•एसिडिटी -
लक्षण - एसिडिटी, बदहजमी, पेट भरा-भरा मालूम होना, खट्टी डकारें आना, सीने में जलन, सर दर्द, पेट दर्द.
•इसका उपचार निम्नानुसार है -
1.HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 55 की दो गोली दिन में चार बार लें
2.HSL कम्पनी की DROX 13 की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार बार लें.
3.बायो काम्ब नं. 25 की छः गोली दिन में चार बार चूसें.
4.अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स की एक या आधी गोली रोज रात 9 बजे लें.
5.मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को सादे या कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
लक्षण - एसिडिटी, बदहजमी, पेट भरा-भरा मालूम होना, खट्टी डकारें आना, सीने में जलन, सर दर्द, पेट दर्द.
•इसका उपचार निम्नानुसार है -
1.HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 55 की दो गोली दिन में चार बार लें
2.HSL कम्पनी की DROX 13 की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार बार लें.
3.बायो काम्ब नं. 25 की छः गोली दिन में चार बार चूसें.
4.अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स की एक या आधी गोली रोज रात 9 बजे लें.
5.मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को सादे या कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
•शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग -
इसके साथ ही शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करने और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए अगर कोई व्यक्ति निम्न उपचार नियमित रूप से लेता रहता है और खान-पान और एक्सरसाइज निम्नलिखित अनुसार करेगा, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होगी और वे आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेंगे -
1.आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे Nux Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें. साथ ही हर 15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये दवा 30 पावर में दें.
2.अगर संभव हो तो आप सुबह दो गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
3.फिर संभव हो तो पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. साथ ही 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें.
4.सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
5.फिर एक घंटे बाद नारियल पानी लें.
6.उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
7.रोज सुबह चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और शाम के समय चुम्बकों को पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगाये.
8.गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
9.तत्काल जमे दही की छाछ भी ले सकते हैं.
10.खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें और रात को सोने से पहले भी करें.
11.रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
12.अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
13.अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
14.अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
15.अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी. इस पुस्तक को निशुल्क मंगवाने के लिये अपना पूरा नाम, पता, शहर, राज्य और पिन कोड के साथ मेरे फेसबुक के मेसेज बाक्स में ही लिखे, क्योकि कई बार किसी अन्य जगह या ग्रुप में पता लिखने पर मुझे मालूम नहीं पड़ता है और मैं भेज नहीं पाता हूँ.
16.होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
17.किसी को अगर दवा न मिले, तो दवाई के Composition को 6 या 30 की पावर में मिलवा कर ले सकते हैं.
18.किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
19.सावधानी – होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
20.हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें, क्योकि हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
21.इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
https://sanwariyaa.blogspot.com
इसके साथ ही शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करने और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए अगर कोई व्यक्ति निम्न उपचार नियमित रूप से लेता रहता है और खान-पान और एक्सरसाइज निम्नलिखित अनुसार करेगा, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होगी और वे आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेंगे -
1.आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे Nux Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें. साथ ही हर 15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये दवा 30 पावर में दें.
2.अगर संभव हो तो आप सुबह दो गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
3.फिर संभव हो तो पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. साथ ही 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें.
4.सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
5.फिर एक घंटे बाद नारियल पानी लें.
6.उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
7.रोज सुबह चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और शाम के समय चुम्बकों को पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगाये.
8.गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
9.तत्काल जमे दही की छाछ भी ले सकते हैं.
10.खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें और रात को सोने से पहले भी करें.
11.रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
12.अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
13.अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
14.अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
15.अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी. इस पुस्तक को निशुल्क मंगवाने के लिये अपना पूरा नाम, पता, शहर, राज्य और पिन कोड के साथ मेरे फेसबुक के मेसेज बाक्स में ही लिखे, क्योकि कई बार किसी अन्य जगह या ग्रुप में पता लिखने पर मुझे मालूम नहीं पड़ता है और मैं भेज नहीं पाता हूँ.
16.होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
17.किसी को अगर दवा न मिले, तो दवाई के Composition को 6 या 30 की पावर में मिलवा कर ले सकते हैं.
18.किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
19.सावधानी – होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
20.हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें, क्योकि हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
21.इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
https://sanwariyaa.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.