "आप परेशान न हों, कहां हैं आपके हसबैंड साथ नहीं लाए आप उनको?"

महिला: "डाक्टर साहब, मैं उनको साथ नहीं ला सकती थी, वो घर पर हैं"।

डाक्टर: "जी, मैं समझ सकता हूँ।"

डाक्टर साहब हर खूबसूरत औरत के साथ गहरा रिश्ता बना लेते थे।

महिला: अगर आप अपनी गाड़ी और ड्राइवर मेरे साथ भिजवा दें तो मैं अपने हसबैंड को आसानी से ले आऊंगी।"

डाक्टर ने अपने ड्राइवर को आदेश दिया कि मैडम के साथ जाओ.. अब महिला क्लिनिक से निकलकर गाड़ी में बैठ गईं और ड्राइवर से कहा कि फलां ज्वैलरी शाॅप ले चलो।

ज्वैलरी शाॅप आते ही महिला काफी नाज़ो अंदाज से उतरीं और शाॅप में चली गईं.. एक बहुत ही महंगा सा सेट पसंद किया पैक करवाया और जब पेमेंट की बारी आई तो...

महिला बोलींः "मैं फलां डाक्टर की वाइफ हूँ अभी मुझे ये सेट लेना बहुत जरूरी था इसलिये जल्दी में आ गई मेरे पास पूरे पैसे भी नहीं हैं और न ही कार्ड है.. आप मेरे साथ अपने शाॅप के किसी आदमी को भेज दीजिये और डाक्टर साहब पेमेंट दे देंगे।"

ज्वैलरी शाॅप के मालिक ने सोचा कि बड़ा अमाउंट है मुझे ही जाना चाहिए इस बहाने घूम भी लूंगा और वो जाकर गाड़ी में बैठ गये..पर महिला गाड़ी में नहीं बैठीं और ड्राइवर से कहा कि इनको डाक्टर साहब के पास ले जाओ..

ड्राइवर ज्वेलरी शाॅप के मालिक को लेकर क्लिनिक पहुंचा और डाक्टर से बोला कि "मैडम नहीं आईं मगर उन्होंने इन साहब को भेजा है।"

डाक्टर साहब ने धीरज रखते हुए ड्राइवर के साथ आए सज्जन को देखा और इंतज़ार करने को कहा .. जब उनकी बारी आई तो डाक्टर साहब बड़े नरम लहजे में बोलेः "हां तो बताइये जनाब, कैसे हैं आप?

ज्वेलरी शाॅप के मालिक ने जवाब दियाः "जी डाक्टर साहब, मैं ठीक हूँ।"

डाक्टर साहबः "तो क्या परेशानी और तकलीफ है आपको?"

ज्वेलरी शाॅप का मालिक: *"डाक्टर साहब"*

*"मेरा हिसाब कर दीजिये।"*...😎😜..

मंगलवार, 5 नवंबर 2024

साइबर क्राइम #cybercrime पर एक सलाह (लंबा संदेश है, लेकिन बहुत उपयोगी है)।


साइबर क्राइम पर एक सलाह (लंबा संदेश है, लेकिन बहुत उपयोगी है)।

  1. अगर आपको कोई कॉल करके कहे कि TRAI आपकी फोन सेवा बंद कर रही है, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  2. अगर FedEx से कॉल आए और पैकेज के बारे में पूछताछ के लिए कोई बटन दबाने को कहा जाए, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  3. अगर कोई पुलिस अधिकारी आपको कॉल करके आपके आधार कार्ड के बारे में बात करे, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  4. अगर आपको 'डिजिटल अरेस्ट' के तहत होने का दावा किया जाए, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।




  5. अगर कहा जाए कि आपके नाम से भेजे गए पैकेज में ड्रग्स पाए गए हैं, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  6. अगर आपसे कहा जाए कि आप किसी को इस बारे में न बताएं, तो उनकी बात न मानें। साइबर क्राइम पुलिस को 1930 पर सूचित करें।

  7. अगर वे आपसे WhatsApp या SMS से संपर्क करें, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  8. अगर कोई कॉल करके कहे कि गलती से आपके UPI आईडी पर पैसे भेज दिए हैं और उसे वापस चाहते हैं, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  9. अगर कोई कॉल करके कहे कि वह सेना या CRPF से है और आपकी कार, वॉशिंग मशीन या सोफा खरीदना चाहता है और अपनी आईडी दिखाता है, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  10. अगर कोई Swiggy या Zomato से कॉल करके पता सत्यापित करने के लिए बटन दबाने को कहे, तो प्रतिक्रिया न दें। यह एक ठगी है।

  11. अगर वे ऑर्डर या राइड रद्द करने के लिए OTP साझा करने को कहें, तो प्रतिक्रिया न दें। किसी भी स्थिति में, OTP किसी से भी साझा न करें।

  12. वीडियो कॉल पर कभी भी जवाब न दें।

  13. अगर आपको संदेह हो, तो फोन बंद करें और उस नंबर को ब्लॉक कर दें।

  14. किसी भी नीले रंग के लिंक पर क्लिक न करें।

  15. अगर आपको पुलिस, CBI, ED, या आयकर विभाग से नोटिस मिले, तो ऑफलाइन सत्यापित करें।

  16. हमेशा यह जांचें कि ऐसे पत्र अधिकृत सरकारी पोर्टल्स से आए हैं या नहीं।

डिजिटल सुरक्षा के लिए, किसी को भी फोन या संदेश पर अपना पता, स्थान, फोन नंबर, आधार, पैन, जन्म तिथि, या कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। यहां तक कि कॉल पर अपना नाम भी साझा करने से बचें। उन्हें बताएं कि चूंकि उन्होंने आपको कॉल किया है, इसलिए उन्हें आपका नाम, नंबर और जो भी जानकारी वे 'सत्यापित' करना चाहते हैं, पहले से पता होना चाहिए। भले ही उनके पास आपकी जानकारी हो, पुष्टि करने या किसी वार्तालाप में फंसने से बचें। बस कॉल काटें और नंबर को ब्लॉक कर दें।

इन सभी मामलों में और इसी प्रकार के अन्य मामलों में, खुद को सुरक्षित रखने का सबसे आसान तरीका है - कॉल काटें, नंबर नोट करें और ब्लॉक करें। कॉल के दौरान किसी भी बटन को न दबाएं, उनकी बात न सुनें। केवल कॉल काटें, नंबर ब्लॉक करें। याद रखें, अगर वे आप पर दबाव बना रहे हैं, डराने की कोशिश कर रहे हैं, या तुरंत प्रतिक्रिया देने को मजबूर कर रहे हैं, तो यह एक ठगी है।

साइबर ठग नए-नए तरीके से आपको फंसाने और ठगने की कोशिश कर रहे हैं। एक व्यावहारिक उपाय है कि किसी भी बैंक से जुड़े लेनदेन के लिए स्मार्टफोन का उपयोग न करें; इसके बजाय पुराने कीपैड फोन का उपयोग करें।

उपरोक्त सभी के बावजूद, अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो अपनी प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना बिना किसी झिझक के स्थानीय साइबर पुलिस में रिपोर्ट करें, क्योंकि यही वह चीज़ है जिसे ठग आपके खिलाफ इस्तेमाल करते हैं।
















 साइबर क्राइम रोकथाम के लिए गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा फैसला। हर महीने आई4सी टीम करेगी राज्यों का दौरा। साइबर ठगों पर सबसे बड़ा वार हेल्पलाइन 1930 के ज़रिए हुआ संभव। 2 साल में धोखाधड़ी के 306 करोड़ रुपए लोगों को मिली वापस। गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर अब इससे जुड़ेंगे देशभर के थाने। सायबर हेल्पलाइन कैसे काम करती है, देखिए।


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