एक माँ ने सामाजिक दबाब में आकर कन्या भ्रूणहत्या के लिए दवा खा ली है
अब कन्या भ्रूण के पास जो थोड़ा सा समय शेष है
उसमें वह अपनी माँ से कुछ दिन की बात कहती है वो कया हैॽ
मैं आती तो घर के अंदर ... गुड़िया घर बनवाती माँ
मैं आती तो संग तेरे ... पूजा की थाल सजवाती माँ
चूड़ी कंगन पहन के मैं ...खन खन खन खनाती माँ
मैं आती तो पैरो मैं पायल ... छन छन छन छनकाती माँ
साड़ी तेरी तह करके ... आलमारी में रखवाती माँ
रंग बिरंगी रंगोली से ... घर आँगन सजवाती माँ
दीवाली में दियों में बाती ... तेरे संग लगवाती माँ
परेशानी में सहेली बनकर ... तुझको में समझती माँ
नाना-नानी कौन कहेगा ... मामा-मामी के संग रहेगा
जब कन्या भ्रूण मारी जायेगी ... तब रिश्ते भी मर जायेगे
ये शब्द अनसुने रह जायेंगे ... खैंर छोड़ इन बातों को
तूझे मैं ये बतलाती माँ... तेरे लिये सब से लड़ती
मेरे लिये कौन लड़ेगा ... माँ तेरा आँचल क्यूँ भीगा है
तूँ अब क्यूँ रोती है ... छोड़ स्वप्न की बातें
तेरी बिटिया अब ... चिर निद्रा में सोती है..… :'( :'( .. such a emotionally or truth :'(
अब कन्या भ्रूण के पास जो थोड़ा सा समय शेष है
उसमें वह अपनी माँ से कुछ दिन की बात कहती है वो कया हैॽ
मैं आती तो घर के अंदर ... गुड़िया घर बनवाती माँ
मैं आती तो संग तेरे ... पूजा की थाल सजवाती माँ
चूड़ी कंगन पहन के मैं ...खन खन खन खनाती माँ
मैं आती तो पैरो मैं पायल ... छन छन छन छनकाती माँ
साड़ी तेरी तह करके ... आलमारी में रखवाती माँ
रंग बिरंगी रंगोली से ... घर आँगन सजवाती माँ
दीवाली में दियों में बाती ... तेरे संग लगवाती माँ
परेशानी में सहेली बनकर ... तुझको में समझती माँ
नाना-नानी कौन कहेगा ... मामा-मामी के संग रहेगा
जब कन्या भ्रूण मारी जायेगी ... तब रिश्ते भी मर जायेगे
ये शब्द अनसुने रह जायेंगे ... खैंर छोड़ इन बातों को
तूझे मैं ये बतलाती माँ... तेरे लिये सब से लड़ती
मेरे लिये कौन लड़ेगा ... माँ तेरा आँचल क्यूँ भीगा है
तूँ अब क्यूँ रोती है ... छोड़ स्वप्न की बातें
तेरी बिटिया अब ... चिर निद्रा में सोती है..… :'( :'( .. such a emotionally or truth :'(
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