जिसके पास धन नहीं है वह धन की इच्छा रखता है और जिसके पास धन है वह चाहता है कि उसका धन लगातार बढ़ता रहे और उसमें कभी कमी न हो। लेकिन जीवन के उतार-चढ़ाव के चलते ऐसा नहीं हो पाता। लेकिन यदि नीचे लिखे मंत्र का जप विधि-विधान से किया जाए तो दरिद्र भी धनवान बन जाता है और धनवान की हर इच्छा पूरी होती है। यह मंत्र श्रीपद्मप्रभु तीर्थंकरजी का अनाहत मंत्र है।
मंत्र
ऊँ णमो भगवदो अरहदो पोमे अरहतस्स सिज्झ-धम्मे भगवदो विज्झर महाविज्झर पोमे पोमे महापोमे महापोमेश्वरी स्वाहा।
इस मंत्र को भोजपत्र या किसी धातु के पत्र पर थोड़ा सा उभरा हुआ बनवा लें तथा लकड़ी की चौकी पर रेशमी वस्त्र बिछाकर उस यंत्र को रखकर प्राण प्रतिष्ठा करें। किसी शुभ मुहूर्त से प्रारंभ कर इस मंत्र की कम से कम एक माला का जप प्रतिदिन एक वर्ष तक करें। इस तरह यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा और धन-वैभव में वृद्धि होगी।
नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है
मंत्र
ऊँ णमो भगवदो अरहदो पोमे अरहतस्स सिज्झ-धम्मे भगवदो विज्झर महाविज्झर पोमे पोमे महापोमे महापोमेश्वरी स्वाहा।
इस मंत्र को भोजपत्र या किसी धातु के पत्र पर थोड़ा सा उभरा हुआ बनवा लें तथा लकड़ी की चौकी पर रेशमी वस्त्र बिछाकर उस यंत्र को रखकर प्राण प्रतिष्ठा करें। किसी शुभ मुहूर्त से प्रारंभ कर इस मंत्र की कम से कम एक माला का जप प्रतिदिन एक वर्ष तक करें। इस तरह यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा और धन-वैभव में वृद्धि होगी।
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