कैसे बनते हैं आप ठगी के शिकार? जानिए इससे कैसे बचें:
Real Estate Fraud
Real Estate Fraud: आजकल धोखाधड़ी बढ़ गयी है । अक्सर वही लोग इनके जाल में फंसते हैं जो लालची होते हैं और कम समय में अधिक मुनाफे की आस लगाए बैठते हैं। वहीं दूसरे वो लोग होते हैं जिन्हें या तो संबंधित विषय की जानकारी नहीं होती है या फिर अधूरी जानकारी होती है। आज कल धोखाधड़ी करने वाले कई तरीके से कई क्षेत्रों में अपने जाल बिछाए बैठे हैं। उन्हीं में से एक है रियल एस्टेट फ्रॉड (Real Rstate Fraud)। जहां एक आम व्यक्ति अपना आशियाना खरीदने के चक्कर में फ्रॉड का शिकार हो जाता है। क्योंकि कुछ गलत नीयत के लोग सस्ता और अच्छा घर देने के लालच में ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं।
Real Estate Fraud: कैसे होता है रियल एस्टेट फ्रॉड?
ग्राहक के तौर पर एक व्यक्ति मकान खरीदने के लिए किसी प्रॉपर्टी डीलर, बिल्डर या फिर रियल एस्टेट एजेंट के पास जाता है। इस दौरान उससे कई तरह के वादे किए जाते हैं। और कई बार धोकेबाज लोग खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताकर लोगों को ठगते हैं। ये लोग अच्छी और सस्ती प्रॉपर्टी दिलाने के बहाने लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। कई बार नकली पेपर्स के जरिये भी लोगों के साथ ठगी को अंजाम दिया जाता है।
धोखेबाजी से बचने के लिए क्या करें?
- किसी भी अनजान प्रॉपर्टी डीलर या ब्रोकर से दुकान या मकान खरीदने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच करें। अगर वो पूरा पैसा एक बार में ही नकद मांग रहा हो तो उससे प्रॉपर्टी न खरीदें।
- प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े और जांच करें कि उसमें लिखी सभी फैसिलिटी आपके द्वारा खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी में है या नहीं।
- अगर आप किसी ब्रोकर या डीलर के द्वारा प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो डील के वक्त उसके मालिक का वहां मौजूद होना जरुरी है। प्रॉपर्टी के पेपर्स सादे कागज पर हो और प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा हो तो ऐसी प्रॉपर्टी को बिल्कुल भी न खरीदें।
- प्रॉपर्टी खरीदते समय उसके पेपर्स पूरी तरह से ओरिजनल हों। अगर प्रॉपर्टी की रकम देने का बावजूद आपको उसपर मालिकाना हक न दिया गया हो।
रियल एस्टेट फ्रॉड के शिकार होने पर क्या करें?
अगर आप रियल एस्टेट फ्रॉड के शिकार हो गए हैं तो भारतीय कानून रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डेवेलपमेंट) एक्ट 2016 (रेरा / RERA) के तहत अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। ये कानून रियल एस्टेट क्षेत्र को विनियमित (रेग्युलेट) करना और घर खरीदारों की समस्याओं का समाधान करता है। RERA कानून के सेक्शन 31 के हिसाब से रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA Office) में जाकर रियल एस्टेट एजेंटो, ब्रोकर्स और प्रमोटरों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
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