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सोमवार, 17 जनवरी 2022

सभी उत्तराखंड के नौजवान मित्रों से निवेदन है कि वह गूगल पर रामपुर तिराहा कांड✍️✍️✍️ सर्च करें*

*🕉️🚩सभी उत्तराखंड के नौजवान मित्रों से निवेदन है कि वह गूगल पर रामपुर तिराहा कांड✍️✍️✍️ सर्च करें* 

दरअसल हम भारतीयों की याददाश्त बहुत छोटी होती है हम भारतीय राजनीतिक पार्टियों के कुकर्मों को बहुत जल्दी भूल जाते हैं

1 अक्टूबर 1994, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और नरसिंह राव प्रधानमंत्री थे 

केंद्र की कांग्रेस की सरकार में मुलायम सिंह यादव यानी समाजवादी पार्टी भी गठबंधन में शामिल थी और केंद्र में हरीश रावत कम्युनिकेशन मंत्री थे 

उस वक्त उत्तराखंड नहीं बना था उत्तर प्रदेश था और पहाड़ के लोगों यानी आज के उत्तराखंड के लोगों की यह मांग थी कि उन्हें किसी भी काम से राजधानी लखनऊ या फिर हाईकोर्ट इलाहाबाद जाना बहुत दूर होता है और उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों का अपना एक अलग राज्य होना चाहिए

 लेकिन मुलायम सिंह यादव उत्तराखंड बनने के सख्त खिलाफ थे और केंद्र की कांग्रेस सरकार भी उत्तराखंड बनाने के सख्त खिलाफ थी

 कई डेलिगेशन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मिला उन्होंने उत्तराखंड की मांग को अस्वीकार कर दिया यहां तक कि पहाड़ के लोगों ने उस वक्त केंद्र में मंत्री हरीश रावत से भी मुलाकात किया और मीडिया में आकर हरीश रावत ने बयान दिया कि उत्तराखंड की मांग नाजायज है 

आंदोलनकारी अपना दबाव बढ़ा रहे थे फिर उत्तराखंड के लोगों ने लखनऊ मार्च का एलान किया लेकिन मुलायम सिंह यादव किसी भी तरीके से इन आंदोलनकारियों को लखनऊ नहीं पहुंचना देना चाहते थे और फिर मुजफ्फरनगर जिले के रामपुर तिराहे पर देहरादून धारचूला यानी पहाड़ी क्षेत्र से निकले लोगों पर 1 अक्टूबर की रात से लेकर 2 अक्टूबर के दोपहर तक लगभग 15000 राउंड फायरिंग पुलिस वालों ने किया

 इस फायरिंग में सरकारी रिकॉर्ड में 12 लोगों की मौत हुई जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है 100 से ज्यादा लोग मारे गए सरकारी रिकॉर्ड में पुलिस वालों ने 4 महिलाओं का बलात्कार किया जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है मुलायम सिंह यादव और केंद्र की कांग्रेस सरकार के इशारे पर 40 से ज्यादा महिलाओं के बलात्कार किए गए 

इतनी जघन्य हत्याकांड के बाद भी हरीश रावत ने कांग्रेस के लोकसभा सदस्य पद या केंद्र में मंत्री पद या कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था और आज यह दोगला पहाड़ियत और  उत्तराखंडीयत की बात कर रहा है

और कुछ वर्षों बाद जैसे ही केंद्र में अटल जी की सरकार बनी तुरंत उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राज्य बने

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