शनिदेव का धाम - शनि शिंगणापुर
देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।
शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में स्थित शनिदेव की प्रतिमा लगभग पाँच फीट नौ इंच ऊँची व लगभग एक फीट छह इंच चौड़ी है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहाँ आकर शनिदेव की इस दुर्लभ प्रतिमा का दर्शन लाभ लेते हैं। यहाँ के मंदिर में स्त्रियों का शनि प्रतिमा के पास जाना वर्जित है। महिलाएँ दूर से ही शनिदेव के दर्शन करती हैं।
सुबह हो या शाम, सर्दी हो या गर्मी यहाँ स्थित शनि प्रतिमा के समीप जाने के लिए पुरुषों का स्नान कर पीताम्बर धोती धारण करना अत्यावश्क है। ऐसा किए बगैर पुरुष शनि प्रतिमा का स्पर्श नहीं पर सकते हैं। इस हेतु यहाँ पर स्नान और वस्त्रादि की बेहतर व्यवस्थाएँ हैं।
खुले मैदान में एक टंकी में कई सारे नल लगे हुए हैं, जिनके जल से स्नान करके पुरुष शनिदेव के दर्शनों का लाभ ले सकते हैं। पूजनादि की सामग्री के लिए भी यहाँ आसपास बहुत सारी दुकानें हैं, जहाँ से आप पूजन सामग्री लेकर शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं।
यदि आप पहली बार शनि शिंगणापुर जा रहे हैं तो यहाँ भक्तों की श्रद्धा व विश्वास का नजारा देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएँगे। केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं अपितु तीन-चार वर्ष के शिशु भी इस शीतल जल से स्नान कर शनिदेव के दर्शन के लिए अपने पिता के साथ चल पड़ते हैं। शनि मंदिर में दर्शन करने वाला हर पुरुष श्रद्धालु आपको यहाँ पीताम्बरधारी ही नजर आएगा।
शनि मंदिर का एक विशाल प्रांगण है जहाँ दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगती हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा शनिदेव के दर्शनों की बेहतर व्यवस्थाएँ की गई हैं, जिससे भक्तों को यहाँ दर्शन के लिए धक्का-मुक्की जैसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है। जब आप यहाँ स्थित विशाल शनि प्रतिमा के दर्शन करेंगे तो आप स्वयं सूर्यपुत्र शनिदेव की भक्ति में रम जाएँगे। प्रत्येक शनिवार, शनि जयंती व शनैश्चरी अमावस्या आदि अवसरों पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
शनिदेव हैं मंगलकारी :
आमतौर पर शनिदेव को लेकर हमारे मन में कई भ्रामक धारणाएँ हैं। जैसे कि शनिदेव बहुत अधिक कष्ट देने वाले देवता हैं वगैरह-वगैरह, लेकिन यदि सच कहें तो ऐसा नहीं है। यदि शनि की आराधना ध्यानपूर्वक की जाए तो शनिदेव से उत्तम कोई देवता ही नहीं है। शनि की जिस पर कृपा होती है उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं।
शिंगणापुर की खासियत :
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिंगणापुर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजौरी नहीं है। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज उसकी सजा स्वयं दे देते हैं। जब गाँव वालों पर शनिदेव की कृपा है व चोरी का भय ही नहीं है तो दरवाजे, खिड़की, अलमारी व तिजौरी का क्या काम है?
कैसे पहुँचें शिंगणापुर :
शिर्डी से शिंगणापुर की दूरी - 70 किमी
नासिक से शिंगणापुर की दूरी - 170 किमी
औरंगाबाद से शिंगणापुर की दूरी - 68 किमी
अहमद नगर से शिंगणापुर की दूरी - 35 किमी।....
देश में सूर्यपुत्र शनिदेव के कई मंदिर हैं। उन्हीं में से एक प्रमुख है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। विश्व प्रसिद्ध इस शनि मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ स्थित शनिदेव की पाषाण प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है।
शिंगणापुर के इस चमत्कारी शनि मंदिर में स्थित शनिदेव की प्रतिमा लगभग पाँच फीट नौ इंच ऊँची व लगभग एक फीट छह इंच चौड़ी है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहाँ आकर शनिदेव की इस दुर्लभ प्रतिमा का दर्शन लाभ लेते हैं। यहाँ के मंदिर में स्त्रियों का शनि प्रतिमा के पास जाना वर्जित है। महिलाएँ दूर से ही शनिदेव के दर्शन करती हैं।
सुबह हो या शाम, सर्दी हो या गर्मी यहाँ स्थित शनि प्रतिमा के समीप जाने के लिए पुरुषों का स्नान कर पीताम्बर धोती धारण करना अत्यावश्क है। ऐसा किए बगैर पुरुष शनि प्रतिमा का स्पर्श नहीं पर सकते हैं। इस हेतु यहाँ पर स्नान और वस्त्रादि की बेहतर व्यवस्थाएँ हैं।
खुले मैदान में एक टंकी में कई सारे नल लगे हुए हैं, जिनके जल से स्नान करके पुरुष शनिदेव के दर्शनों का लाभ ले सकते हैं। पूजनादि की सामग्री के लिए भी यहाँ आसपास बहुत सारी दुकानें हैं, जहाँ से आप पूजन सामग्री लेकर शनिदेव को अर्पित कर सकते हैं।
यदि आप पहली बार शनि शिंगणापुर जा रहे हैं तो यहाँ भक्तों की श्रद्धा व विश्वास का नजारा देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएँगे। केवल बड़े-बुजुर्ग ही नहीं अपितु तीन-चार वर्ष के शिशु भी इस शीतल जल से स्नान कर शनिदेव के दर्शन के लिए अपने पिता के साथ चल पड़ते हैं। शनि मंदिर में दर्शन करने वाला हर पुरुष श्रद्धालु आपको यहाँ पीताम्बरधारी ही नजर आएगा।
शनि मंदिर का एक विशाल प्रांगण है जहाँ दर्शन के लिए भक्तों की कतारें लगती हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा शनिदेव के दर्शनों की बेहतर व्यवस्थाएँ की गई हैं, जिससे भक्तों को यहाँ दर्शन के लिए धक्का-मुक्की जैसी किसी भी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है। जब आप यहाँ स्थित विशाल शनि प्रतिमा के दर्शन करेंगे तो आप स्वयं सूर्यपुत्र शनिदेव की भक्ति में रम जाएँगे। प्रत्येक शनिवार, शनि जयंती व शनैश्चरी अमावस्या आदि अवसरों पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
शनिदेव हैं मंगलकारी :
आमतौर पर शनिदेव को लेकर हमारे मन में कई भ्रामक धारणाएँ हैं। जैसे कि शनिदेव बहुत अधिक कष्ट देने वाले देवता हैं वगैरह-वगैरह, लेकिन यदि सच कहें तो ऐसा नहीं है। यदि शनि की आराधना ध्यानपूर्वक की जाए तो शनिदेव से उत्तम कोई देवता ही नहीं है। शनि की जिस पर कृपा होती है उस व्यक्ति के लिए सफलता के सारे द्वार खुल जाते हैं।
शिंगणापुर की खासियत :
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि शिंगणापुर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजौरी नहीं है। दरवाजों की जगह यदि लगे हैं तो केवल पर्दे। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ चोरी नहीं होती। कहा जाता है कि जो भी चोरी करता है उसे शनि महाराज उसकी सजा स्वयं दे देते हैं। जब गाँव वालों पर शनिदेव की कृपा है व चोरी का भय ही नहीं है तो दरवाजे, खिड़की, अलमारी व तिजौरी का क्या काम है?
कैसे पहुँचें शिंगणापुर :
शिर्डी से शिंगणापुर की दूरी - 70 किमी
नासिक से शिंगणापुर की दूरी - 170 किमी
औरंगाबाद से शिंगणापुर की दूरी - 68 किमी
अहमद नगर से शिंगणापुर की दूरी - 35 किमी।....
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