आइये आपको आसान शब्दों में बताता हूँ
कई बार आपने इंटरनेट साइटों पर ऐसे कैप्चा कोड देखे होंगे :-
ये आमतौर पर गूगल द्वारा इस्तेमाल किये जाते हैं. इसमें आपको तस्वीरें चुन कर आगे बढ़ना होता है
- गूगल एक प्रणाली के तहत आपके माउस की मूवमेंट, यानि आप माउस को कैसे चलाते हैं, इस डाटा का नमूना अपने पास सुरक्षित रखता है
- एक आम इंसान इन तस्वीरों को सेलेक्ट करने के लिए अपनी उँगलियों से माउस को अलग-अलग दिशाओं में घुमाता है. इसका मतलब, माउस एक सीधे लाइन में नहीं चलता.
- एक रोबोट या कृत्रिम मशीन अगर इन तस्वीरों को सेलेक्ट करने कि कोशिश करता है तो वह एक ही लाइन में माउस को मूव करता है. या यूं कहिये, वह माउस को एक बार में अलग-अलग दिशाओं में नहीं घुमा पाता, जैसा कि इंसान करते हैं.
- इसमें मुख्य फर्क इस बात से आता कि इंसान की अंगुलियाँ होती हैं पर रोबोट या कृत्रिम बुद्धिमता की नहीं.
- इस आधार पर गूगल यह पता करता है कि उपयोगकर्ता मनुष्य है या रोबोट.
कई लोगों को कैप्चा से फोटो चुनना व्यर्थ और उबाऊ काम लगता है.
यकीन मानिए, यह हाल-फिलहाल में हैकिंग से बचने का सबसे आसान और उपयोगी तरीका है जिससे हमारा और इंटरनेट साइटों का काफी समय बचता है.
पढ़ने के लिए धन्यवाद
स्रोत : कैप्चा की कार्य-प्रणाली
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