*#कलियुग में भी ऐसा होता हैं !!!!*
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#मेरठ में हुई एक युवक की मौत का गम बांटने पहुँचे *#बंदर* की उपस्थिति वहाँ सभी को हैरान कर गयी। #मृतक के साथ उस बंदर ने ऐसा व्यवहार किया कि मानों वह मृतक का बहुत करीबी रहा हो। बंदर के हाव-भाव,प्रतिक्रिया और हरकतें बिल्कुल इंसानों जैसी थी।
*एनएएस कालेज* में वरिष्ठ लिपिक *#सुरेंद्र_सिंह* 86/3 #शास्त्री_नगर में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह जी का बड़ा बेटा सुनील तोमर (31) तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में वकील था। कैंसर की बीमारी से सुनील की शुक्रवार रात दिल्ली में मृत्यु हो गई।
परिजन शनिवार सुबह करीब साढ़े चार बजे उसका शव लेकर घर पहुंचे।घर पहुंचने के बाद जब परिजन और आसपास के लोग गमगीन माहौल में #अंतिम_यात्रा की तैयारी में जुटे थे।तभी करीब पांच बजे *एक बंदर* भीड़ के बीच से होकर *शव के पास* जा बैठा। बंदर ने पहले सुनील के *पैरों को छुआ* और फिर उसके सिर के पास जाकर बैठ गया। जब शव को स्नान कराया गया तो इस बंदर ने भी एक व्यक्ति के हाथ से लोटा लेकर *पानी शव* के ऊपर डाला।
*#शवयात्रा में भी हुआ शामिल..*
शवयात्रा में शामिल होते हुए बंदर #सूरजकुंड स्थित *#शमशान_घाट* तक जा पहुंचा। उसने *चिता पर लकड़ी* तक रखने का प्रयास किया। बंदर ने कफन में ढके शव का चेहरा उघाड़ कर अंतिम दर्शन करते हुए एक बार फिर उसके पैर छुए,अंतिम क्रिया में परिजनों की मदद की।
अंतिम संस्कार के बाद जब गमगीन लोग हैंड-पंप पर हाथ पांव धोकर पानी पी रहे थे,वहीं क्रिया बंदर ने भी की। अंतिम क्रिया के बाद अन्य लोगों के साथ बंदर फिर सुरेंद्र सिंह के घर वापस आ गया।
*!! #मां और पत्नी से लिपटकर रोया !!*
घर पहुंच कर बंदर ने अपने हाथों से गमगीन लोगों को पानी पीने के लिए गिलास दिए। उसके बाद रोती हुई सुनील की *मां प्रेमवती* की गोद में बैठकर और सुनील की पत्नी पूनम को गले लगकर #सांत्वना दी। लोगों के घर से जाते ही बंदर भी चला गया। लोगों के अनुसार उन्होंने इस बंदर को पहले कभी भी मोहल्ले में नहीं देखा था।
*---#हनुमान_भक्त था सुनील...!!*
सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुनील *हनुमान भक्त* था। #मेहंदीपुर स्थित #बालाजी के दरबार में वह अक्सर जाता था। बालाजी की बहुत ही *#श्रद्धा और #नियम* से पूजा किया करता था। सुरेंद्र सिंह के अनुसार यह बन्दर पहले कभी यहाँ नहीं आया...
#जय_श्री_राम #जयहनुमान #जय_बजरंग_बली
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