मित्रों,
पूरे भारत में यह नियम लागू किया जाना चाहिए
कि जो भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में है। चाहे
वो कलेक्टर हो या SP या कोई अन्य कर्मचारी।
सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढेंगे और जिनके
बच्चे सरकारी स्कूल में न पढते हो उन्हें
सरकारी नौकरियों से निकाल दिया जाए।
सभी लोग समझ सकते है कि जब जिले के कलेक्टर और
SP तथा अन्य अधिकारीयों के बच्चे सरकारी स्कूल
में पढ़ना आरम्भ कर देंगे, तो उन स्कूल में
शिक्षा का स्तर क्या होगा और शिक्षक किस तरह
की पढाई वहाँ करवाएँगे।
सभी शिक्षक स्कूल समय पर आएँगे और
अपना कार्यपूरी ईमानदारी से करेंगे। जो शिक्षक
किसी जुगाड़ के चलते शिक्षक बने है और पड़ने में
असमर्थ है वो स्वयं अपना इस्तीफा सरकार
को सौंप देंगे।
शिक्षा के स्तर में अचानक उछाल आ जाएगा और
अपने देश के बच्चे भी मिसाल कायम करेंगे।
जो भी मित्र इस पोस्ट को पढ़ रहे है अगर उन्हें
यह सुझाव अच्छा लगे। तो कृपया ये सुझाव अपने-
अपने मुख्यमंत्री तक पहुचाँने की कृपा करें।
पूरे भारत में यह नियम लागू किया जाना चाहिए
कि जो भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में है। चाहे
वो कलेक्टर हो या SP या कोई अन्य कर्मचारी।
सभी के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढेंगे और जिनके
बच्चे सरकारी स्कूल में न पढते हो उन्हें
सरकारी नौकरियों से निकाल दिया जाए।
सभी लोग समझ सकते है कि जब जिले के कलेक्टर और
SP तथा अन्य अधिकारीयों के बच्चे सरकारी स्कूल
में पढ़ना आरम्भ कर देंगे, तो उन स्कूल में
शिक्षा का स्तर क्या होगा और शिक्षक किस तरह
की पढाई वहाँ करवाएँगे।
सभी शिक्षक स्कूल समय पर आएँगे और
अपना कार्यपूरी ईमानदारी से करेंगे। जो शिक्षक
किसी जुगाड़ के चलते शिक्षक बने है और पड़ने में
असमर्थ है वो स्वयं अपना इस्तीफा सरकार
को सौंप देंगे।
शिक्षा के स्तर में अचानक उछाल आ जाएगा और
अपने देश के बच्चे भी मिसाल कायम करेंगे।
जो भी मित्र इस पोस्ट को पढ़ रहे है अगर उन्हें
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