यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो

अफसर को परमेश्वर मानो



इस कलियुग की सकल नीति का सार सिर्फ इतना ही जानो
अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो
 
१. स्वाभिमान को गोली मारो लाज शर्म चूल्हे में डालो,
उनके एक इशारे पर ही नाच कूद की आदत डालो
बन्दर की सी खीस निपोरो कुत्ते की सी दूम हिलाओ,
गिरगिट का सा रंग बदल कर रोज गधे सा बोझ उठाओअ
फिर चाहो तो निज ड्यूटी पर खूब चैन से लम्बी तानो,
अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो  इस कलियुग की सकल .............................


2. अफसर मुंह से कभी न कहता सिर्फ इशारे से समझाता,
अफसर गलती कभी न करता दोष दूसरों के दिखलाता
इसीलिए मौके बेमोके उनके कोशल के गुण गो
"यस सर" का अभ्यास बधालो व्यस्त रहो तिनका न हिलाओ
यही तथ्य हृदयगम करलो आँख मूँद कर कहना मानो
 
अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो  इस कलियुग की सकल .............................

3. अफसर को खुश रखो प्यारे अपना काम बनाते जाओ]
इधर उधर की बात भिडाकर विमुख दुसरो से करवाओ
अगर खुशामद ईश्वर को भी खुश करने की ताकत रखती
तो अफसर का दिल पिगलाकर मोम बनाकर तुरत बताती
अतः खुशामद से मत चुको रोज रोज बेवर की तानो
अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो  इस कलियुग की सकल .............................

4. उनके कच्चो बच्चो को नित घर पर जाकर मुफ्त पढाओ
और परीक्षा में फिर उनको सबसे ज्यादा अंक लुटाओ
काकीजी मामीजी कहकर चूल्हे में जड़ अपनी रक्खो
अटके काम बनाकर अपने खूब खुशामद के फल चक्खो
अफसर की बीवी का दर्ज़ा अफसर से बढ़कर ही मानो
अगर नोकरी करनी है तो अफसर को परमेश्वर मानो  इस कलियुग की सकल .............................


3 टिप्‍पणियां:

  1. सांवरिया जी बहुत अच्छा लिखा है इस चापलूसी भरे जमाने में भारतीय अफ़सर की यही कहानी है और यह मजाक बिलकुल भी नही है,हकीकत की गाथा है.

    जवाब देंहटाएं
  2. जय श्री कृष्णा
    प्रणाम गुरूजी
    आपने मेरे ब्लॉग पर आकर इसे धन्य कर दिया
    अगर मुझ नाचीज़ के लिए समय मिले तो सभी पोस्ट पर एक नज़र डालकर उस पर अपने सुझाव से अनुग्रहित करावे.
    धन्यवाद,
    सांवरिया
    कैलाश चन्द्र लढा,
    www.sanwariya.webs.com

    जवाब देंहटाएं
  3. Great This is 100% true.

    vah maza aa gaya very good

    जवाब देंहटाएं

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya