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रविवार, 20 नवंबर 2011

पैसा, इज्जत, शौहरत, सब मिलेगा इस मंत्र से


धन के अभाव में जीवन बेकार ही लगता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो धन प्राप्ति के लिए अथक प्रयास करते हैं लेकिन फिर भी लक्ष्मी उनके पास ठहरती नहीं है। ऐसे लोग सदैव धन के अभाव के कारण परेशानी में ही जीवन व्यतीत करते हैं। श्रीसूक्त में वर्णित श्लोक का यदि विधि-विधान से पाठ किया तो देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और धन की कामना भी पूरी होती है। साथ ही इज्जत व शौहरत भी मिलती है। यह मंत्र तथा इसके जप के विधि इस प्रकार है-



मंत्र

कांसोस्मितां हिरण्यप्रकारामाद्र्रां ज्वलंतीं तृप्तां तपर्यन्तीम्।

पद्मेस्थितां पद्मवर्णों तामिहोप ह्ये श्रियम।।



जप विधि

- रोज सुबह स्नान आदि के बाद माता लक्ष्मी की तस्वीर को सामने रखें।

- मां लक्ष्मी को कमल पुष्प अर्पित करें।

- गाय के घी का दीपक लगाएं और मंत्र का जप पूर्ण श्रृद्धा व विश्वास के साथ करें।

- प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।

- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।

- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र शीघ्र ही प्रभावशाली हो जाता है।


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