शनिवार ही नहीं, बाकी दिनों में इन उपायों से भी शनि चमकाते हैं किस्मत
धर्मशास्त्रों के मुताबिक सकारात्मक नजरिए से शनि ऐसे देवता हैं जो अच्छे कामों व मेहनत के बूते खुशहाल बनने की प्रेरणा देते हैं। हालांकि शिव से मिली न्यायाधीश की जिम्मेदारी से शनि कड़ा रुख अपनाते हैं। फिर भी इसके जरिए वे अनुशासन, संयम, पवित्रता और संकल्प के साथ मकसद को पूरा करने का सबक ही देते हैं।
इस पहलू को अनदेखा कर जब इंसान बुरी सोच के साथ काम व बर्ताव करता है तो शनिदेव सजा देकर गलतियों का एहसास कराने से भी नहीं चूकते। यही वजह है कि शनि कृपा जहां भाग्य संवारने वाली तो दण्ड मुश्किलें पैदा करने वाला माना जाता है।
शास्त्रों के मुताबिक शनि कृपा से लाभ पाने और साढ़े साती, ढैय्या या शनि के बुरे असर से बचने के लिए हर दिन कुछ सरल उपाय भी हैं। इनको अपनाकर शनि के साथ अन्य देवताओं की कृपा भी सुख-संपत्ति देने वाली साबित हो सकती है।
मंगलवार व शनिवार को श्रीहनुमान को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। श्रीहनुमान ऐसे देवता माने जाते हैं जिन पर शनि की क्रूर दृष्टि भी बेअसर हुई।
बुधवार को श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाकर मोदक का भोग लगाएं। पौराणिक मान्यता है कि गणेश श्रीकृष्ण के अवतार हैं व शनि श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं।
गुरुवार को इष्ट या गुरु मंत्रों का ध्यान करें, क्योंकि गुरु व बड़ों का आदर शनि को प्रसन्न करता है।
शुक्रवार को नवदुर्गा की उपासना कर घर में बनी खीर का भोग लगाएं। देवी उपासना शनि सहित हर ग्रहदोष शांत कर देती है
शनिवार को शनि को सरसों का तेल, काले वस्त्र, काली उड़द, काले तिल चढ़ाएं। शनि मंत्रों का जप करें। तेल के पकवान का भोग लगाएं।
रविवार व हर रोज ही जल में काले तिल डाल स्नान करें। देववृक्ष पीपल की जड़ में दूध व काले तिल चढ़ाएं।
शनि के स्वामी व गुरु भगवान शिव माने जाते हैं। सोमवार को शिव पूजा व मंत्र जप करें।
धर्मशास्त्रों के मुताबिक सकारात्मक नजरिए से शनि ऐसे देवता हैं जो अच्छे कामों व मेहनत के बूते खुशहाल बनने की प्रेरणा देते हैं। हालांकि शिव से मिली न्यायाधीश की जिम्मेदारी से शनि कड़ा रुख अपनाते हैं। फिर भी इसके जरिए वे अनुशासन, संयम, पवित्रता और संकल्प के साथ मकसद को पूरा करने का सबक ही देते हैं।
इस पहलू को अनदेखा कर जब इंसान बुरी सोच के साथ काम व बर्ताव करता है तो शनिदेव सजा देकर गलतियों का एहसास कराने से भी नहीं चूकते। यही वजह है कि शनि कृपा जहां भाग्य संवारने वाली तो दण्ड मुश्किलें पैदा करने वाला माना जाता है।
शास्त्रों के मुताबिक शनि कृपा से लाभ पाने और साढ़े साती, ढैय्या या शनि के बुरे असर से बचने के लिए हर दिन कुछ सरल उपाय भी हैं। इनको अपनाकर शनि के साथ अन्य देवताओं की कृपा भी सुख-संपत्ति देने वाली साबित हो सकती है।
मंगलवार व शनिवार को श्रीहनुमान को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। श्रीहनुमान ऐसे देवता माने जाते हैं जिन पर शनि की क्रूर दृष्टि भी बेअसर हुई।
बुधवार को श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाकर मोदक का भोग लगाएं। पौराणिक मान्यता है कि गणेश श्रीकृष्ण के अवतार हैं व शनि श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं।
गुरुवार को इष्ट या गुरु मंत्रों का ध्यान करें, क्योंकि गुरु व बड़ों का आदर शनि को प्रसन्न करता है।
शुक्रवार को नवदुर्गा की उपासना कर घर में बनी खीर का भोग लगाएं। देवी उपासना शनि सहित हर ग्रहदोष शांत कर देती है
शनिवार को शनि को सरसों का तेल, काले वस्त्र, काली उड़द, काले तिल चढ़ाएं। शनि मंत्रों का जप करें। तेल के पकवान का भोग लगाएं।
रविवार व हर रोज ही जल में काले तिल डाल स्नान करें। देववृक्ष पीपल की जड़ में दूध व काले तिल चढ़ाएं।
शनि के स्वामी व गुरु भगवान शिव माने जाते हैं। सोमवार को शिव पूजा व मंत्र जप करें।
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